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पैक्सों को धान बेचने के लिए किसान एडवांस ऑनलाइन बुकिंग करा सकेंगे

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राज्य के किसान अब पैक्स के जरिए धान बेचने के लिए अग्रिम बुकिंग करा सकेंगे। सहकारिता विभाग ने ई-सहकारी पोर्टल पर ऑनलाइन धान बुकिंग की सुविधा शुरू की है। इससे किसानों को धान बेचने के लिए भटकना नहीं पड़ेगा और पैक्सों को धान लेना पड़ेगा। धान खरीद के तहत यह सुविधा दी जा रही है। सहकारिता मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने बताया कि इससे पैक्स द्वारा धान क्रय नहीं करने की शिकायतों पर भी अंकुश लगेगा। इस कार्य में सहयोग के लिए विभाग स्तर पर नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है, जिसका नं. 0612-220693 है। किसी प्रकार की समस्या होने पर किसान इस नंबर पर फोन कर सहायता ले सकते हैं। विभागीय समीक्षा करते हुए किसानों को 48 घंटे के भीतर खरीदे गए धान का मूल्य उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया। समीक्षा में पाया गया कि बक्सर, वैशाली, मुजफ्फरपुर, पूर्वी एवं पश्चिमी चंपारण, सहरसा, सारण आदि जिलों में किसानों का भुगतान प्रतिशत काफी कम है। अबतक 2.16 लाख मी. टन धान की खरीद हो चुकी है। इससे 26455 किसान लाभान्वित हुए हैं, जिनमें से 16907 किसानों को भुगतान किया जा चुका है। जबकि 15 फरवरी तक निर्धारित लक्ष्य 45 लाख मीट्रिक टन धान खरीद करनी है। बैठक में सहकारिता विभाग के सचिव धर्मेंद्र सिंह, निबंधक इनायत खान, प्रभात कुमार और ललन शर्मा उपस्थित रहे। राज्य के 18 हजार गांवों में होगा डिजिटल क्रॉप सर्वे राज्य के 36 जिलों के 18 हजार से अधिक गांवों में डिजिटल क्रॉप सर्वे किया जाएगा। रबी मौसम में होने वाली फसलों का सर्वे होगा। बुधवार को राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव और कृषि सचिव की अध्यक्षता में एग्री स्टैक परियोजना के अंतर्गत क्रॉप सर्वे और फार्मर रजिस्ट्री विषय पर प्रशिक्षण कार्यशाला हुई। दीपक कुमार सिंह ने कहा कि बिहार में डिजिटल क्रॉप सर्वे हो जाने से किसानों की जमीन के बारे में साइंटिफिक डाटा उपलब्ध हो जाएगा और जरूरतमंद किसानों को योजनाओं का उचित लाभ मिल पाएगा। उन्होंने 31 जनवरी तक जियो रेफरेंस मैप तैयार करने का निदेश दिया। उन्होंने आगे बताया कि राज्य में लगभग 45 हजार राजस्व ग्राम हैं, जिसमें से इस रबी मौसम में 50 प्रतिशत राजस्व ग्राम की जियो रेफरेंस मैपिंग करने का लक्ष्य है। बिहार में अभी 4.5 करोड़ जमाबंदियां खुली हैं, जिसमें से कई पूर्वजों के नाम से है। अगले एक महीने में भू-अभिलेख को आधार से लिंक कर लिया जाएगा। उन्होंने कृषि विभाग से अपील की कि कृषि विभाग की योजनाओं का लाभ उन्हीं किसानों को दें, जिनका भू-अभिलेख आधार से लिंक हो। उन्होंने किसानों से अपना भू-अभिलेख ठीक कराने का भी आह्वान किया। सचिव, कृषि विभाग संजय कुमार अग्रवाल ने कहा कि किस जिला में, किस फसल की, कितने क्षेत्र में खेती की गई है, इस विषय पर विभिन्न स्रोतों के अलग-अलग आंकड़े हैं। डिजिटल क्रॉप सर्वे योजना में रियल टाइम में बोयी गई फसलों के आच्छादन क्षेत्र का सही आकलन किया जा सकेगा। डिजिटल क्रॉप सर्वे 31 जनवरी तक करना होगा। सर्वे कर्मी को 5 रुपए प्रति प्लॉट की दर से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। इसके अतिरिक्त पावर बैंक की सुविधा के साथ-साथ नेट के लिए अलग से राशि उपलब्ध कराई जाएगी। यह कार्य अनुमंडल कृषि पदाधिकारी के नेतृत्व में कराया जाना है। उन्होंने कहा कि किसानों का रजिस्ट्रेशन कराया जाना है। इससे किसान की भूमि, खेत का क्षेत्रफल और उगाई गई फसलों का सत्यापित विवरण सिंगल विन्डो पर प्राप्त हो सकेगा, जिससे ऋण और फसल बीमा या अन्य कृषि सेवाओं का किसानों तक आसानी से पहुंच बनाने में सुविधा प्रदान की जा सकेगी। एमएसपी निर्धारण, पॉलिसी मेंकिग, मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन फसल जोखिम प्रबंधन, फसल के लिए बेहतर बाजार प्राप्त हो सकेगा।

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