Drishyamindia

लता मंगेशकर की एक पेटिंग में उनके 4359 चेहरे:तस्वीर बनाने वाले चित्रकार बोले- मैं दीदी का भक्त; इंडिया,एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज

Advertisement

आज स्वर सम्राज्ञी लता मंगेशकर की तीसरी पुण्यतिथि है। इस मौके पर हम आपको मिलवाते हैं लता मंगेशकर के एक ऐसे फैन से, जिन्होंने लता मंगेशकर की एक नहीं, दो नहीं बल्कि सैकड़ों पेंटिंग बनाई हैं। इस फैन का नाम है रामकृपाल नामदेव, जिन्हें लता मंगेशकर के नाम ने इतनी प्रसिद्धि दिलाई कि आज पूरे भारत में उन्हें लता मंगेशकर के भक्त के नाम से जाना जाता है। 62 वर्षीय रामकृपाल नामदेव बीते 20 सालों से पेंटिंग कर रहे हैं। ऑयल पेंटिंग से लता दीदी की तस्वीर बनाने के लिए उनका नाम लिम्का, एशिया और इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी दर्ज हो चुका है। खास बात यह है कि जब रामकृपाल ने लता मंगेशकर से मुलाकात कर उन्हें तस्वीर भेंट की थी, तो उनके मुंह से भी तारीफ में निकला, “वाह, क्या फोटो है।” स्वर कोकिला लता मंगेशकर की शायद ही कोई तस्वीर होगी, जिसे रामकृपाल नामदेव ने अपने ब्रश से कैनवास पर न उतारा हो। 6 फरवरी को रामकृपाल नामदेव ने पुरातत्व विभाग के कला वेदिका हॉल में लता मंगेशकर की तस्वीरों की प्रदर्शनी लगाई है, जिसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग आ रहे हैं। रामकृपाल नामदेव का कहना है कि वे लता मंगेशकर के गाने सुना करते थे। उनकी आवाज इतनी अच्छी लगने लगी कि लता मंगेशकर की पेंटिंग बनाने का विचार आया। उन्होंने एक ऐसी पेंटिंग भी बनाई, जिसमें लता मंगेशकर के जीवन से जुड़ी उस समय की जितनी भी तस्वीरें थीं, सभी को मिलाकर एक बड़ी तस्वीर तैयार की। इस तस्वीर को देशभर के लोगों ने सराहा और बाद में इसे इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी दर्ज किया गया। एक तस्वीर में 1436 फोटोज से बनी रामकृपाल नामदेव ने दैनिक भास्कर से बात करते हुए कहा, “मैं लता मंगेशकर का दीवाना नहीं बल्कि उनका भक्त हूं। जब तक जीवन रहेगा, उनकी भक्ति में लीन रहते हुए उनकी पेंटिंग बनाता रहूंगा।” उन्होंने बताया, “मैं 62 साल का हो चुका हूं, लेकिन मेरे हाथ आज भी निपुण हैं। जब कभी भी लता जी की तस्वीर बनाता हूं, तो पूरी तरह से उन पर खो जाता हूं।” 2017 में पहली बार जबलपुर से प्रदर्शनी की शुरुआत हुई, जो अब तक देश के कई राज्यों में लग चुकी है। रामकृपाल ने बताया कि उन्होंने यह प्रदर्शनी मुंबई, दिल्ली, कोलकाता, अहमदाबाद और चंडीगढ़ में भी लगाई है। उनकी एक पेंटिंग, जिसमें लता मंगेशकर के 1436 चित्र हैं, 2019 में एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हुई थी। 4359 चेहरे एक ही फोटो में रामकृपाल नामदेव ने एक तस्वीर में लता मंगेशकर के 4359 चेहरे बनाए हैं। यह सुनने में भले अजीब लगे, लेकिन उन्होंने यह कारनामा भी कर दिखाया। एक सेंटीमीटर की एक तस्वीर के हिसाब से हजारों तस्वीरों को एक बड़े चित्र में समेटने के लिए उन्हें लगभग 8 माह का समय लगा। 