महंत नृत्यगोपाल दास ने नैमिषारण्य को रेल मार्ग जोड़ने के लिए पीएम को पत्र लिखा है। महंत ने उत्तर प्रदेश के प्राचीनतम तीर्थ स्थल नैमिषारण्य को अन्य वैश्विक तीर्थ स्थलों और पर्यटन केन्द्रों से रेल द्वारा जोड़ने की आवश्यकता पर जोर दिया है। इस संबंध में एक प्रस्ताव प्रधानमंत्री मोदी को भेजा गया है। इसमें कहा गया कि भारत सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश के पांच प्रमुख तीर्थ स्थलों काशी वाराणसी, अयोध्या, प्रयागराज, मथुरा और नैमिषारण्य को वैश्विक पर्यटन केन्द्र के रूप में घोषित किया गया है। इन स्थलों में चार स्थान पहले ही रेल, हवाई और एक्सप्रेस-वे मार्गों से जुड़ चुके हैं लेकिन नैमिषारण्य को अब तक इन सभी परिवहन साधनों से नहीं जोड़ा गया है। महंत ने कहा है कि नैमिषारण्य तक आने-जाने में तीर्थ यात्रियों और पर्यटकों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। यहां तक कि नैमिषारण्य को फोरलेन सड़क तक नहीं मिली है। प्रस्ताव में यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि नैमिषारण्य को रेल मार्ग से अयोध्या सहित पांचों प्रमुख तीर्थ स्थलों से जोड़ा जाता है तो न केवल इन स्थानों का आपस में बेहतर कनेक्टिविटी होगी, बल्कि उत्तर प्रदेश के कई अन्य जिलों को भी रेलवे नेटवर्क से जोड़ा जा सकेगा। नए प्रस्ताव में नैमिषारण्य से हरदोई होकर फर्रुखाबाद तक 112 किलोमीटर लंबी नई रेल लाइन बिछाने का सुझाव दिया गया है। इससे इन प्रमुख तीर्थ स्थलों और अन्य जिलों के बीच आवागमन को सरल और सुविधाजनक बनाया जा सके। इसके साथ ही रेलवे नेटवर्क का विस्तार होते ही उत्तर प्रदेश के अनेक जिले जैसे लखीमपुर, सीतापुर, हरदोई, फर्रुखाबाद, कन्नौज, कासगंज, हाथरस, फिरोजाबाद एक-दूसरे से रेल मार्ग द्वारा सीधे जुड़ जाएंगे। महंत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनुरोध किया है कि वे आगामी बजट में इस महत्वपूर्ण प्रस्ताव को मंजूरी देने की कृपा करें, जिससे भारतीय रेलवे नेटवर्क में एक नया कॉरीडोर बने और इन प्रमुख तीर्थ स्थलों का विकास हो सके।