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मणिपुर CM को हटाएं तभी समर्थन देगी NPP:कहा- राज्य सरकार का साथ छोड़ा, लेकिन अब भी NDA के सहयोगी

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मणिपुर में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार से समर्थन वापस लेने वाली नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) ने कहा है कि यदि भाजपा मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को हटाती है तो पार्टी अपने फैसले पर दोबारा विचार कर सकती है। एनपीपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष युमनाम जॉयकुमार सिंह ने कहा- बीरेन सिंह राज्य में शांति लाने में पूरी तरह विफल रहे हैं। इसी कारण है कि NPP के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने सरकार से समर्थन वापस ले लिया। हालांकि, समर्थन वापस लेने का मणिपुर सरकार पर कोई असर नहीं पड़ा, क्योंकि 60 सदस्यों वाले सदन में BJP के पास 32 विधायकों के साथ पूर्ण बहुमत है। नागा पीपुल्स फ्रंट और जेडी(यू) भी सत्तारूढ़ गठबंधन में हैं। भ्रम के कारण शामिल हुए होंगे विधायक- जॉयकुमार जॉयकुमार ने दावा किया कि सीएम की अध्यक्षता में 18 नवंबर को हुई बैठक में NPP के तीन विधायक शामिल हुए थे, यह भ्रम के कारण हो सकता है। बैठक एनडीए विधायकों के लिए थी। हमने केवल बिरेन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार से समर्थन वापस लिया है, लेकिन हम अभी भी NDA के सहयोगी हैं। हालांकि, हमने अपने विधायकों को आगाह किया है कि राज्य या राष्ट्रीय अध्यक्ष की पूर्व मंजूरी के बिना ऐसी बैठकों में जाने पर उन पर एक्शन लिया जा सकता है। विधायक के घरों से लूटे डेढ़ करोड़ के जेवर मणिपुर में हाल ही में विधायकों के घरों पर हमले के दौरान 1.5 करोड़ रुपए के जेवर लूटे जाने का खुलासा हुआ है। जदयू विधायक के. जॉयकिशन सिंह की मां ने पुलिस में इसकी शिकायत दर्ज कराई है। तोड़फोड़ करने वाली भीड़ ने थांगमेइबंद इलाके में विधायक के आवास से 18 लाख रुपए नकद भी लूट लिए। विस्थापितों के लिए रखे कई सामान भी नष्ट कर दिए। रिलीफ कैंप की वालेंटियर सनयाई ने दावा किया कि हिंसा के दौरान लॉकर, इलेक्ट्रॉनिक्स सामान और फर्नीचर में तोड़फोड़ की गई। भीड़ 7 गैस सिलेंडर ले गई। विस्थापितों के दस्तावेज नष्ट कर दिए। तीन एसी ले जाने की भी कोशिश की। पुलिस के अनुसार, 16 नवंबर की शाम को भीड़ ने विधायक के आवास पर करीब दो घंटे तक तोड़फोड़ की थी। विधायक उस वक्त किसी परिजन के इलाज के लिए दिल्ली में थे। मणिपुर में पिछले सप्ताह हिंसा बढ़ने के बाद गुस्साए लोगों ने कई विधायकों के घरों में तोड़फोड़ की थी। यह हिंसा तीन महिलाओं और तीन बच्चों के जिरीबाम जिले में एक राहत शिविर से लापता होने के बाद भड़की थी। 4 जिलों में कर्फ्यू में ढील मिली इस बीच, राज्य सरकार ने लोगों को जरूरी चीजें खरीदने के लिए घाटी के चार जिलों में अलग-अलग टाइम पर कर्फ्यू में ढील दी है। इम्फाल पूर्व और थौबल के जिला मजिस्ट्रेटों ने सुबह 5 बजे से दोपहर 12 बजे तक छूट दी है। जबकि इम्फाल पश्चिम और बिष्णुपुर जिलों के लिए यह ढील सुबह 5 बजे से शाम 4 बजे तक होगी। इससे पहले चारों जिलों के अधिकारियों ने कहा था कि कर्फ्यू में ढील सुबह 5 बजे से शाम 4 बजे तक होगी। असम में हुआ लापता 6 लोगों का पोस्टमॉर्टम, परिजन ने शव लेने से इनकार किया 11 नवंबर को सुरक्षा बलों और कुकी-जो उग्रवादियों के बीच गोलीबारी के बाद जिरीबाम से 6 लोग लापता हुए थे। इनके शव पिछले दिनों जिरी नदी और असम के कछार में बराक नदी में पाए गए। मैतेई समुदाय की तीन महिलाओं और बच्चों समेत छह लोग जिरीबाम के बोरोबेकरा इलाके में एक राहत शिविर से लापता हो गए थे। यह कहा गया कि कुकी-ज़ो उग्रवादियों ने उनका अपहरण कर लिया गया था। हालांकि, पोस्टमार्टम पूरा होने के बाद भी शव असम के सिलचर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (एसएमसीएच) के मुर्दाघर में ही हैं, क्योंकि परिवार के सदस्य उन्हें अंतिम संस्कार के लिए वापस ले जाने को तैयार नहीं हैं। मणिपुर में दोबारा हालात क्यों बिगड़े मणिपुर में नवंबर में हुईं हिंसक घटनाएं मणिपुर में हिंसा के 560 दिन
कुकी-मैतेई के बीच 560 से ज्यादा दिनों से हिंसा जारी है। इस दौरान 237 मौतें हुईं, 1500 से ज्यादा लोग जख्मी हुए, 60 हजार लोग घर छोड़कर रिलीफ कैंप में रह रहे हैं। करीब 11 हजार FIR दर्ज की गईं और 500 लोगों को अरेस्ट किया गया। इस दौरान महिलाओं की न्यूड परेड, गैंगरेप, जिंदा जलाने और गला काटने जैसी घटनाएं हुईं। अब भी मणिपुर दो हिस्सों में बंटा हैं। पहाड़ी जिलों में कुकी हैं और मैदानी जिलों में मैतेई। दोनों के बीच सरहदें खिचीं हैं, जिन्हें पार करने का मतलब है मौत। ………………………………………………….. मणिपुर में हिंसा से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… मणिपुर के 6 इलाकों में AFSPA फिर से लागू मणिपुर के 5 जिलों के 6 थानों में फिर से आर्म्ड फोर्सेस स्पेशल प्रोटेक्शन एक्ट (AFSPA) लागू कर दिया गया है। यह 31 मार्च 2025 तक प्रभावी रहेगा। गृह मंत्रालय ने गुरुवार को इसका आदेश जारी किया। मंत्रालय ने कहा कि इन इलाकों में बिगड़ती सुरक्षा स्थिति के चलते फैसला लिया गया। AFSPA लागू होने से सेना और अर्ध-सैनिक बल इन इलाकों में कभी भी किसी को भी पूछताछ के लिए हिरासत में ले सकते हैं। पूरी खबर पढ़ें …

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