हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने चंडीगढ़ में प्रेसवार्ता कर अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव के कार्यक्रम की घोषणा की। इस मौके पर ओडिशा के कैबिनेट मंत्री सूर्यवंशी सूरज और तंजानिया की हाई कमिश्नर अनीशा और स्वामी ज्ञानानंद भी मौजूद रहे। मुख्यमंत्री ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव का इस बार 28 नवंबर से 15 दिसंबर तक आयोजन होगा। यह आयोजन 18 दिन तक चलेगा। 2016 से यह महोत्सव चल रहा है। इस महोत्सव में लाखों की संख्या में श्रद्धालु यहां आते हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि इस मेले को देश विदेश में लोकप्रियता मिली है। 2023 में इस महोत्सव में 45 लाख लोगों ने 18 अलग-अलग दिनों में हिस्सेदारी की थी। कुरूक्षेत्र के बारे में जानकारी देते हुए सैनी ने कहा कि धर्मक्षेत्र कुरूक्षेत्र 48 कोस में फैला हुआ है। यहां 182 महाभारत कालीन तीर्थ हैं। 5162 वर्ष पहले भगवान श्री कृष्ण ने कुरुक्षेत्र की धरती पर गीता का उपदेश दिया था। मुख्यमंत्री ने बताया कि 2019 में मॉरिशस, लंदन, कनाडा, आस्ट्रेलिया, श्रीलंका और इंग्लैंड में भी अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव मनाया गया था। गीता के 5151 वर्ष पूरे होने पर पीएम मोदी ने चिंता जाहिर की थी। गीता का संदेश पूरी दुनिया में जाना चाहिए। गीता मनीषी ज्ञानानंद महाराज पूरी दुनिया में गीता का संदेश फैला रहे हैं। सूरजकुंड मेले में भी पार्टनर होगा तंजानिया
मुख्यमंत्री नायब सैनी ने बताया कि सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेला 7 से 23 फरवरी 2025 तक आयोजित किया जाएगा। इसमें भी तंजानिया भागीदारी के रूप में शामिल होगा। तंजानिया में गीता और श्रीमद्भागवत का आयोजन होता रहता है। वहां भी हिंदू मंदिर है। इस बार अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में ओडिशा सहयोगी राज्य के रूप में शामिल होगा। मुख्यमंत्री ने बताया इस महोत्सव पर ब्रह्म सरोसर के भव्य गीता महाआरती होगी। 28 नवंबर को कुरुक्षेत्र के सभी तीर्थ पर सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। 5 दिसंबर को ब्रह्म सरोवर पर पूजन से इस महोत्सव को विधिवत शुरुआत होगी। कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय में तीन दिन की संगोष्ठी होगी। ब्रह्म सरोवर पर धर्म सम्मेलन होगा। ज्योतिसर तीर्थ पर 18 हजार विद्यार्थी वैश्विक पाठ करेंगे।