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रिलेशनशिप- अपने शरीर को लेकर शर्मिंदा क्यों:बॉडी शेमिंग से बिगड़ती है मेंटल हेल्थ, साइकोलॉजिस्ट बता रहे उबरने के 5 तरीके

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प्रकृति ने हर व्यक्ति को अलग बनाया है। सबके अंदर उसकी अपनी खूबियां हैं। हालांकि, गलत परवरिश, खराब माहौल और इंटरनेट के दुष्प्रभाव की वजह से लोगों में बॉडी शेमिंग की समस्या बढ़ रही है। यह समस्या हमें परिवार में, दोस्तों के बीच, सोशल मीडिया पर या वर्कप्लेस पर देखने को मिलती है। इससे हमारे सेल्फ-रिस्पेक्ट को नुकसान पहुंचता है। लोगों में सोशल मीडिया पर सबसे आकर्षक दिखने का दबाव बढ़ रहा है। साथ ही बॉडी शेमिंग एक गंभीर समस्या बन चुकी है। हर किसी के शरीर का आकार, रंग, कद और वजन अलग-अलग होता है। इसके बावजूद समाज के व्यवहार, भेदभाव की वजह हम अपने ही कद-काठी और रंग-रूप पर शर्म करने लगते हैं। ऐसे में आज हम रिलेशनशिप में जानेंगे कि- क्या है बॉडी शेमिंग? क्या आपने कभी खुद से कहा, ‘मैं बहुत मोटी या पतली लग रही हूं?’ या फिर दूसरों की नकारात्मक टिप्पणियां जैसे ‘तुम मोटे होते जा रहे हो?’ या ‘तुम्हारा बुढ़ापा आ रहा है?’ सुनकर दुखी हुए हैं? यह सब बॉडी शेमिंग के उदाहरण हैं। यह कमेंट केवल आपके शरीर के आकार के बारे में नहीं होती है। इससे आपके सेल्फ-रिस्पेक्ट पर भी नेगेटिव असर पड़ता है। आजकल सोशल मीडिया पर जीरो फिगर, एब्स दिखाने की होड़ है, जिसके प्रभाव में आकर हम खुद की तुलना दूसरों से करने लगते हैं। यह हमें मानसिक और भावनात्मक रूप से कमजोर बनाता है। बॉडी शेमिंग से बचने का सबसे आसान तरीका खुद को स्वीकारना है और प्यार करना है। जब आप खुद से खुश होंगे तो ऐसी बातें आपको परेशान नहीं करेंगी। इसके लिए हमें इस बात ख्याल रखना है कि हर शरीर अलग होता है और हर रूप में खूबसूरती होती है। आइए ग्राफिक को विस्तार से समझते हैं। हम सुपरमॉडल्स, बैले डांसर्स, एथलीट्स और फिल्म स्टार्स को सबसे दुनिया के सबसे खूबसूरत लोगों में गिनते हैं। हममें से कई सारे लोग उनके जैसे दिखना चाहते हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि उन्हें भी बॉडी शेमिंग का शिकार होना पड़ता है। ऐसे में कोई भी शारीरिक बनावट आदर्श नहीं है। इसलिए खुद को स्वीकार करें और स्वस्थ रहने की कोशिश करें। न खाने की बीमारी बॉडी शेमिंग की स्थिति में निगेटिव बॉडी इमेज की वजह से हम एनोरेक्सिया, बुलीमिया या बिंज ईटिंग जैसी बीमारियों के शिकार हो सकते हैं। एनोरेक्सिया में वजन बढ़ने के डर की वजह से कम खाने लगता है। वहीं बुलीमिया में व्यक्ति वेट गेन से बचने के लिए खाने के बाद उल्टी करता है। इससे शरीर में न्यूट्रिएंट्स की कमी हो जाती है। कई लोगों को ज्यादा एक्सरसाइज करने की आदत लग सकती है। बॉडी शेमिंग की टिप्पणियां जैसे “क्या तुमने वजन घटाया है? तुम पहले से बेहतर दिख रहे हो,” इस तरह की आदतों को बढ़ावा दे सकती हैं और वजन घटाने की और कोशिश करने के लिए प्रेरित कर सकती हैं। बॉडी डिस्मॉर्फिक डिसऑर्डर (BDD) बॉडी शेमिंग से सेल्फ-इमेज को