नोएडा एयरपोर्ट अथॉरिटी ने महिंद्रा को कैब सेवा के लिए अपना पार्टनर बनाया है। इसके तहत एयरपोर्ट आने जाने वाले मुसाफिर को प्रीमियम पिक एंड ड्राप मिलेगा। यहां चलने वाली कैब 100 प्रतिशत इलेक्ट्रिक यानी जीरो कार्बन उत्सर्जन की होंगी। कैब की बुकिंग मोबाइल ऐप, वेबसाइट, कॉल सेंटर, एयरपोर्ट कियोस्क आदि माध्यम से की जा सकेगी। हालांकि पहले फेज में कितने कैब महिंद्रा चलाएगा इसका अनाउंसमैंट भी जल्द किया जाएगा। 9 दिसंबर को नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर सफल लैंडिंग कराई गई। नोएडा स्थापना दिवस 17 अप्रैल को एयरपोर्ट पूरी तरह से कॉमर्शियल कर दिया जाएगा। पहले फेज की क्षमता 1.2 करोड़ की होगी। इसके लिए एयरपोर्ट अथॉरिटी ने तैयारी का रही है। इसी के तहत महिंद्रा को नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट ने अपना पार्टनर बनाते हुए समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किए। सात दिन 24 घंटे सेवा
ये सेवा एयरपोर्ट से 24 घंटे सातों दिन मिलेगी। इसके लिए ऐप या वेबसाइट से सिर्फ कैब बुक करनी होगी। पेमेंट मोड ऑनलाइन होगा। इसके बाद ये सेवा आपको एयरपोर्ट तक लेकर जाएगी और एयरपोर्ट से आपके घर तक ड्राप भी करेगी। इस कैब में सुरक्षा के सभी फीचर भी होंगे। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के सीईओ क्रिस्टोफ श्नेलमैन ने कहा, कि हमने प्रीमियम, पूर्णतः इलेक्ट्रिक टैक्सी सेवा देने के लिए महिंद्रा लॉजिस्टिक्स मोबिलिटी के साथ साझेदारी की है, ताकि हवाई अड्डे से सीधे आपके गंतव्य तक निर्बाध तथा पर्यावरण-अनुकूल यात्रा उपलब्ध कराई जा सके। 90 दिनों में मिलेगा कॉमर्शियल लाइसेंस
1334 हेक्टेयर में बन रहे इस एयरपोर्ट के पहले चरण का 85% काम पूरा हो चुका है। हालांकि इस पूरे एयरपोर्ट का निर्माण 6 हजार 500 हेक्टेयर में चार फेज में किया जाएगा। जिसमें 29 हजार 650 करोड़ रुपए खर्च होने है। पहले फेज के निर्माण में 10056 करोड़ रुपए खर्च होंगे। अब तक करीब 8 हजार करोड़ रुपए खर्च हो चुके है। कॉमर्शियल फ्लाइट संचालन के लिए कंपनी डायरेक्टर ऑफ सिविल एविएशन (DGCA)को एअरोड्रोम लाइसेंस के लिए आवेदन करेंगे। 15 दिसंबर के बाद किया जाएगा। अधिकतम 90 दिनों में लाइसेंस मिल जाएगा। 40 साल तक चलाएगी स्विस कंपनी
इस एयरपोर्ट का निर्माण स्विस कंपनी ज्यूरिख इंटरनेशनल कर रही है। कंपनी 40 साल तक इस एयरपोर्ट को रन करेगी। पहले फेज की क्षमता 1.2 करोड़ पैसेंजर की है। 17 अप्रैल से रोजाना 65 फ्लाइट उड़ान भरेंगी। इसमें 62 फ्लाइट डोमेस्टिक होंगी। दो इंटरनेशनल फ्लाइट होंगी और कार्गो फ्लाइट होगी। पूरा बनने के बाद ये एशिया का चौथा सबसे बड़ा एयरपोर्ट हो जाएगा।