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जरूरत की खबर- हेल्थ इंश्योरेंस लेते समय सावधान:इन 6 गलतियों से रिजेक्ट हो सकता है क्लेम, किस उम्र में इंश्योरेंस लेना बेहतर

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बढ़ती महंगाई के इस दौर में दवा, लैब टेस्ट और डॉक्टर की फीस से लेकर हॉस्पिटल के खर्च तक साल-दर-साल बढ़ते जा रहे हैं। ऐसे में कोई एक गंभीर बीमारी वर्षों की जमा पूंजी को कुछ ही दिनों में खत्म कर सकती है। सारी सेविंग्स हॉस्पिटल के खर्चों में न खत्म हो जाएं, इसके लिए हेल्थ इंश्योरेंस लेना जरूरी है। इससे मेडिकल इमरजेंसी के दौरान बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी और फाइनेंशियल दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा। हालांकि कुछ लोग हेल्थ इंश्योरेंस लेते समय टर्म्स एंड कंडीशंस को ध्यान से नहीं पढ़ते हैं। ऐसे में जब वह किसी किसी मेडिकल इमरजेंसी में इंश्योरेंस क्लेम करते हैं तो क्लेम रिजेक्ट हो जाता है। इसलिए हेल्थ इंश्योरेंस लेते समय उससे जुड़ी डिटेल्स को बारीकी से पढ़ना चाहिए, ताकि क्लेम का प्रोसेस आसान हो। तो चलिए आज जरूरत की खबर में जानते हैं कि हेल्थ इंश्योरेंस क्यों जरूरी है। साथ ही जानेंगे कि- एक्सपर्ट: राजशेखर, फाइनेंशियल एक्सपर्ट, देहरादून सवाल- हेल्थ इंश्योरेंस क्या है?
जवाब- यह किसी व्यक्ति और इंश्योरेंस कंपनी के बीच होने वाला एक एग्रीमेंट है। इसमें इंश्योरेंस कंपनी दुर्घटना, बीमारी या चोट लगने पर आपके मेडिकल खर्चे उठाती है। इसमें हॉस्पिटल में भर्ती होने का खर्च, दवाओं का बिल, डॉक्टर की कंसल्टेशन फीस, एम्बुलेंस चार्ज जैसी चीजें कवर की जाती हैं। इसके लिए पॉलिसी धारक को एक तय समय तक हर साल इंश्योरेंस कंपनी को प्रीमियम देना होता है। सवाल- हेल्थ इंश्योरेंस क्यों जरूरी है?
जवाब- बीमारियों का बढ़ता खर्च किसी को भी परेशान कर सकता है। इसलिए आपको सही हेल्थ इंश्योरेंस जरूर लेना चाहिए। इसके कई फायदे हैं। नीचे दिए कुछ पॉइंट्स से इसे समझिए- लाइफस्टाइल डिजीज का बढ़ता खतरा आज के दौर में अधिकांश लोगों की लाइफस्टाइल खराब हो रही है। देर रात तक जागना, बढ़ता स्क्रीन टाइम और अनहेल्दी खान-पान का सीधा असर हमारी सेहत पर पड़ रहा है। एक समय था, जब डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, मोटापा और हार्ट डिजीज जैसी लाइफस्टाइल डिजीज को उम्र से जोड़कर देखा जाता था, लेकिन अब युवाओं में ही इस तरह की गंभीर बीमारियां देखने को मिल रही हैं। इन हेल्थ कंडीशंस में फाइनेंशियल मदद देने और बेहतर स्वास्थ्य सेवा देने में हेल्थ इंश्योरेंस बेहद मददगार है। दवाओं के खर्च के साथ मिलती कई अन्य सुविधाएं मेडिकल टेक्नोलॉजी में हर रोज बदलाव हो रहे हैं। इससे इलाज महंगा होता जा रहा है, जिसका बोझ भी मरीजों पर ही पड़ता है। उदाहरण के लिए अगर कुछ साल पहले एक नॉर्मल सर्जरी के लिए आपको 2 लाख रुपए खर्च करने पड़ते थे तो वहीं आज उसके लिए 5 लाख रुपए तक का खर्च आ सकता है। इसी तरह टेस्ट, डॉक्टर फीस, बेड का चार्ज जैसे खर्च भी लगातार बढ़ रहे हैं। ऐसे में हेल्थ इंश्योरेंस लेना जरूरी है, जो इन खर्चों को कवर कर सकता है। बेहतर स्वास्थ्य सुविधा का लाभ हर कोई अच्छे हॉस्पिटल में बेहतर इलाज