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सीएम ने किया रातापानी टाइगर रिजर्व का लोकार्पण….:भीमबैठका खोजने वाले डॉ. विष्णु श्रीधर वाकणकर के नाम से पहचाना जाएगा

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गर्व है- भोपाल टाइगर केपिटल… इकलौती ऐसी राजधानी जिसके आंगन में टाइगर रिजर्व सुविधा- कुल 5 गेटों से टाइगर सफारी, अभी 2 गेट से चालू हैं, 3 नए गेटों से 1 जनवरी से होगी रातापानी टाइगर रिजर्व अब विश्व विरासत स्थल भीमबैठका की खोज करने वाले डॉ. विष्णु श्रीधर वाकणकर के नाम से जाना जाएगा। यह घोषणा सीएम डॉ. मोहन यादव ने शुक्रवार को प्रदेश के 8वें टाइगर रिजर्व रातापानी का लोकार्पण करते हुए की। उन्होंने कहा कि भोपाल एकमात्र ऐसी राजधानी बन गया है, जिसके आंगन में टाइगर रिजर्व है और रातापानी इकलौता टाइगर रिजर्व है, जिसके भीतर वर्ल्ड हेरिटेज साइट(भीमबैठका) है। मुख्यमंत्री ने गोल जोड़ से सफारी वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। साथ ही अभिनेता रणदीप हुड्‌डा के साथ बाइक रैली में भी शामिल हुए। अभी टाइगर सफारी कहां झिरी गेट… कोलार रोड पर गोल जोड़ के पास से गिन्नौरी गेट… औबेदुल्लागंज व सलकनपुर के बीच से। सफारी कितने घंटे की सफारी के 3 नए गेट ये 1 जनवरी 2025 से तीन नए गेट से टाइगर सफारी की सुविधा मिलने लगेगी।
1. बरखेड़ा गेट नर्मदापुरम रोड पर
2. करमई गेट रेहटी रोड पर
3. घोड़ापछाड़ गेट जबलपुर रोड पर ।
जनवरी से ही सफारी की ऑनलाइन बुकिंग भी शुरू हो जाएगी। वाकणकर के नाम पर क्यों… 1957 में डॉ. विष्णु श्रीधर वाकणकर ने सबसे पहले भीमबैठका के शैलाश्रयों की खोज की। उनका दस्तावेजीकरण किया। 1972 में खनन शुरू किया। 650 से ज्यादा रॉक शेल्टर मिले तो 1980 में एएसआई द्वारा संरक्षित स्मारक घोषित। जुलाई 2003 में वर्ल्ड हेरिटेज साइट बनी।

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