बालाघाट में लोकायुक्त पुलिस ने गुरुवार देर शाम 30 हजार रुपए की रिश्वत लेते बैहर बीएमओ के बाबू प्रवीण जैन और उनके बेटे प्रिंस जैन को रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। मामला शुक्रवार को सामने आया। दरअसल, 23 दिसंबर को सील किए गए इलेक्ट्रो होम्योपैथी क्लीनिक को सीलबंद करने के बाद चाबी देने के नाम पर बैहर बीएमओ में पदस्थ बाबू प्रवीण जैन ने क्लीनिक के डॉ. दिनेश कुमार मरकाम से एक लाख रुपए की मांग की। जिसमें 50 हजार नकद और पुत्र प्रिंस जैन से दवा लेने पर कमीशन के रूप में 50 हजार देने की बात पर सौदा तय किया था। जानकारी के मुताबिक, डॉ. दिनेश कुमार मरकाम, गढ़ी में इलेक्ट्रो होम्योपैथी क्लीनिक का संचालन करते हैं, जो 23 दिसंबर को क्लिनिक में मौजूद मरीजों के लिए दवा बना रहे थे। इसी दौरान बैहर बीएमओ की टीम ने यहां छापामार कार्रवाई की। पीड़ित डॉ. मरकाम ने बताया कि टीम में डॉ. अनंत लिल्हारे, डॉ. बिसेन मंडलेकर और दो अन्य आए थे। लोकायुक्त डीएसपी दिलीप झरवड़े बताया कि क्लीनिक को दवाओं की सूची बनाकर सीलबंद कर दिया गया था। पीड़ित डॉ. मरकाम ने कहा- सीलबंद कार्रवाई के तीसरे दिन प्रवीण जैन ने उनसे सीलबंद क्लीनिक की चाबी के लिए एक लाख की डिमांड की। बेटे के ऑपरेशन में लगी लाखों रूपए की राशि के कारण इतनी बड़ी रकम देने में मैने असमर्थता जाहिर की, लेकिन प्रवीण जैन, एक लाख की राशि पर अड़े रहे और उन्होंने 50 हजार नकद और बेटे के दवा खरीदी पर 50 हजार कमीशन में सौदा तय किया। हालांकि, मेरे पास राशि नहीं होने से 30 हजार की राशि जमा की और लोकायुक्त पुलिस को इसकी सूचना दी। पुलिस महानिदेशक लोकायुक्त जयदीप प्रसाद के निर्देश पर लोकायुक्त जबलपुर की इस कार्रवाई पर लोकायुक्त पुलिस डीएसपी दिलीप झरवडे ने बताया कि डॉ. दिनेश कुमार मरकाम ने लोकायुक्त पुलिस में शिकायत की थी कि, वह बीईएमएस सीसीएस से रजिस्टर्ड होकर (जन स्वास्थ्य रक्षक) के रूप प्रैक्टिस करता है, उसकी ग्राम गढ़ी में संजीवनी दवाखाना के नाम से क्लीनिक है।