महाराजगंज में दिसंबर की कड़ी धूप ने जहां ठंड से राहत दी है, वहीं किसानों को चिंता में डाल दिया है। किसानों का कहना है कि लगातार बढ़ते तापमान से रबी फसलों की उत्पादकता पर असर पड़ सकता है। इस बार महाराजगंज में किसानों ने 1.45 लाख हेक्टेयर में गेहूं की बुवाई की है। अधिकांश किसानों ने बुवाई पूरी कर ली है और कुछ ने पहली सिंचाई भी शुरू कर दी है। लेकिन सामान्य से अधिक तापमान उनकी मेहनत पर पानी फेर सकता है। किसानों की गाढ़ी कमाई फंसने का डर क्षेत्र के प्रगतिशील किसानों जैसे सियाराम दास, अजीत सिंह, भोला राय, ज्योति भान मिश्रा और अन्य ने चिंता जताई कि यदि तापमान इसी तरह बढ़ता रहा तो फसलों की उत्पादकता घट जाएगी। इससे उनकी गाढ़ी कमाई खेतों में फंस सकती है। कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि दिसंबर में सामान्य तौर पर अधिकतम तापमान 18 डिग्री होना चाहिए। लेकिन वर्तमान में यह 21-24 डिग्री तक पहुंच गया है, जो गेहूं, सरसों और मसूर जैसी फसलों के लिए नुकसानदेह हो सकता है। कृषि वैज्ञानिकों ने दिए सुझाव
कृषि विज्ञान केंद्र वसूली के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. शिवपूजन यादव ने कहा कि किसानों को फसलों में पर्याप्त नमी बनाए रखनी चाहिए। उन्होंने आगाह किया कि यदि जनवरी में भी ऐसा ही मौसम रहा, तो गेहूं की फसल को बार-बार सिंचाई की आवश्यकता होगी। मौसम पर नजर रखने की सलाह डॉ. धीरेंद्र प्रताप सिंह और अन्य विशेषज्ञों ने कहा कि किसानों को मौसम के बदलाव पर सतर्क रहना चाहिए। पर्याप्त नमी और समय पर सिंचाई से फसल को बचाया जा सकता है। मौसम में असामान्यता ने किसानों के लिए चुनौतियां बढ़ा दी हैं। उन्हें आशंका है कि इस मौसम में उत्पादन घटने से आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ेगा।