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रिलेशनशिप- शादीशुदा जिंदगी में झगड़े की 7 वजहें:रिलेशनशिप काउंसलर से जानिए झगड़ा कैसे सुलझाएं, प्यार बढ़ाने के 11 टिप्स

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शादी एक खूबसूरत जर्नी है। लेकिन किसी भी अन्य जर्नी की तरह इसमें भी कई चुनौतियां हैं। ये चुनौतियां कम्युनिकेशन गैप से लेकर फाइनेंशियल इशू तक कुछ भी हो सकती हैं। हालांकि कई बार छोटी-छोटी परेशानियां, जिन्हें हम नजरअंदाज कर देते हैं, वे बड़े झगड़े का कारण बन जाती हैं। ऐसे में एक हेल्दी और मजबूत रिश्ते को बनाए रखने के लिए इन समस्याओं का समाधान करना जरूरी है। इन मुद्दों को अनदेखा करने या टालने से नाराजगी और भावनात्मक दूरी पैदा हो सकती है। इन प्रॉब्लम्स को पहचानकर और उनसे निपटकर हम अपने रिश्ते को मजबूत बना सकते हैं। तो आज रिलेशनशिप कॉलम में हम कॉमन मैरिज प्रॉब्लम्स के बारे में बात करेंगे। साथ ही जानेंगे कि इन समस्याओं से कैसे निपटा जा सकता है। शादीशुदा जीवन में प्रॉब्लम्स आना सामान्य आमतौर पर किसी भी मैरिड लाइफ में एक समय के बाद प्रॉब्लम्स का आना सामान्य बात है। इसमें दोनों का एक-दूसरे की भावनाओं को समझना और छोटे-छोटे विवादों को तुरंत सुलझाना बेहद जरूरी है। कई बार कम्युनिकेशन की कमी से गलतफहमियां और नाराजगियां बढ़ सकती हैं, जिससे बड़ी समस्याएं पैदा हो सकती हैं। शादीशुदा जीवन में कपल्स को कई कॉमन मैरिज प्रॉब्लम्स का सामना करना पड़ सकता है। इसे नीचे ग्राफिक से समझिए- अब आइए ऊपर दिए पॉइंट्स के बारे में विस्तार से बात करते हैं। कम्युनिकेशन गैप शादी की सबसे आम समस्याओं में से एक कम्युनिकेशन गैप है। कम्युनिकेशन किसी भी मजबूत रिश्ते की नींव है और जब इसमें गैप होता है तो गलतफहमी और झगड़े हो सकते हैं। कई बार मैरिड कपल अपनी भावनाओं के बारे में बात करना बंद कर देते हैं या फिर एक-दूसरे की बातों को सुनने में इंटरेस्ट नहीं दिखाते हैं। समय के साथ यह नाराजगी और भावनात्मक दूरी का कारण बन सकता है। कई बार ये रिश्ते के टूटने का कारण भी बन सकता है। सुधार के लिए क्या करें कम्युनिकेशन में बोलने का जितना महत्व है, उतना ही पार्टनर की बातों को ध्यान से सुनना भी जरूरी है। इसके लिए बिना बीच में टोके उनकी बातों को सुनें। सिर हिलाकर, आई कॉन्टैक्ट बनाए रखकर या बोलकर दिखाएं कि आप सुन रहे हैं। इन बातों पर उचित प्रतिक्रिया भी दें। कितने भी व्यस्त हों, पार्टनर से बातचीत के लिए रोजाना समय जरूर निकालें। उदाहरण के लिए अगर आपका पार्टनर काम के तनावपूर्ण दिन के बारे में बात कर रहा है तो उसे ध्यान से सुनें और उसकी भावनाओं के साथ सहानुभूति रखें। कभी-कभी उन्हें बस यह महसूस कराने की जरूरत होती है कि उनकी बात सुनी और समझी गई है। पैसों को लेकर होने वाली अनबन शादीशुदा कपल के बीच अक्सर पैसे को लेकर बहस होती है, जो रिश्ते में तनाव का कारण बनती है। जब पार्टनर्स की खर्च करने की आदतें या फाइनेंशियल गोल अलग-अलग होते हैं तो इससे असहमति और तनाव हो सकता है। ये तनाव अक्सर पैसे के बारे में खुलकर बातचीत न करने, बेहिसाब खर्च या सेविंग करने और खर्च पर अलग-अलग विचारों से पैदा होता है। यह शादी को कई तरह से प्रभावित कर सकते हैं। पैसे को लेकर लगातार बहस पार्टनर के बीच विश्वास और सम्मान को खत्म कर सकती है। इससे नाराजगी, भावनात्मक दूरी और यहां तक ​​कि कम्युनिकेशन में भी कमी आ सकती है। सुधार के लिए क्या करें मैरिड कपल के लिए फाइनेंशियल इशू पर खुलकर चर्चा करना जरूरी है। इसके लिए सुनिश्चित करें कि दोनों पार्टनर घर के बजट को मैनेज करेंगे। कोई साझा फाइनेंशियल गोल सेट करें। चाहे नया घर खरीदने के लिए बचत करना हो, वेकेशन के लिए पैसे इकट्‌ठा करना हो या इमरजेंसी के लिए सेविंग्स करना