लखनऊ के मलिहाबाद तहसील से उत्तर प्रदेश की राज्यपाल के नाम एक नोटिस भेजा गया है। 11 दिसंबर को स्पीड पोस्ट के जरिए पहुंची नोटिस पर राज भवन ने कड़ी आपत्ति जताई है। साथ ही संबंधित अधिकारियों, कर्मचारियों पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। राज भवन से मिले लेटर के बाद लखनऊ कलेक्ट्रेट में हड़कंप मचा हुआ है। तत्काल मलिहाबाद तहसील से नोटिस की जानकारी मांगी गई। जांच में पता चला कि किसी शरारती तत्व द्वारा यह नोटिस तैयार की गई। तहसीलदार मलिहाबाद विकास सिंह ने बताया कि यह नोटिस हाथ से तैयार की गई थी। इसे जानबूझकर साजिश के तहत राज भवन भेजा गया। मुकदमा सही, नोटिस फर्जी
नोटिस में मीरा पाल बनाम उत्तर प्रदेश सरकार मामले में राजस्व संहिता की धारा 67 के तहत बेदखली की कार्रवाई का जिक्र है। दस्तावेज में तहसीलदार कोर्ट के पेशकार गंगाराम मोर के हस्ताक्षर हैं। वहीं, तहसीलदार का कहना है कि नोटिस की भाषा शैली ही फर्जी है। राज भवन की सख्त आपत्ति
राज भवन ने नोटिस को 12 दिसंबर को खारिज करते हुए कहा कि इस प्रकार की शरारत दोबारा न हो। साथ ही धारा 361 का हवाला देते हुए कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। राज भवन की नोटिस 13 दिसंबर को कलेक्ट्रेट पहुंची, इसके बाद अधिकारियों अधिकारियों में हड़कंप मच गया। प्रशासन की प्रतिक्रिया
तहसीलदार मलिहाबाद ने बताया कि फाइलों और दस्तावेजों का अवलोकन किया जा रहा है। इसके अलावा नोटिस बनाने वाले व्यक्ति की पहचान के लिए हस्तलिपि (हैंडराइटिंग) का मिलान किया जाएगा। इस प्रकार की साजिश प्रशासनिक व्यवस्था को नुकसान पहुंचाने की कोशिश है। दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।