आगरा में डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय में गुरुवार को फिर से बीएचएमएस के छात्र पहुंचे। छात्रों अपनी मांग पूरी न होने से नाराज है। 2 दिसंबर को विश्वविद्यालय से उन्हें आश्वासन दिया गया था कि उनकी कॉपियों की रीचेकिंग के लिए मौका दिया जाएगा। चैलेंज इवेल्युएशन का भी मौका दिया जाएगा। लेकिन 10 दिन में भी ऐसा नहीं हो पाया है। 7 जिलों के मेडिकल कॉलेजों के 60 से ज्यादा छात्र विश्वविद्यालय में परीक्षा नियंत्रक कार्यालय के बाहर धरने पर बैठे हुए हैं। 2 दिसंबर को हुआ था यह मामला
बैच 2019 के दर्जनों छात्र यूनिवर्सिटी पहुंचे थे। छात्रों का कहना था कि यूनिवर्सिटी से संबद्ध 8 कॉलेजों में से प्रति कॉलेज 50 प्रतिशत छात्र लगभग एक ही सब्जेक्ट( कम्यूनिटी मेडिसिन) में फेल किए गए हैं। मांग की थी कि 2019 बैच के सभी फेल और पास छात्रों के रिजल्ट रोके जाएं। इंटर्नशिप पासिंग सर्टिफिकेट जारी किए गए हैं, उन्हें रोका जाए। सभी छात्रों की एक साथ इंटर्नशिप कराई जाए। कम्यूनिटी मेडिसिन की कॉपियों की दोबारा जांच की जाए। उसके बाद रिजल्ट दोबारा जारी किया जाए। रात 12 बजे तक धरना देने के बाद छात्रों को आश्वासन दिया था कि उन्हें आरटीआई के माध्यम से अपनी कॉपियां देखने का मौका मिलेगा। रीचेकिंग की जाएगी। कॉपी साथ लेकर पहुंचे छात्र
गुरुवार को अपने साथ कॉपियां लेकर पहुंचे छात्रों का कहना है कि उन्हें जीरो नंबर दिए गए हैं। जबकि कॉपी में पूरा आंसर लिखा है। यही नहीं, कई कॉपियों में टोटल गलत किया गया है। टोटल 40 नंबर का हो रहा है जबकि दिए 30 नंबर गए हैं। एक क्वेश्चन में 10 नंबर दिए हैं, बाकी में जीरो दिए गए हैं। कई छात्रों की कॉपियों में 60 नंबर हैं, लेकिन रिजल्ट में फेल दिख रहे हैं। एक छात्रा को माइनस 39 नंबर दिए गए। जोकि किसी भी स्थिति में मुमकिन नहीं है। एक टीचर ने चेक की हैं कॉपी
छात्रों ने कानपुर के बीएसएमएस कॉलेज की एक टीचर पर आरोप लगाया है कि उन्होंने ही इस सब्जेक्ट की कॉपियां चेक की हैं। हर कॉपी में उनके ही साइन हैं। उनके कॉलेज के छात्र फेल नहीं हुए हैं, जबकि बाकी 7 कॉलेजों के छात्र फेल कर दिए गए हैं। रात गुजारी स्टेशन पर
छात्रों ने बताया कि वो बुधवार दोपहर को अपने शहरों से निकले थे। जनरल में सफर कर रात स्टेशन पर गुजारी। सुबह 6 बजे यूनिवर्सिटी पहुंच गए। 10:30 बजे तक उन्हें यूनिवर्सिटी के बाहर पालीवाल पार्क में बैठना पड़ा क्योंकि सिक्योरिटी गार्ड्स एंट्री नहीं दे रहे थे। खबर लिखे जाने तक कोई भी अधिकारी छात्रों से मिलने नहीं पहुंचा था। छात्र परीक्षा नियंत्रक कार्यालय के बाहर ही धरना देकर बैठे हुए हैं। उनका कहना है कि जब तक मांग पूरी नहीं होंगी, तब तक वे वापस नहीं जाएंगे। नहीं सुनते हैं अधिकारी
एनएसयूआई के प्रदेश महासचिव अंकुश गौतम का कहना है कि पिछली बार भी रात तक धरना देना पड़ा था। उसके बाद आश्वासन मिला था। अब भी यही स्थिति है। अधिकारी सुनते ही नहीं हैं। फोन भी नहीं उठा रहे हैं। छात्र परेशान हो रहे हैं।