नुकसान पहुंचता है और व्यक्ति शरीर को लेकर और अधिक संवेदनशील हो जाता है। यह बॉडी डिस्मॉर्फिक डिसऑर्डर में बदल सकता है, जहां आप शरीर में किसी छोटी बात को लेकर परेशान हो जाते हैं। दिन भर इसके बारे में सोचते रहते हैं। आप लगातार आईने में देख सकते हैं या आईने से बच सकते हैं। यह स्कूल, कॉलेज और वर्कप्लेस पर आपके काम को प्रभावित कर सकता है। एक्सेसिव एक्सरसाइज एक्सरसाइज करना हमारे स्वास्थ्य के लिए अच्छा है, लेकिन बॉडी शेमिंग की वजह से व्यक्ति अधिक एक्सरसाइज करने लगता है। इससे थकान, चोट और बीमारियां पैदा हो सकती हैं। साथ ही ‘रिलेटिव एनर्जी डिफिशिएंसी इन स्पोर्ट’ (RED-S) जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है। इसमें आपके शरीर को पर्याप्त कैलोरी नहीं मिलती है, जो मिलती भी है आप उसे वर्कआउट करके खत्म कर देते हैं। एंग्जाइटी और डिप्रेशन अगर आपको सार्वजनिक रूप से या सोशल मीडिया पर बॉडी शेमिंग का सामना करना पड़ता है, तो आप स्कूल या अन्य सोशल गैदरिंग से बचने की कोशिश कर सकते हैं। आप दूसरों से दूर हो सकते हैं और अकेलापन महसूस कर सकते हैं। क्या है बॉडी शेमिंग से बचाव का रास्ता? बॉडी शेमिंग से बचाव का सबसे प्रभावी तरीका खुद को स्वीकारने में है। समाज के नेगेटिव बातों से दूर रहकर स्वस्थ सोच अपनाना चाहिए। यह मानसिक शांति को बढ़ाता है। आइए इसे ग्राफिक के जरिए समझते हैं। सेल्फ लव जब आप खुद को प्यार करना सीखते हैं, तो बॉडी शेमिंग को हराने की ताकत मिलती है। आपकी शारीरिक स्थिति से ज्यादा जरूरी आपकी सेहत है। हम सब ऐसे समय से गुजरते हैं जब हमें अच्छा नहीं लगता है। ऐसे में समय खुद के साथ खड़े हों और कहें, ‘मैं जैसा हूं, वैसा सही हूं।’ खुद को पॉजिटिव रूप में देखिए, जैसे आप अपने सबसे अच्छे दोस्त को देखते हैं। मेंटल पीस के लिए योग, मेडिटेशन का सहारा लें। नेगेटिव सोच से छुटकारा पाएं सोच में बदलाव लाना बेहद जरूरी है। अगर आप आईने में कुछ निगेटिव देख रहे हैं, तो वहां कुछ पॉजिटिव ढूंढिए। ‘मेरे पास खूबसूरत आंखें हैं, मेरे बाल अच्छे हैं,’ ये छोटी-छोटी बातें याद रखिए। सीमित करें सोशल मीडिया को इस्तेमाल सोशल मीडिया पर ज्यादा समय बिताना मेंटल हेल्थ को खराब कर सकता है। ऐसे में सोशल मीडिया से थोड़ी दूरी बनाइए। असल जिंदगी के पल भी उतने ही खास होते हैं। अपने दोस्तों से मिलिए, बाहर घूमें और खुद को फिर से ताजगी से भरें। किसी से बात करें कभी महसूस हुआ कि आपको अपनी बात कहने के लिए किसी की जरूरत है? तो क्यों न किसी अच्छे दोस्त से मिलकर दिल की बात साझा की जाए। आपके पास परिवार और दोस्त हैं, जो आपका साथ देंगे। अगर आपको लगता है कि बात करने से मानसिक राहत मिल सकती है, तो काउंसलर से मिलने में भी संकोच न करें। करीबियों के लिए भी बढ़ाएं हाथ क्या आपका कोई दोस्त या करीबी इस दर्द से गुजर रहा है? ऐसे में आप उन्हें अकेला नहीं छोड़ सकते हैं। उन्हें समझाइए, उनके शरीर से ज्यादा महत्वपूर्ण उनकी आत्मा है। उन्हें बताइए कि उनका असली सौंदर्य उनकी सोच और आत्मविश्वास में छिपा है।

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