राजस्थान और उत्तर प्रदेश के साथ नदी जोड़ो परियोजना पर काम शुरू करने के बाद मोहन सरकार अब महाराष्ट्र के साथ इस परियोजना पर काम करेगी। इसे लेकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से चर्चा की और ताप्ती-कन्हान नदी प्रोजेक्ट को पूरा कराने पर सहमति ली है। महाराष्ट्र के सीएम फडणवीस ने इस परियोजना में सहयोग देने की बात कही है। इस परियोजना से एमपी के बुरहानपुर और छिंदवाड़ा जिलों के आसपास के इलाकों को सिंचाई और पानी मिलेगा, जबकि महाराष्ट्र में नागपुर की पेयजल व्यवस्था में सुधार होगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंत्रालय में अधिकारियों के साथ बैठक के बाद कहा कि ताप्ती और कन्हान नदी परियोजना लंबे समय से लंबित थी। अब इस पर काम करने की सहमति बनी है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि महाराष्ट्र के अधिकारियों के साथ बैठक कर प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाए। एमपी के 1.23 लाख असिंचित इलाकों को मिलेगा पानी सीएम यादव ने बताया कि परियोजना के प्रभावी होने पर ताप्ती नदी के तहत आने वाले एमपी के लगभग 1 लाख 23 हजार हेक्टेयर असिंचित क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध हो सकेगी, जबकि महाराष्ट्र के 2 लाख 34 हजार हेक्टेयर क्षेत्र को जल मिल सकेगा। इससे एमपी के बुरहानपुर, नेपानगर, खकनार, खालवा तहसीलों को पानी मिलेगा, जबकि छिंदवाड़ा भी लाभान्वित होगा। महाराष्ट्र में नागपुर और अन्य जिलों को भी पानी मिलेगा। यूपी-राजस्थान के बाद अब महाराष्ट्र के साथ योजना मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि उनकी सरकार बनने के बाद राजस्थान के साथ पार्वती-कालीसिंध-चंबल परियोजना को पूरा करने पर काम हो रहा है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश सरकार के साथ केन-बेतवा प्रोजेक्ट पर काम शुरू किया गया और अब महाराष्ट्र के साथ तीसरी योजना पर भी आगे बढ़ रहे हैं। जल्द ही महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के साथ बैठक कर परियोजना को लागू करने का कार्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में किया जाएगा। सीएम यादव ने कहा कि विकास यात्रा के तहत प्रदेश के सभी सेक्टर में काम हो रहा है। राज्य की नदियों का आसपास के राज्यों के साथ मिलन कराकर पानी का बंटवारा किया जा रहा है ताकि पीने के पानी की समस्या खत्म हो, औद्योगीकरण को बढ़ावा मिले और अन्य कार्यों में सहयोग किया जा सके। महाराष्ट्र के साथ नदियों से जुड़े कुछ विवाद थे, जिन्हें समाप्त करने के लिए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से चर्चा हुई है। गौरतलब है कि ताप्ती नदी मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात राज्यों से होकर बहती है, जबकि कन्हान नदी छिंदवाड़ा जिले के दमुआ से निकलती है और नागपुर तथा भंडारा जिलों से होकर गुजरती है। ये खबर भी पढ़ें… केन-बेतवा की नहर से बुझेगी बुंदेलखंड की प्यास:खेतों और घरों तक पहुंचेगा पानी, पीएम मोदी ने किया शिलान्यास पानी की कमी से पलायन की मार झेल रहे बुंदेलखंड के किसानों की मुश्किलें अब खत्म होने वाली हैं। केन और बेतवा नदियों को जोड़ने वाली ऐतिहासिक परियोजना से यहां के 10 जिलों को इस समस्या से निजात मिलेगी। यहां के ज्यादातर किसान पानी के अभाव में सिर्फ खरीफ की फसलें ही उगाते हैं। पूरी खबर पढ़ें… पार्वती-कालीसिंध-चंबल रिवर लिंकिंग प्रोजेक्ट की शुरुआत:पीएम मोदी की मौजूदगी में एमपी, राजस्थान और केंद्र सरकार के बीच एमओयू पार्वती-कालीसिंध-चंबल (पीकेसी) परियोजना से एमपी में चंबल से लेकर मालवा तक के 3150 गांवों की 6 लाख 13 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई हो सकेगी। एमपी के 11 जिलों- गुना, शिवपुरी, सीहोर, देवास, राजगढ़, उज्जैन, आगर-मालवा, इंदौर, शाजापुर, मंदसौर और मुरैना में पीने का पानी मिलेगा। पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना की अनुमानित लागत 72 हजार करोड़ रुपए है। परियोजना से बनने वाले बांधों और जलाशयों की कुल जल भराव क्षमता 1908.83 घन मीटर होगी। 172 मिलियन घन मीटर पानी, ग्रामीणों के लिए पीने और उद्योगों के लिए रिजर्व रहेगा। पूरी खबर पढ़ें…
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