नर्मदापुरम जिले के बानापुरा रेंज के बांसपानी के जंगल में मृत मिले बाघ का शिकार हुआ था। शिकारियों ने बाघ के 4 केनाइन दांत, 3 नाखून और पूंछ के बाल काटकर ले गए थे। टाइगर के शिकार की पुष्टि होने के बाद अब वन विभाग की तीन टीम शिकारियों को ढूंढने में जुटी हुई है। जांच में मदद के लिए स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स (टीएसएफ) की टीम भी बानापुरा पहुंची है। टाइगर के नाखून, दांत और पूंछ के बाल काटकर ले जाने से टीम को आशंका है कि कोई जादूटोना, झाड़-फूंक करने वाले किसी पड़ियार का टाइगर के शिकार में हाथ हो सकता है। दो दिन से वन विभाग और टीएसएफ के जवान घटनास्थल, आसपास लगे क्षेत्र और घटनास्थल से 200 मीटर दूर बांसपानी गांव के कुछ घरों के आसपास सर्चिंग कर रहे हैं। फिलहाल में शिकारी टीम के हाथ नहीं लगे है। बानापुरा रेंज के बासपानी बीट के जंगल में 11 दिसंबर शाम एक बाघ का शव दिखाई दिया। जिसकी उम्र करीब 9 साल है। अगले दिन पोस्टमार्टम के दौरान जांच में खुलासा हुआ कि शिकारियों ने बाघ के नाखून और केनाइन दांत और पूंछ के बाल काटकर ले गए। चार-पांच दिन पहले हुई थी मौत शिकारियों ने बाघ के शव के बाकी अंगों को नहीं निकाला। इसके बाद शव को जंगल में फेंककर उस पर झाड़ियां रख दी थी। सीसीएफ अशोक कुमार का कहना है कि बाघ का शिकार हुआ है। मौत का कारण स्पष्ट नहीं है। बाघ की मौत लगभग चार-पांच दिन पहले हुई थी। डॉक्टरों की टीम ने पोस्टमॉर्टम किया है। मौत की वजह जानने के लिए विसरा जांच के लिए लैब भेजा जा रहा है। रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा। मारने के बाद शव दूर फेंकने की आशंका सीसीएफ अशोक कुमार ने बताया कि 4, 5 दिन पुराना बाघ शव होने से कीड़ों ने बुरी तरह उसे खराब कर दिया था। जिससे उसके नर या मादा होने की भी पुष्टि नहीं हो पा रही है। टाइगर के पीछे का हिस्सा कीड़ों ने खराब कर दिया। जांच में यह भी खुलासा हुआ कि जहां टाइगर का शव मिला, उस जगह पर उसे नहीं मारा गया है। शिकारियों ने शिकार के बाद लम्बी दूरी तक उसके शव को घसीटकर ले गए। फिर झाड़ियों के बीच पटककर पत्तों के नीचे दबा दिया था। टाइगर के बाल भी झाड़ियों में फंसे हुए मिले। घटनास्थल से 200 मीटर गांव, घर में पहुंचा डॉग बाघ शिकार की पुष्टि होने के बाद वन विभाग की टीम शिकारियों को तलाशने में जुट गई। जांच व शिकारियों को पकड़ने के लिए स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स टीम को बुलाया गया। डॉग स्क्वायड ने भी खोजबीन की, जो कि घटनास्थल से कुछ दूर पर बने बांसपानी वनग्राम के कुछ घर तक पहुंची, लेकिन वहां टीम को कुछ नहीं मिला। वन विभाग की टीम ने अपना मुखबिर तंत्र भी सक्रिय कर रखा है। सीसीएफ अशोक कुमार ने बताया कोई प्रोफेशनल शिकारी नहीं है। आसपास का कोई भी व्यक्ति हो सकता है। हमारी टीम आरोपियों को पकड़ने में लगी है। जल्द ही टीम को सफलता मिलेगी।