कराना चाहता है, लेकिन पैसों के अभाव में कई बार इससे समझौता करना पड़ता है। लोग अपनी जेब के हिसाब से वैकल्पिक इलाज के तरीके ढूंढने लगते हैं। ऐसे में हेल्थ इंश्योरेंस आपको बड़े हॉस्पिटल में बेहतर स्वास्थ्य सेवा देने का काम करता है। इमरजेंसी की स्थिति में तुरंत इलाज की सुविधा हेल्थ इंश्योरेंस मेडिकल इमरजेंसी की स्थिति के दौरान आपके तनाव को कम कर सकता है। उदाहरण के लिए अगर किसी को अचानक हार्ट अटैक आता है और उसे इमरजेंसी में बाईपास सर्जरी की जरूरत है, जो कि काफी महंगी सर्जरी है। अधिकांश मामलों में डॉक्टर तब तक इलाज शुरू नहीं करते, जब तक आप हॉस्पिटल में पेमेंट जमा न कर दें। ऐसे समय में एकमुश्त लाखों रुपए इकट्टा करना किसी भी मध्यम वर्गीय परिवार के लिए मुश्किल हो सकता है। हालांकि अगर आपके पास हेल्थ इंश्योरेंस है तो आप मरीज को हॉस्पिटल में एडमिट करा सकते हैं, जहां उसका तुरंत इलाज शुरू हो सकता है। सवाल- हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम कब रिजेक्ट हो सकता है?
जवाब- हेल्थ इंश्योरेंस लेना बेहद आसान है। आप घर बैठे अपनी जरूरत के मुताबिक ऑनलाइन पॉलिसी चुन सकते हैं। हालांकि हेल्‍थ इंश्‍योरेंस लेते समय कई बातों का ख्याल रखना जरूरी है। कई बार लोग अनजाने में गलतियां कर देते हैं, जिससे हेल्‍थ इंश्‍योरेंस होने के बाद भी उनका क्लेम रिजेक्ट हो जाता है। नीचे दिए ग्राफिक से इसे समझिए- सवाल- हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम रिजेक्ट न हो, उसके लिए क्या करना चाहिए?
जवाब- हेल्थ इंश्योरेंस कई कारणों से रिजेक्ट हो सकता है। हालांकि कुछ बेसिक बातों का ध्यान रखकर हम इससे बच सकते हैं। जैसेकि- सवाल- मेडिक्लेम और हेल्थ इंश्योरेंस में क्या अंतर है?
जवाब- मेडिक्लेम और हेल्थ इंश्योरेंस, दोनों ही इमरजेंसी की स्थिति में फाइनेंशियल सिक्योरिटी देते हैं। इसलिए अक्सर लोगों को लगता है कि मेडिक्लेम और हेल्थ इंश्योरेंस दोनों एक ही हैं, जबकि ऐसा बिल्कुल नहीं है। दोनों के बीच कुछ बेसिक अंतर हैं। नीचे दिए ग्राफिक से इसे समझिए- सवाल- हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी लेने की सही उम्र क्या है?
जवाब- फाइनेंशियल एक्सपर्ट राजशेखर बताते हैं कि हेल्थ इंश्योरेंस का प्रीमियम आपकी उम्र और मौजूदा स्वास्थ्य स्थिति पर निर्भर होता है। इसलिए जितनी कम उम्र में हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी ली जाए, उतना ही अच्छा है। इससे आप कम प्रीमियम में लंबा इंश्योरेंस कवर ले सकते हैं। उम्र बढ़ने के साथ-साथ स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का जोखिम बढ़ता जाता है, जिससे प्रीमियम भी बढ़ता जाता है। ……………………….
जरूरत की ये खबर भी पढ़ें… जरूरत की खबर- इंश्योरेंस के नाम पर करोड़ों की ठगी:फ्रॉड कंपनी और एजेंट के जाल में न फंसें आज के दौर में फाइनेंशियल सुरक्षा के लिए इंश्योरेंस काफी जरूरी हो गया है। इंश्योरेंस के जरिए लोग छोटी-छोटी बचत करके एक बड़ा अमाउंट इकट्ठा करना चाहते हैं। हालांकि, आज दर्जनों इंश्योरेंस कंपनियां मौजूद हैं। इस वजह से यह तय करना मुश्किल है कि कौन सी इंश्योरेंस कंपनी या पॉलिसी सही है। पूरी खबर पढ़िए…

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