हो। इन सब चीजों के लिए दोनों मिलकर काम करें। अगर कोई एक पार्टनर कमाई कर रहा है तो उसे घर के खर्चे के साथ अपने पार्टनर के पर्सनल खर्चों पर भी ध्यान देना जरूरी है। चाइल्ड केयर को लेकर मतभेद जिन मैरिड कपल्स के जीवन में बच्चे होते हैं, उनके बीच अक्सर बच्चों की केयर को लेकर बहस होती है। इसके कई कारण हो सकते हैं। इसे नीचे पॉइंटर्स से समझिए- सुधार के लिए क्या करें खासकर पहली बार पेरेंट्स बने कपल्स को इस समस्या का सामना करना पड़ता है। इसके लिए आप अपने परिवार से मदद ले सकते हैं। इसके अलावा घरेलू कामों में पार्टनर का हाथ बंटा सकते हैं। बेबी की केयर के लिए दोनों लोग एक ऐसा शेड्यूल बना सकते हैं, जिसमें बारी-बारी से उसकी देखभाल की जिम्मेदारी लें। ताकि किसी एक को ऐसा न लगे कि सारी जिम्मेदारी उसकी अकेले की ही है। अगर आप आर्थिक रूप से सक्षम हैं तो एक बेबीसिटर की व्यवस्था कर सकते हैं, जो आपके बच्चे की देखभाल कर सके। इससे आप कुछ समय के लिए ब्रेक ले सकते हैं और अपने पार्टनर के लिए समय निकाल सकते हैं। रिश्ते में बोरियत का आभास जैसे-जैसे कपल की शादी के दिन बीतते जाते हैं, दोनों एक-दूसरे के व्यवहार और आदतों से पूरी तरह परिचित हो जाते हैं। ऐसी स्थिति में कई बार शादी में बोरियत भी आ सकती है। रिश्ते में नीरसता की भावना पैदा हो सकती है। यह पार्टनर को एक-दूसरे से अलग और उदासीन महसूस करा सकती है। इससे रिश्ते की संतुष्टि में कमी आ सकती है। बोरियत पार्टनर को दूसरे लोगों के प्रति अधिक संवेदनशील बना सकती है। ये आगे चलकर बड़ी समस्या का कारण बन सकती है। सुधार के लिए क्या करें बोरियत से निपटने के सबसे अच्छे तरीकों में से एक है, नई एक्टिविटीज शुरू करना, जिनमें दोनों को मजा आता हो। साथ में कुछ नया करने से रिश्ते में नई ताजगी आ सकती है। उदाहरण के लिए सरप्राइज डेट नाइट प्लान करें, वीकेंड गेटअवे की योजना बनाएं या वेकेशन पर जाने का विचार कर सकते हैं। ये अनुभव ताजा यादें बना सकते हैं और आपके रिश्ते में चिंगारी को फिर से जगा सकते हैं। स्ट्रेस की वजह से विवाद होना तनाव जीवन का एक हिस्सा है। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं। जैसेकि काम, फाइनेंस, स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं या पारिवारिक जिम्मेदारियां। जब तनाव को सही तरीके से मैनेज नहीं किया जाता है तो यह शादी को भी प्रभावित कर सकता है। जब तनाव मैरिड लाइफ में एंट्री करता है तो यह गलतफहमी, चिड़चिड़ापन और कम धैर्य का कारण बन सकता है। इसमें पार्टनर खुद को अलग-थलग महसूस करते हैं, जिससे छोटी-छोटी समस्याओं को हल करना भी मुश्किल हो जाता है। सुधार के लिए क्या करें एक टीम के रूप में तनाव को मैनेज करने से आपका बंधन मजबूत हो सकता है। एक साथ तनाव के कारणों की पहचान करें और उसका मुकाबला करने के तरीके खोजें। इसके लिए ध्यान लगाने फिजिकल एक्टिवटीज करने जैसे टहलना, जॉगिंग करना या कोई खेल खेलना भी तनाव के लेवल को कम करने और आपके रिश्ते को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है। शादीशुदा रिश्ते को मजबूत बनाने के लिए करें ये काम मैरिड लाइफ को हेल्दी और खुशहाल बनाए रखने के लिए समस्याओं को पहचानकर उन्हें हल करना जरूरी है। इसके अलावा भी कुछ चीजों को अपनाकर अपनी मैरिड लाइफ को खुशहाल बना सकते हैं। इसे नीचे ग्राफिक से समझिए- मैरिड लाइफ में एक-दूसरे के प्रति प्यार और सम्मान जरूरी रिलेशनशिप काउंसलर डॉ. गीतांजलि शर्मा बताती हैं कि शादीशुदा जीवन में पार्टनर का एक-दूसरे के प्रति प्यार और सम्मान बहुत मायने रखता है। इसके अलावा एक-दूसरे के साथ समय बिताना, खुलकर बातचीत करना और एक-दूसरे की भावनाओं को साझा करना, रिश्ते को मजबूत बनाता है।

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