ग्वालियर में बेटों के हाथों मारी गईं 88 साल की बुजुर्ग ने 6 महीने पहले पुलिस में शिकायत की थी। पुलिस ने दोनों बेटों की काउंसिलिंग की। समझौता हुआ कि दोनों भाई एक-एक महीने के लिए मां की सेवा करेंगे। बेटे अपनी बूढ़ी मां की देखभाल के लिए तो साथ नहीं हुए, उनकी हत्या की प्लानिंग में साथ आ गए। जिनकी गोद में परवरिश पाई, उस मां को पल – पल मौत दी। इस कड़ाके की ठंड में घर की छत पर तिरपाल डालकर मां को उसमें रखा। आसपास रहने वाले बताते हैं कि रात भर बुजुर्ग के कराहने की आवाज आती थी। बुजुर्ग का दम नहीं टूटा, तो एक बेटे ने उनके दोनों हाथ पकड़े और दूसरे ने गला घोंटकर मार डाला। ग्वालियर के कमला देवी कोष्ठा के मर्डर केस ने मां और बच्चों के रिश्तों की बुनियाद हिला कर रख दी है। तीन पॉइंट में जानिए पूरा मामला जिस पर लुटाया लाड़, उसने ही बेदर्दी से गला घोंटा
पुलिस ने पीएम रिपोर्ट मिलने के बाद महिला के दोनों बेटों को फौरन गिरफ्तार कर लिया था। पूछताछ में मर्डर की जो इनसाइड स्टोरी निकलकर आई, वो झकझोर देने वाली है। कमला देवी कोष्ठा दोनों बेटों में से सबसे ज्यादा प्यार अपने छोटे प्रेम नारायण कोष्ठा से करती थीं। उसे प्यार से पप्पू भी कहती थीं, लेकिन इसी पप्पू ने उसका गला घोंटा, वो भी इतनी जोर से कि उनकी गले की हड्डी तक टूट गई। बड़े बेटे डालचंद कोष्ठा ने सोते हुई मां के दोनों हाथ पकड़े। थाने में एग्रीमेंट- 1-1 महीना साथ रखेंगे, कोर्ट को भी दी जानकारी
बुजुर्ग की हालत 6 महीने से कुछ ज्यादा खराब रहने लगी थी। लगभग चलना – फिरना बंद हो गया था। इस पर बेटों ने उनका साथ छोड़ दिया था। 6 महीने पहले उनको घर तक से बाहर निकाल दिया था। इस पर कुछ लोग बुजुर्ग को थाने ले गए थे। थाने में पुलिस ने उनके दोनों बेटों को बुलाकर समझाया। एसआई संजय शर्मा और अन्य वरिष्ठ नागरिक संस्थान के सदस्यों ने दोनों बेटों की काउंसिलिंग की। इसके बाद दोनों ने एक-एक महीने के लिए मां को साथ रखने और सेवा करने के लिए एग्रीमेंट किया था। इसकी जानकारी कोर्ट को भी दी थी। देखभाल करने की नौटंकी; दवा, खाना तक किया बंद
महिला के एक पड़ोसी ने अपनी पहचान उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया कि थाने में शपथ लेने के बाद दोनों बेटे मां की देखभाल की नौटंकी करने लगे। इस ठंड में छत पर टपरी बनाकर उन्हें रखते थे। उनकी दवाइयां बंद कर दी थीं। खाना भी दिन में एक बार देते थे। इससे वे पल-पल घुट रही थीं। उनमें इतनी जान नहीं बची थी कि वे अकेले वापस थाने जा सकें। पड़ोसी चोरी छुपे छत के रास्ते उन्हें खाना या कपड़े दे देते थे। किराए और सास के घर में मां के लिए नहीं थी जगह
बुजुर्ग का बड़ा बेटा लालचंद जिस मकान में रहता है, वो उसकी सास का है। इसलिए पत्नी ने साफ कह दिया था कि तुम्हारी मां यहां नहीं रहेगी। छोटा बेटा इसी मोहल्ले में किराए पर रहता है। वह भी उसे किराए के मकान में नहीं लेकर जाना चाहता था। इसलिए छत पर उसे रखते थे। सीन री-क्रिएशन में यह आया सामने
पुलिस ने आरोपियों को सजा दिलाने साक्ष्य एकत्रित करने के लिए घटना का सीन री-क्रिएशन भी किया है। पुलिस के सब इंस्पेक्टर संजय शर्मा उस खटिया पर लेटे, जिस पर बुजुर्ग सोती थीं। छोटे बेटे ने उनका गला दबाया और बड़ा बेटा थानेदार के दोनों हाथ पकड़े हुए था। वे हिल भी नहीं पा रहे थे। हवालात में बहा रहे नौटंकी के आंसू
पुलिस ने दोनों आरोपियों को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया है। इसके पहले शुक्रवार-शनिवार की दरमियानी रात दोनों ने ग्वालियर थाने की हवालात में गुजारी। दोनों पुलिस के सामने नौटंकी करते रहे। दोनों अब कह रहे हैं कि उनको पता है कि उन्होंने पाप किया है। इसकी सजा उनको जिंदगी भर भोगनी पड़ेगी। उनके घड़ियाली आंसुओं को पुलिस अधिकारी भी समझ रहे हैं। यही कारण है कि उनसे जरा भी सहानुभूति किसी ने नहीं दिखाई है। पहले शराब पी, फिर की हत्या
ग्वालियर थाना प्रभारी आसिफ मिर्जा बेग का कहना है कि दोनों आरोपियों ने घटना स्वीकार की है। उन्होंने पहले शराब पी, फिर मां की हत्या की। घटना से जुड़ी यह खबर भी पढ़िए… ग्वालियर में दो बेटों ने मां का गला घोंटा, मौत:इतनी जोर से दबाया कि हड्डी टूट गई; देखभाल नहीं करना चाहते थे