बॉलीवुड एक्टर सलमान खान और एक्ट्रेस शिल्पा शेट्टी को राजस्थान हाईकोर्ट से राहत मिली है। सलमान और शिल्पा के खिलाफ 2017 में चूरू के कोतवाली थाने में SC-ST एक्ट में मामला दर्ज हुआ था। इस FIR को हाईकोर्ट ने निरस्त (रद्द) कर दिया है। मामले को लेकर हाईकोर्ट जस्टिस अरुण मोगा के कोर्ट में सुनवाई थी। जस्टिस मोंगा ने फैसले में कहा- बिना सेक्शन और इंक्वायरी के SC-ST एक्ट में FIR’ दर्ज नहीं की जा सकती है। ‘भंगी’ शब्द जाति नहीं है और न ही जातिसूचक शब्द है। बल्कि स्लर है, जो कि किसी को नीचा दिखाने के लिए नहीं बल्कि स्वयं को संबोधित करते हुए कहा गया था। शो 2013 का और मामला 2017 में दर्ज
22 दिसंबर 2017 को चूरू के कोतवाली थाने में SC-ST एक्ट में सलमान खान और शिल्पा शेट्टी के खिलाफ वाल्मीकि समाज के अशोक पंवार ने मामला दर्ज करवाया था। उनका कहना था कि 2013 में टीवी पर एक इंटरव्यू के दौरान शिल्पा शेट्टी और सलमान खान ने ‘भंगी’ शब्द का इस्तेमाल किया था। इससे वाल्मीकि समाज के लोगों की भावना आहत हुई। मामला दर्ज होने के बाद 18 जनवरी 2018 को जांच अधिकारी ने नोटिस जारी किया था। वकील बोले- एफआईआर में कोई सबूत नहीं
सुनवाई के दौरान सलमान और शिल्पा के वकील गोपाल सांदु ने दलील दी कि इस एफआईआर में कोई सबूत नहीं है कि किसी समाज की भावना को ठेस पहुंची हो और न ही कोई दुर्भावनापूर्ण इरादा है। उन्होंने भंगी शब्द की उत्पत्ति की जानकारी कोर्ट में दी और बताया कि भंगी शब्द की उत्पत्ति संस्कृत में भंगा से हुई, जिसका अर्थ अछूत जाति से संबंधित होने के अलावा टूटा हुआ और खंडित भी होता है। वहीं ऑक्सफोर्ड हिंदी टू इंग्लिश डिक्शनरी के अनुसार- भांग पीने वालों को भी भंगी कहा जाता है। पक्ष-विपक्ष के तर्कों को सुनने के बाद हाईकोर्ट जस्टिस अरुण कुमार मोंगा ने चूरू के कोतवाली थाने में दर्ज एफआईआर को खारिज कर दिया।