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महंत से ठगकर 40 लाख रुपए डिजिटल करेंसी में बदले:इंदौर में भी बंटा पैसा; पुलिस को शक- मुख्य सरगना यहीं का

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उज्जैन में रामकृष्ण मिशन आश्रम के महंत से ठगे गए 71 लाख में से 40 लाख रुपए आरोपियों ने फौरन डिजिटल करेंसी यूएसडीटी में बदल दिए। इसके बाद यह रकम बांट ली गई। इंदौर में भी इसका पैसा ट्रांसफर हुआ है। पुलिस को शक है कि गिरोह का मुख्य सरगना इंदौर या फिर गुजरात का हो सकता है। इस केस में पुलिस ने इंदौर के चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों से पता चला है कि ठगी गई रकम बदमाशों ने बाइनेंस ऐप के जरिए डिजिटल करेंसी यूएसडीटी में बदली थी। उनसे यह भी पता चला है कि वे वारदात करने के लिए शुक्रवार या शनिवार का दिन ही चुनते हैं। ऐसा इसलिए, क्योंकि शनिवार – रविवार को बैंक में कामकाज बंद रहता है। पीड़ित पुलिस तक पहुंच भी जाए, लेकिन ठग चुकी रकम होल्ड नहीं करवा सके। महंत को 18 घंटे बंधक रखा, आ गया था माइनर अटैक
रामकृष्ण मिशन आश्रम के महंत स्वामी प्रदीप्ता नंद दवे के साथ 12 नवंबर को वारदात हुई थी। 24 घंटे उन्हें बदमाशों ने डिजिटल अरेस्ट रखकर 71 लाख रुपए ट्रांसफर करवा लिए थे। वे इतना डर गए थे कि उन्हें माइनर अटैक आने पर अस्पताल में भर्ती कराना पड़ था। आश्रम के कुछ लोगों के हिम्मत देने पर घटना के 18 दिन बाद उन्होंने पुलिस से शिकायत की थी। पुलिस ने 30 लाख 75 हजार रुपए होल्ड कराए
एसपी प्रदीप शर्मा ने बताया कि पूरे नेक्सेस में एक दो नहीं, दो दर्जन से अधिक लोग काम करते हैं। इसमें वीडियो कॉल करने वाले से लेकर अकाउंट किराए पर देने वाले लोग शामिल होते हैं। घटना के बाद पुलिस ने बैंक में रखे 23 लाख और आरोपी के खाते से 9 लाख 75 हजार रुपए होल्ड करवा दिए थे। एसपी के मुताबिक, 12 नवंबर को महंत ने दो अलग-अलग बैंक खातों में जैसे ही रकम ट्रांसफर की, बदमाशों ने 40 लाख रुपए डिजिटल करेंसी में बदले। इसके बाद यह रकम ऊपर से नीचे तक के सभी लोगों में बांट दी गई। आरोपियों से पूछताछ जारी, बड़ा खुलासा संभव
महंत से ठगे गए रुपए यस बैंक के खाते से अलग-अलग बैंक अकाउंट में ट्रांसफर किए गए थे। 9,79,500 रुपए महेश फतेचंदानी के एसबीआई बैंक (शाखा पल्सिकार कॉलोनी, इंदौर) में ट्रांसफर हुए। महेश का पता चलते ही थाना नानाखेड़ा पुलिस ने उसे, मयंक सेन और यश अग्रवाल को गिरफ्तार किया। इन्होंने बताया कि पैसे उन्होंने अकाउंट से निकालकर सतवीर राजपूत को दिए हैं। इसके बदले हर एक को कमीशन के 19 हजार 500 रुपए मिले हैं। इसके बाद पुलिस ने सतवीर को भी गिरफ्तार किया। सतवीर भी बाकी तीनों की तरह इंदौर का रहने वाला है। सतवीर ने बताया कि पैसा उसने विशाल और चेतन सिसोदिया को दिया था। विशाल, चेतन और इनके साथी ऑनलाइन धोखाधड़ी कर जुटाई रकम को बाइनेंस ऐप के वॉलेट पर यूएसडीटी करंसी में कन्वर्ट कर दूसरे आरोपियों को भेजते थे। एसपी का कहना है कि आरोपी चेतन और विशाल के पकडे़ जाने के बाद मामले में बड़ा खुलासा संभव है। फिलहाल, पकड़ में आ चुके चारों आरोपियों से पूछताछ की जा रही है। इनकी 7 दिन की रिमांड मिली है। बाइनेंस के मैनेजमेंट से भी जानकारी मांगी
एसपी ने बताया कि डिजिटल अरेस्ट मामले में पूरा गिरोह काम करता है। कॉल करने वाले गिरोह में टॉप पॉजिशन पर बैठा होता है। इसके बाद वो दो लोगों को, ये दो चार को, चार को आठ और आठ से 16 लोगों तक जोड़ते जाते हैं। बाइनेंस के मैनेजमेंट से भी जानकरी मांगी है। विशाल से बड़ी लीड मिलने की संभावना है। इसके बाद मुख्य सरगना तक पहुंचा जा सकता है। मुख्य आरोपी इंदौर या फिर गुजरात के होने की संभावना दिखाई दे रही है। सीनियर सिटिजन बदमाशों के लिए सॉफ्ट टारगेट
एसपी ने बताया कि बदमाशों का सॉफ्ट टारगेट बुजुर्ग होते हैं। बाइनेंस ऐप से रुपए को तत्काल यूएसडीटी में कन्वर्ट कर लिया जाता है। इस वजह से बदमाश इसका ज्यादात इस्तेमाल करते हैं। इसके लिए शुक्रवार या शनिवार का दिन खासतौर पर चुना जाता है, ताकि बैंक बंद होने की स्थिति में ट्रांसफर की गई राशि को फरियादी पुलिस के पास जाकर होल्ड नहीं करवा ले। घटना से जुड़ी यह खबर भी पढ़िए… महंत को 24 घंटे डिजिटल अरेस्ट रखा, 71 लाख ठगे

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