बुरहानपुर के दूरस्थ आदिवासी क्षेत्र में एक अनूठी पहल देखने को मिली। मोबाइल नेटवर्क से वंचित इस क्षेत्र में ग्रामीणों ने जन सहयोग से 5 दिवसीय श्री गीता रामायण सत्संग का आयोजन किया। 19 से 23 फरवरी तक चले इस कार्यक्रम में पाल आश्रम के संत गोपाल चैतन्य महाराज ने प्रवचन दिए। समापन दिवस पर आदिवासी समाज के प्रमुख पटेल करम सिंग और कमल पटेल ने महत्वपूर्ण संकल्प लिया। उन्होंने कहा कि वे पहले स्वयं शराबबंदी और पशु बलि बंद करेंगे, फिर गांव वालों को भी इस प्रथा से मुक्त कराएंगे। शिक्षा के महत्व पर दिया जोर, डीएसपी बनी बेटी को किया सम्मानित संत गोपाल चैतन्य महाराज ने आदिवासी समाज में शिक्षा के महत्व पर जोर दिया। कार्यक्रम में आदिवासी समाज की बेटी रानु मुजाल्दे को डीएसपी बनने पर सम्मानित किया गया। भंडारे का हुआ आयोजन, हजारों की संख्या में पहुंचे लोग समापन समारोह दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक चला। इसके बाद भंडारे का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में नेपानगर की पूर्व विधायक सुमित्रादेवी कास्डेकर, भाजपा जिलाध्यक्ष डॉ. मनोज माने सहित कई गणमान्य लोग शामिल हुए। जनपद अध्यक्ष प्रतिनिधि प्रदीप पाटिल ने ग्रामीणों को मनरेगा के तहत पौधरोपण योजना की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 5 पौधे लगाने और एक साल तक उनकी देखभाल करने पर 2750 रुपए मिलेंगे। ग्रामीणों ने बताया अनोखा अनुभव धुलकोट क्षेत्र के ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने अपने जीवन में इतना बड़ा सत्संग कार्यक्रम पहले कभी नहीं देखा। कार्यक्रम के लिए समाज के लोगों ने राशन और नकद राशि का सहयोग दिया। करीब 10 हजार से अधिक आदिवासी समाज के लोग कथा सुनने पहुंचे। देखें तस्वीरें-
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