कानपुर के घाटमपुर के भीतरगांव में चल रही पांच दिवसीय 148वीं श्री कृष्ण लीला के चतुर्थ दिन भगवान श्री कृष्ण ने राक्षसी पूतना का अपनी लीला शक्ति से वध कर गोकुल वासियों के प्राणों की रक्षा की। पूतना वध होते ही पंडाल ताली की गड़गड़ाहटों और कन्हैया के जयकारों से गूंज उठा। सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस बल तैनात रहा। कृष्ण लीला में पूतना का वध भीतरगांव कस्बा स्थित प्रांगण में कृष्ण लीला के प्रारंभ में कंस द्वारा कृष्ण कन्हैया को मारने के लिए रणनीति बनी और यह तय हुआ की राक्षसी पूतना को कृष्ण का वध करने के लिए गोकुल भेजा जाए। रूप बदलने में माहिर इच्छाधारी राक्षसी पूतना सुंदर स्त्री का वेश बना गोकुल पहुंची जिसका भेद नारद मुनि द्वारा पहले ही श्री कृष्ण और बलदाऊ को बता दिया जाता है। जब पूतना गोकुल पहुंचती है तो मां यशोदा उसे लेकर नंद भवन में पहुंची तो राक्षसी पूतना कान्हा को मायावी शक्ति से आकाश में उड़ा ले जाती है। और कन्हैया को विष लगे स्तन से दूध पिलाना शुरू करती है। तभी कृष्ण कन्हैया ने अपनी लीला शक्ति से उसके प्राण हर लिए, पूतना का वध होते ही गोकुल बने कस्बा में कन्हैया के जयकारे गूंजने लगे। उधर राजा कंस द्वारा अपने सेना पतियों से श्री कृष्ण को मथुरा आने का निमंत्रण भेजा गया है। पूतना वध देखने आसपास गांव से लोगों की भारी भीड़ पहुंची है। साढ़ थाना प्रभारी केपी सिंह ने बताया कि सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस बल को तैनात किया गया है। कुछ पुलिसकर्मी सादी वर्दी में भी लगे हुए है। देखिए कृष्ण लीला की शानदार तस्वीरें…