भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) ने रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के कुलपति की नियुक्ति को फर्जी बताते हुए गुरुवार को जमकर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने कुलपति को नकली नोट देते हुए मांग की कि वे पैसे लेकर अपने पद से इस्तीफा दे दें। एनएसयूआई ने कुलपति को 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया है कि यदि इस्तीफा नहीं दिया गया, तो विश्वविद्यालय में उग्र आंदोलन किया जाएगा। इधर एनएसयूआई के प्रदर्शन पर कुलपति ने जवाब देते हुए कहा कि प्रदर्शन करने वालों को ये जानकारी ही नहीं हैं, कि उनकी नियुक्ति यूजीसी से हुई है, पहले वहां जाकर पता करे, फिर नियुक्ति पर सवाल खड़े करें। मीटिंग ले रहे थे वीसी, धमक पड़े छात्र गुरुवार को विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. राजेश वर्मा प्रोफेसरों के साथ मीटिंग कर रहे थे, तभी एनएसयूआई के कार्यकर्ता अचानक हॉल में पहुंच गए। उन्होंने बैठक के बीच नकली नोटों से भरा सूटकेस खोला और कुलपति के सामने रख दिया। इस दौरान छात्रों ने जमकर नारेबाजी की। एनएसयूआई के जिला अध्यक्ष सचिन रजक ने कुलपति की नियुक्ति पर सवाल खड़े किए। उन्होंने आरोप लगाया कि, “डॉ. राजेश वर्मा इस पद के योग्य नहीं हैं। उनके पास कुलपति बनने के लिए आवश्यक अनुभव या योग्यता नहीं है। 2008 में पीएचडी करने के बाद 2009 में प्रोफेसर बन जाना और फिर इतने कम अनुभव के बावजूद कुलपति बन जाना अपने आप में एक बड़ा सवाल है।” 48 घंटे का अल्टीमेटम और उग्र आंदोलन की चेतावनी
एनएसयूआई जिला अध्यक्ष सचिन रजक ने कहा, “कुलपति ने पैसे देकर यह पद हासिल किया है, जो संस्कारधानी को शर्मसार करता है। अगर 48 घंटे के भीतर उनकी नियुक्ति की जांच नहीं की गई और इस्तीफा नहीं दिया गया, तो एनएसयूआई विश्वविद्यालय में उग्र प्रदर्शन करेगी।” उन्होंने कहा कि एनएसयूआई के पास कुलपति की नियुक्ति से जुड़े कई दस्तावेज हैं, जिन्हें जल्द ही पत्रकार वार्ता में सार्वजनिक किया जाएगा। कुलपति बोले- “नियुक्ति यूजीसी से हुई है, पहले जानकारी लें” एनएसयूआई के आरोपों पर कुलपति डॉ. राजेश वर्मा ने कहा कि उनकी नियुक्ति शासकीय अधिनियम और राज्यपाल द्वारा की गई है। उन्होंने कहा, “प्रदर्शनकारियों को पहले नियम और प्रक्रिया की जानकारी लेनी चाहिए। यूजीसी रेगुलेशन एक्ट के तहत मेरी नियुक्ति हुई है। यदि किसी को आपत्ति है, तो हाईकोर्ट या राज्यपाल कार्यालय में शिकायत दर्ज करा सकते हैं।” इंडियन करेंसी का किया अपमान कुलपति ने यह भी कहा कि नकली नोटों के इस्तेमाल से भारतीय मुद्रा का अपमान हुआ है। “इस तरह का प्रदर्शन करना न केवल अनुचित है, बल्कि भारतीय मुद्रा का भी अपमान है। प्रशासनिक अधिकारियों से इस मुद्दे पर बात की जाएगी,”