70 पेंटिंग्स में 6 हजार लता के चित्र बीते 20 सालाें से पेंटिंग कर रहे रामकृपाल ने बताया कि शौक के रूप में लता मंगेशकर की तस्वीर बनाना शुरू किया था, जो धीरे-धीरे जुनून बन गया। उन्होंने अब तक 70 से अधिक पेंटिंग्स बनाई हैं, जिनमें 6000 से अधिक लता जी के चेहरे शामिल हैं। उन्होंने कहा कि, छोटी-छोटी फोटो को बनाने के लिए एकाग्रता के साथ-साथ पतले ब्रश का उपयोग किया गया है, कई बार तो ऐसा भी हुआ कि आंखों में दर्द तक होने लगता था, पर तस्वीर बनाना इसके बाद भी जारी रखा। “उनसे मिला तो लगा सरस्वती जी के दर्शन हो गए” रामकृपाल नामदेव ने बताया कि करीब 5 साल पहले लता मंगेशकर से मुंबई में मिलने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। चरण स्पर्श करते ही ऐसा लगा जैसे मां सरस्वती जी के साक्षात दर्शन हो गए हों। करीब एक घंटे तक साथ बैठने के दौरान उन्होंने महसूस किया कि जितनी सुरीली लता दीदी की आवाज थी, उतना ही विनम्र उनका आचरण भी था। उन्होंने कहा कि, दीदी के साथ नाश्ता किया तो ऐसा लगा जैसे की मां सरस्वती जी का प्रसाद मिल गया है। लता दीदी से मुलाकात के दौरान उषा मंगेशकर से भी मुलाकात हुई तो उन्होंने जैसे ही सुना कि मैं जबलपुर से आया हूं, तो उनका कहना था कि हम इंदौर के है, इतना कहने के बाद दोनों बहने हंसने लगी। “दीदी की मौत के समय मुंबई में था, अंतिम यात्रा में हुआ शामिल” चित्रकार रामकृपाल नामदेव का कहना है कि उन्होंने अपना सारा जीवन लता मंगेशकर को समर्पित कर दिया है। रामकृपाल जबलपुर में ‘चित्र लतिका’ श्रृंखला के जरिए नए कलाकारों को पेंटिंग भी सीखा रहे है, ताकि चित्रकार की परंपरा आगे भी चलती रहे। रामकृपाल ने बताया कि जब लता दीदी का देहांत हुआ था, उस समय मुंबई में प्रदर्शनी लगी थी। जैसे ही मीडिया के माध्यम से पता चला कि लता मंगेशकर का देहांत हो गया है, तो सदमा सा लगा। मुंबई में जब उनकी अंतिम यात्रा निकली तो उसमें शामिल होने का मौका मिला था। “मेरा उद्देश्य जहां दीदी ने जीवन गुजारा, वहां प्रदर्शनी लगे” चित्रकार रामकृपाल ने देश के कई बड़े शहरों में लता मंगेशकर के चित्रों की प्रदर्शनी लगाई है। मुंबई की जहांगीर आर्ट गैलरी, पुल देशपांडे की आर्ट गैलरी, दिल्ली में ललित कला अकादमी, कोलकाता की जामिनी राय आर्ट गैलरी, अहमदाबाद में रवि शंकर रावल कला भवन और जबलपुर में हीरालाल राय कला विथिका में उनकी प्रदर्शनी लगती रहती है। रामकृपाल बताते हैं, जल्द ही पणजी गोवा में प्रदर्शनी लगाने जा रहे हैं। रामकृपाल का कहना है कि उनकी कोशिश है कि लता मंगेशकर ने अपने जीवन को जहां-जहां गुजारा है, उन सब जगहों पर जाकर वह इन चित्रों की प्रदर्शनी लगाए। देखिए चित्रकार रामकृपाल की बनाई ‘दीदी’ की पेंटिंग्स…

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

मध्य प्रदेश न्यूज़

यह भी पढ़े