गोरखपुर में प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (PUC) की अनदेखी अब भारी पड़ने वाली है। यातायात पुलिस ने शहर की सड़कों पर चल रहे वाहनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का ऐलान किया है। जांच के दौरान बड़ी संख्या में वाहन चालकों के पास PUC सर्टिफिकेट नहीं मिला, जिससे यातायात विभाग अब विशेष अभियान चलाने की तैयारी में है। बिना PUC सर्टिफिकेट वाहन चलाना पड़ेगा महंगा
SP ट्रैफिक संजय कुमार ने कहा, “प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र न होना गंभीर लापरवाही है। पुलिस सख्ती से वाहनों की जांच करेगी। यदि वाहन के पास PUC सर्टिफिकेट नहीं हुआ, तो 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।” हालांकि, चालान के बाद सर्टिफिकेट प्रस्तुत करने पर जुर्माने में राहत दी जा सकती है। प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र यह सुनिश्चित करता है कि वाहन से निकलने वाला धुआं भारत सरकार के मानकों के अनुरूप है। यह सर्टिफिकेट नए वाहन खरीदने पर एक साल के लिए वैध होता है, जबकि पुराने वाहनों के लिए इसे हर छह महीने में नवीनीकरण कराना जरूरी है। पिछले छह महीने में 568 वाहनों का चालान
यातायात पुलिस ने मई से अक्टूबर के बीच 568 वाहनों का चालान काटा और 97,000 रुपये का जुर्माना वसूला। यातायात विभाग अब आने वाले दिनों में और कड़ी कार्रवाई करने की तैयारी में है। वाहन चालकों के लिए जरूरी निर्देश
1. बिना PUC सर्टिफिकेट वाहन चलाने पर 10,000 रुपये तक का जुर्माना।
2. नए वाहनों का PUC सर्टिफिकेट पहली बार एक साल के लिए मान्य। पुराने वाहनों के लिए हर छह महीने में नवीनीकरण अनिवार्य।
3. गोरखपुर में PUC सर्टिफिकेट जारी करने के लिए कुल 45 केंद्र उपलब्ध। PUC सर्टिफिकेट के लिए शुल्क दरें
• दोपहिया वाहन (बाइक): 60 रुपये
• पेट्रोल चालित कार: 80 रुपये
• डीजल वाहन: 110 रुपये प्रदूषण रोकने के लिए पुलिस की अपील
यातायात पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि वे अपने वाहनों का समय पर PUC सर्टिफिकेट बनवाएं। SP ट्रैफिक ने कहा, “प्रदूषण को रोकना सभी की जिम्मेदारी है। जनता से सहयोग की उम्मीद है ताकि गोरखपुर की हवा साफ-सुथरी बनी रहे।” यातायात पुलिस जल्द ही विशेष अभियान शुरू करने जा रही है। वाहन जांच के दौरान PUC सर्टिफिकेट की अनिवार्य जांच होगी और जुर्माना वसूला जाएगा। इससे ना केवल प्रदूषण पर नियंत्रण लगेगा बल्कि यातायात नियमों का सख्ती से पालन भी सुनिश्चित होगा।