सोनभद्र में 20 वर्ष पुराने तिहरे हत्याकांड में बृहस्पतिवार को अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम जीतेंद्र कुमार द्विवेदी की अदालत ने फैसला सुनाया। अदालत ने तीन नक्सलियों- मुन्ना विश्वकर्मा, मुन्नू उर्फ कवि जी और राकेश उर्फ भोला पाल को दोषी मानते हुए उम्रकैद और 30-30 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना न देने पर दोषियों को 4-4 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। 22 दिसंबर 2004 को संजय सिंह निवासी ग्राम केतार, थाना पन्नूगंज ने अपने पिता शिव सिंह, भाई धनंजय उर्फ राजू और शुभचिंतक नंदलाल गिरी की हत्या के मामले में पुलिस में तहरीर दी थी। संजय सिंह ने आरोप लगाया था कि मनोज सिंह और 6-7 अन्य लोग हथियारों से लैस होकर उनके घर में घुसे और उसके पिता और भाई को दरवाजे पर लाकर गोली मार दी। इसके बाद चितविसराव गांव के निवासी और उनके दोस्त नंदलाल गिरी को भी गोली मार दी गई। पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की। जांच के दौरान पुलिस ने मुन्ना विश्वकर्मा, मुन्नू उर्फ कवि जी और राकेश उर्फ भोला पाल के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य जुटाकर चार्जशीट दाखिल की। अदालत ने मामले की सुनवाई करते हुए गवाहों के बयान और सबूतों के आधार पर तीनों नक्सलियों को दोषी करार दिया। जेल में बिताई गई अवधि को सजा में समाहित किया जाएगा।