वाराणसी के डॉ सम्पूर्णानंद सिगरा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में स्विमिंग पूल में तैराकी का प्रशिक्षण शुरू हो चुका है। यहां नेशनल और स्टेट के 40 खिलाड़ी रोजाना तैराकी का प्रशिक्षण लेने के लिए जा रहे हैं। पुराने स्विमिंग पूल के मुकाबले यह पूल काफी अच्छा और ओलिंपिक मानकों पर बनाया गया है। इसका पानी काफी स्वच्छ और साफ है। ऐसे में खिलाड़ी के साथ ही साथ कोच भी खुश हैं। खिलाड़ियों को इस पूल में प्रैक्टिस के बाद अब स्वर्ण पदक लाने का वादा करते नजर आ रहे हैं। ऐसे में दैनिक भास्कर ने स्विमिंग पूल के उद्घाटन के बाद यहां तैराकी के गुर सीख रहे नेशनल तैराकों और उनके कोच कन्हाई चंद्र तला पात्र से बातचीत की। सभी ने इस पूल को नया आयाम गढ़ने वाला बताया। पेश है तैराकों और कोच से बातचीत पर एक खास रिपोर्ट… सबसे पहले देखिए वाराणसी के सिगरा स्टेडियम के स्विमिंग पूल की तीन फोटो… अब जानिए नेशनल तैराकों ने क्या बताया जो पुराने स्विमिंग पूल में भी प्रैक्टिस कर चुके हैं… पानी साफ और स्टार्टिंग बोर्ड अच्छा
सिगरा स्टेडियम के स्विमिंग पूल पर प्रैक्टिस करने पहुंची बटर फ्लाई स्ट्रोक की प्लेयर गायत्री ने बताया- मै 9 साल से स्विमिंग कर रही हूं। मैंने पुराने पूल में भी स्विमिंग की थी और अब नए में भी कर रही हूं। नया पूल पुराने पूल से काफी अच्छा है। पुराने स्विमिंग एरिया में भी दो पूल थे पर दोनों अलग-अलग थे। यहां दोनों एक ही सेगमेंट में हैं। इससे काफी आसानी होने वाली है। इसके अलावा यहां का पानी बहुत साफ है और इसका स्टार्टिंग बोर्ड बहुत अच्छा है। अब मेडल जरूर आयेगा
गायत्री ने बताया- मेरा मेन इवेंट बटर फ्लाई स्ट्रोक है। इसमें मै 100, 200 और 50 मीटर का इवेंट खेलती हूं। इसके अलावा मै एक लांग इवेंटर हूं तो 1500 मीटर स्विमिंग भी करती हूं। गायत्री ने कहा कि- पहले मै सिर्फ खेलने जाती थी पर अब इस पूल में ट्रेनिंग के बाद मुझे यह विश्वास है कि अब हमारा भी मैडल लगेगा। डाइविंग बोर्ड के खिलाड़ी मायूस
इस पूल में डाइविंग बोर्ड नहीं है जबकि पुराने में था के सवाल पर गायत्री ने कहा – यह बड़ी बात है क्योंकि स्टेडियम खुलने के बाद वो भी यहां प्रैक्टिस के इंतजार में थे लेकिन डाइविंग बोर्ड न होने से उन्हें से बीएचयू और बीएलडब्लू में ही ट्रेनिंग करनी होगी। कहीं प्राइवेटाइजेशन न हो जाए
नेशनल तैराक राम आशीष यादव ने बताया- मै लांग इवेंटर हूं और सभी स्ट्रोक खेलता हूं। हाल ही में उड़ीसा में नेशनल खेलकर आया हूं लेकिन मेरा कोई प्लेस नहीं आया। इस स्विमिंग पूल से हम अपने प्रदर्शन में सुधार कर पाएंगे। राम आशीष ने आगे बताया कि सब हो गया है पर एक चीज का डर है कि कहीं इस स्टेडियम और पूल का प्राइवेटाइजेशन न हो जाए। पुराने पूल से अच्छा है नया पूल
प्रियांशी सहानी ने बताया- पहले मै सिगरा स्टेडियम में प्रैक्टिस करती थी। कोरोना काल में बंद हुआ तो फिर मै स्विमिंग से दूर हो गई। ऐसे में 2 साल स्विमिंग से दूर रही। अब स्टेडियम में दोबारा रजिस्ट्रेशन करवाया है और प्रेक्टिस शुरू की है। उम्मीद है आगे कोई भी साजिश न करवाए। यदि इसका प्राइवेटाइजेशन हुआ तो दिक्कतों का सामना करना पड़ा। अब जानिए कोच कन्हाई ने क्या बताया और ओलिंपिक के इस पूल की क्या खासियत बताई… 10 लेन का है ओलिंपिक साइज पूल
सिगरा स्टेडियम में शासन की तरफ से नियुक्त स्विमिंग कोच कन्हाई तला पत्रा ने बताया- पुराने और नए पूल में काफी अंतर हैं। बहुत डीप होने की वजह से पहले साफ-सफाई के कार्य में हिला हवाली होती थी। ऐसे में स्विमिंग पूल की सफाई में काफी दिक्कतें आती थी। नया पूल काफी अच्छा है। उसकी डेप्थ भी कम है। ऐसे में इसके मेंटेंनेस और साफ सफाई में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। अब 5 नहीं 9 महीने होगी प्रैक्टिस
कोच ने बताया- पहले हमारा स्टेडियम इनडोर नहीं था। ऐसे में जब जुलाई के महीने में बारिश और गरज के साथ स्विमिंग में खेलना बहुत मुश्किल होता था और जुलाई में इसे बंद कर दिया जाता था। उन्होंने बताया मार्च के महीने प्रैक्टिस शुरू हुई थी। इसके बाद जुलाई में बारिश और बिजलियों की कड़कड़ाहट की वजह से जुलाई में बंद हो जाता है। ऐसे में इनडोर स्टेडियम में अब यह प्रशिक्षण होगा। इससे खिलाडियों को मार्च से नवम्बर तक प्रैक्टिस करने का मौका मिलेगा। स्विमिंग चार स्ट्रोक, सबके खिलाड़ी मौजूद
कोच कन्हाई ने बताया- स्विमिंग में चार स्ट्रोक होते हैं – बटर फ्लाई (Butterfly), बैक स्ट्रोक (Backstroke), ब्रेस्ट स्ट्रोक (Breaststroke), and और फ्री स्टाइल (Freestyle) हैं। सभी बच्चों को हम सारे इवेंट सिखाते हैं। इससे यह पूल यूनिक है क्योंकि इसका पानी हर समय लबालब है और स्वच्छ है।