डायरेक्टर अपूर्व लाखिया ने कहा कि अमिताभ बच्चन के साथ काम करते हुए उन्हें काफी घबराहट महसूस हो रही थी। एक बार बैंकॉक में एक सीन की शूटिंग के दौरान अमिताभ ने अपूर्व को यह याद दिलाया कि अगर उनका चेहरा कैमरे में दिख रहा है, तो बैकग्राउंड में क्या हो रहा है, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। फ्राइडे टॉकीज के साथ बातचीत में अपूर्व लाखिया ने कहा कि हम किसी फिल्म की शूटिंग कर रहे थे। शायद मेरी पहली फिल्म थी। शूटिंग के दौरान उन्हें यह महसूस हुआ कि अमिताभ बच्चन शॉट्स के बीच अपने वैन में नहीं जाते, बल्कि बाहर बैठकर सब कुछ ध्यान से देखते हैं। उस समय आपके दिमाग में बस एक ही बात चल सकती है कि आखिर वो क्या देख और सोच रहे होंगे। यह बहुत डरावना लगता है।’ अपूर्व लाखिया ने बैंकॉक में एक सीन की शूटिंग का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि हम शूट कर रहे थे, तभी अचानक से फ्रेम के बैकग्राउंड में एक आदमी दौड़कर निकल गया। ऐसे में मैंने अमिताभ बच्चन से कहा कि सर, इसे एक बार और शूट करना होगा, तो उन्होंने पूछा क्यों?’ मैंने उन्हें कारण बताया, तो उन्होंने कहा, ठीक है। जैसे ही शूट खत्म हुआ तो फिर वो मेरे पास आए और पूछने लगे कि कौन से लेंस पर काम कर रहे हो? मैंने कहा 100 मिमी। उन्होंने कहा अब सोचो, तुम चंदन (थिएटर) में हो। 70 मिमी स्क्रीन है और अमिताभ बच्चन 100 मिमी पर हैं। क्या तुम्हें लगता है कि किसी को फर्क पड़ेगा कि बैकग्राउंड में कौन आया था? किसको पड़ी है।
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