कन्नौज में बिना मानक अवैध तरीके से स्कूली वैन सड़क पर दौड़ती हैं। इन वैन में संख्या से अधिक बच्चे ठूंस के भरे जाते हैं। तमाम वैन एलपीजी गैस से चलती हैं, जिससे कभी भी हादसे हो सकते हैं। ट्रैफिक पुलिस और परिवहन विभाग के अधिकारी इन्हें अनदेखा करते हैं। स्कूल वाहनों को लेकर शासन स्तर से सख्त नियम तय किए गए, लेकिन धरातल पर असलियत तो कुछ और ही है। कन्नौज में बिना मानक धड़ल्ले से स्कूली वैन सड़कों पर फर्राटा भरते नजर आती हैं। इनमें तय संख्या से अधिक बच्चों को ठूंस-ठूंसकर भरा जाता है। इन वैन में न तो स्कूल का नाम लिखा होता और न ही आग बुझाने का यंत्र होता है। मानक विहीन अधिकांश वैन एलपीजी गैस से चलाई जा रही हैं। इनके लीक होने पर कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूल संचालकों ने बच्चों को लाने व ले जाने के लिए ऑटो लगा रखे हैं, जिनमें बच्चों की सुरक्षा के कोई प्रबन्ध नहीं होते। इसके बावजूद इस तरह के स्कूली वाहन ट्रैफिक पुलिस और परिवहन विभाग के अफसरों को नजर नहीं आते। CCTV कैमरे बन गए शोपीस
ट्रैफिक व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए जिले भर में ट्रैफिक पुलिस की ओर से भीड़भाड़ वाले एरिया, चौराहों और तिराहों पर सीसीटीवी कैमरे लगवाए गए। मॉनिटरिंग के लिए पुलिस लाइन में कमांड सेंटर बनाया गया। पिछले महीने एसपी अमित कुमार आनंद ने कमांड सेंटर का उद्घाटन भी किया था। हालांकि अब तक ये कैमरे न तो डग्गामारी रोकने में कामयाब हो सके और न ही सवारी वाहनों की ओवरलोडिंग रोकने में काम आ सके। मानक विहीन स्कूली वाहनों पर भी अंकुश नहीं लगाया जा सका।