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कन्नौज में नीलू यादव को नहीं मिली जमानत:लंबा आपराधिक रिकार्ड बना रोड़ा, मारपीट और धमकाने का 3 साल पुराना केस

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कन्नौज में चर्चित रेपकांड के बाद से बड़े भाई के साथ जेल में बन्द नीलू यादव की जमानत याचिका कोर्ट ने खारिज कर दी है। मारपीट के 3 साल पुराने मामले में नीलू के वकील ने जिला जज की कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की थी। इसमें दोनों पक्षों के बीच समझौता होने का भी जिक्र किया गया था। जेल में बन्द सपा नेता नवाब सिंह यादव के भाई और पूर्व ब्लाक प्रमुख नीलू यादव के खिलाफ दर्ज मारपीट के मामले में जमानत याचिका कोर्ट ने निरस्त कर दी। नीलू के खिलाफ 3 साल पहले उनके गांव अड़ंगापुर निवासी दिनेश ने सदर कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराई थी। इसमें आरोप लगाया गया कि 8 अक्टूबर 2021 की रात 9:30 बजे नवाब सिंह यादव, वीरपाल उर्फ नीलू यादव, विजेन्द्र उर्फ भोले, अमन, विवेक और सुरजीत ने लाठी, डंडों और तमंचों से लैस होकर हमला कर दिया था। इन लोगों ने घर में घुसकर मारपीट, तोड़फोड़ की और भद्दी-भद्दी गालियां दीं। विरोध करने पर उन सभी लोगों ने रामचन्द्र और कौशलेंद्र को भी बुरी तरह पीट दिया और फायरिंग की, जिससे दोनों बुरी तरह घायल हो गए।इस मामले को लेकर वीरपाल उर्फ नीलू यादव के वकील शिवकुमार यादव ने जिला जज की कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की थी। इसमें उन्होंने दावा किया कि मारपीट का मामला झूठा है। गांव की पार्टीबन्दी के कारण उन्हें रंजिशन फंसाया गया। घटना के समय मौजूद न होने का दावा
घटना के समय गांव में नीलू के मौजूद न होने का भी दावा किया। इसके अलावा घायलों के कानपुर के प्राइवेट अस्पताल में एक्स-रे की जगह सीटी स्कैन कराए जाने को संदेहास्पद भी बताया। हालांकि दूसरी तरफ प्रभारी जिला शासकीय अधिवक्ता तरुण चन्द्रा ने जमानत याचिका निरस्त करने की अपील की। उन्होंने नीलू यादव का आपराधिक रिकार्ड सामने रखते हुए कहा कि उसके खिलाफ 20 आपराधिक मामले दर्ज हैं। इसमें गुंडा अधिनियम, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाना, मारपीट, शस्त्र अधिनियम जैसे गम्भीर मामले शामिल हैं। नीलू का लंबा आपराधिक इतिहास देखने के बाद जिला जज चंद्रोदय कुमार ने जमानत याचिका निरस्त कर दी। न्यायालय के इस फैसले से नीलू यादव की मुश्किलें और बढ़ गईं। पाक्सो कोर्ट में 2 बार सरेंडर करने के बाद से जेल में नीलू
11 अगस्त की रात में सपा नेता नवाब सिंह यादव को पुलिस ने नाबालिग से रेप के आरोप में अरेस्ट किया था। इस कांड में सहयोग करने के आरोप में पीड़िता की बुआ को पुलिस ने 21 अगस्त को अरेस्ट कर जेल भेज दिया था। जबकि पीड़िता की बुआ के साथ मिलकर रेपकांड के साक्ष्य मिटाने के प्रयास करने के आरोप में पुलिस को नीलू यादव की तलाश थी। 12 दिन तक पुलिस से लुकाछिपी खेलने के बाद नीलू यादव ने 3 सितंबर को पाक्सो एक्ट कोर्ट में सरेंडर कर दिया था। इस केस में जमानत मिलने पर 29 सितंबर को नीलू की जेल से रिहाई हो गई थी, लेकिन उसी दिन पुलिस ने नवाब, नीलू और रेप पीड़िता की बुआ के खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई कर दी। इसके बाद नीलू की फिर तलाश में पुलिस जुट गई। 3 अक्टूबर को नीलू ने पुलिस को चकमा देते हुए फिर कोर्ट में सरेंडर कर दिया था। इसके बाद से वह लगातार जेल में बन्द हैं। नवाब सिंह यादव और पीड़िता की बुआ भी जिला जेल में बन्द हैं।

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