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OpenAI व्हिसलब्लोअर सुचिर बालाजी की मौत:कंपनी पर कॉपीराइट उल्लघंन का आरोप लगाया था; मस्क ने भी रिएक्ट किया

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अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) रिसर्चर सुचिर बालाजी 26 नवंबर को अपने अपार्टमेंट में मृत पाए गए थे। अब कहा जा रहा है कि 26 साल के सुचिर ने आत्महत्या की थी। शिकागो ट्रिब्यून के मुताबिक, पुलिस का कहना है कि उन्हें जांच में किसी भी तरह की गड़बड़ी के सबूत नहीं मिले हैं। 26 नवंबर का यह मामला 14 दिसंबर को चर्चा में आया। नवंबर 2020 से अगस्त 2024 तक ओपनएआई के लिए काम करने वाले सुचिर तब चर्चा में आए थे जब उन्होंने कंपनी को लेकर कई चौंकाने वाले खुलासे किए थे। न्यूयॉर्क टाइम्स को दिए इंटरव्यू में सुचिर ने कहा था कि ओपनएआई का बिजनेस मॉडल स्टेबल नहीं है और इंटरनेट इकोसिस्टम के लिए बेहद खराब है। सुचिर ने आरोप लगाया था कि कंपनी ने अपना प्रोग्राम डेवलप करने के लिए अमेरिका के कॉपीराइट नियमों के उल्लघंन किया। उन्होंने लोगों से जल्द से जल्द कंपनी छोड़ देने के लिए भी कहा था। इलॉन मस्क ने इस खबर पर रिएक्ट किया है। मस्क ने ओपनएआई पर मुकदमा दायर किया
बता दें कि मस्क ने अल्टमैन के साथ मिलकर 2015 में ओपनएआई बनाई थी। यह एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) रिसर्च कंपनी है जो चैटजीपीटी जैसी सेवाएं बनाती है। मस्क ने 2018 में कंपनी के बोर्ड से इस्तीफा दे दिया था। बाद में मस्क ने OpenAI और सैम अल्टमैन समेत कंपनी के कई अन्य लोगों पर मुकदमा भी दायर किया। मस्क ने OpenAI-अल्टमैन समेत सभी लोगों पर 2015 में ChatGPT-मेकर को स्थापित करने में मदद करने के दौरान किए गए कॉन्ट्रेक्चुअल एग्रीमेंट्स का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया था। मुनाफा कमाने पर फोकस से टूटा समझौता
मस्क की तरफ से दायर लॉ-सूट में कहा गया था कि अल्टमैन ने OpenAI के को-फाउंर ग्रेग ब्रॉकमैन के साथ मिलकर एक ओपन सोर्स, नॉन-प्रॉफिट कंपनी बनाने के लिए मस्क से संपर्क किया था। यह कंपनी इंसानों के फायदे के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टेक्नोलॉजी डेवलप करती। मस्क के वकीलों ने कहा कि OpenAI के मुनाफा कमाने पर फोकस करने से यह समझौता टूट गया। ———————————– यह खबर भी पढ़ें स्विट्जरलैंड ने भारत का मोस्ट फेवर्ड नेशन दर्जा खत्म किया:वहां भारतीय कंपनियों को 10% ज्यादा टैक्स देना होगा, नेस्ले विवाद के बाद लिया एक्शन स्विट्जरलैंड सरकार ने भारत से मोस्ट फेवर्ड नेशन (MFN) का दर्जा वापस ले लिया। स्विस सरकार के इस फैसले के बाद अब वहां काम करने वाली भारतीय कंपनियों को 1 जनवरी 2025 से 10% टैक्‍स ज्यादा टैक्स देना होगा। स्विट्जरलैंड ने डबल टैक्स अवॉइडेंस एग्रीमेंट (DTAA) के तहत भारत को MNF राष्ट्र का दर्जा दिया था। यहां पढ़ें पूरी खबर…

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