मध्यप्रदेश में हाई स्कूल शिक्षक भर्ती पर जबलपुर हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि सरकार 2 दिनों में भर्ती नियमों में सुधार करे। साथ ही कोर्ट कोर्ट को सूचित भी करे। हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान पाया कि प्रदेश में करीब 18 हजार हाई स्कूल शिक्षकों के रिक्त पदों में से 12 हजार पदों पर नियुक्तियां की गईं हैं लेकिन इनमें उम्मीदवारों के सेकेंड डिवीजन क्राईटेरिया को लेकर बड़ा विरोधाभास है। कोर्ट ने कहा-काउंसिलिंग नए सिरे से करवाई जानी चाहिए मामले में सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैथ और जस्टिस विवेक जैन की युगलपीठ ने राज्य सरकार को सेकेंड डिवीजन मार्क्स क्राईटेरिया का नियम 2 दिनों के भीतर सुधारकर कोर्ट को सूचित करने के निर्देश दिए हैं। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि ऐसे उम्मीदवार जिन्हें क्राइटेरिया के मुताबिक मिनिमम मार्क्स होने पर भी सिलेक्ट नहीं किया गया, क्या उन्हें बचे हुए पदों पर भर्ती किया जा सकता है। कोर्ट ने कहा कि अगर ऐसा नहीं किया जाता है तो 50 फीसदी से कम मार्क्स वाले सभी उम्मीदवारों की भर्ती रद्द कर हाईस्कूल शिक्षक भर्ती की काउंसिलिंग नए सिरे से करवाई जानी चाहिए। मामले पर अगली सुनवाई 19 दिसंबर को तय कर दी है। इसलिए लगाई गई थी याचिका दरअसल, शिक्षा विभाग ने 448 ऐसे उम्मीदवारों को सेकेंड डिवीजन मानकर भर्ती किया है जिनके ग्रेजुएशन में मार्क्स 45 से 50 फीसदी के भीतर हैं। दूसरी तरफ ऐसे कई उम्मीदवार हैं जिन्हें थर्ड डिवीजन मानकर भर्ती नहीं किया है। जबकि ग्रेजुएशन में उनके भी मार्क्स 45 से 50 फीसदी के बीच हैं। एनसीटीई यानी नेशनल काउंसिल फॉर टीचर्स एजुकेशन के नियमों के मुताबिक उम्मीदवारों की एलिजिबिलिटी यानी पात्रता, ग्रेजुएशन में सेकेंड डिवीजन तय की गई थी, लेकिन कई यूनिवर्सिटी 45 से 50 फीसदी अंक लाने वालों को सेकेंड डिवीजन तो कई यूनिवर्सिटी थर्ड डिवीजन मानती हैं। ऐसे में जब शिक्षा विभाग ने अंकों की जगह सिर्फ मार्क शीट में सेकेंड या थर्ड डिवीजन देखकर भर्तियां की हैं तो पूरी भर्ती प्रक्रिया सवालों में है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता सीनियर एडवोकेट रामेश्वर सिंह ने कोर्ट को बताया- 45 से 50 फीसदी अंक वाले जो उम्मीदवार थर्ड डिवीजन बताए जाने से शिक्षक भर्ती में सिलेक्ट नहीं हो सके, इस वजह से इन लोगों को हाईकोर्ट की शरण में आकर याचिका दायर करना पड़ा। यह खबर भी पढ़ें- हाईकोर्ट ने पूछा-आरक्षित वर्ग को योग्यता में छूट क्यों नहीं जबलपुर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि उच्च माध्यमिक शिक्षक भर्ती 2023 में आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों को योग्यता में छूट क्यों नहीं दी गई। हरदा निवासी अभ्यर्थी शिवानी शाह ने आरक्षित उम्मीदवारों को योग्यता में छूट और पोस्ट ग्रेजुएशन में द्वितीय श्रेणी के प्रतिशत को लेकर याचिका लगाई है। शिवानी का पोस्ट ग्रेजुएशन में 48 प्रतिशत है और मार्कशीट पर श्रेणी तृतीय लिखी हुई है। पूरी खबर यहां पढ़ें…