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दवा कारोबारी का एफडी तुड़वाखाते से 20 लाख रुपए निकाले

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साइबर अपराधियों ने 16 लोगों से ठगी की है। सभी मामले पटना साइबर थाना में दर्ज हुए हैं। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है। 74 साल के पारसनाथ कदमकुआं के रहने वाले हैं। उनके दोनों बच्चे विदेश रहते हैं। वे पटना में अकेले रहते हैं। पारसनाथ दवा का कारोबार करते थे। वे एटीएम में पैसा निकालने गए थे। इसी दौरान मदद करने का झांसा देकर एक शातिर ने उनका एटीएम कार्ड बदल लिया। इसके बाद शातिरों ने उनका एफडी तोड़कर खाते से 20 लाख की निकासी कर ली। शातिर ने एक लाख कैश निकाला है और शेष 19 लाख ऑनलाइन ट्रांसफर कर लिया। पारसनाथ को इस बात की जानकारी तब हुई जब वे बैंक में पैसा निकालने गए थे। उन्होंने कहा कि पुलिस और बैंक ने मुझे कोई विशेष जानकारी नहीं दी है। बिजली बिल बकाया होने का झांसा देकर 2.23 लाख ठगे बिजली बिल बकाया होने का झांसा देकर शातिर ने दीघा बांस कोठी के रहने वाले हाफिज सैय्यद रिजवानुल हक से 2.23 लाख की ठगी कर ली। रिजवानुल को शातिर ने फोन कर खुद को बिजली कंपनी का अधिकारी बताया। कहा कि आपका बिजली बिल बकाया है। 10 रुपए से रिचार्ज करा कर उसे अपडेट कर लें। इसके बाद शातिर उन्हें एक लिंक भेजकर मोबाइल हैक कर लिया और उनके खाता से पैसे की निकासी कर ली। गोपालपुर थाना क्षेत्र के रहने वाले कपिल कुमार को दिल्ली के एक अस्पताल में इलाज कराना था। उन्होंने गूगल से उक्त अस्पताल का नंबर लिया। नंबर साइबर शातिर का निकला। शातिर ने उन्हें पहले 10 रुपए भेजने को कहा। इसके बाद उन्हें एक लिंक भेजा। उन्होंने लिंक पर क्लिक किया और शातिर ने उनका मोबाइल हैक कर लिया। इसके बाद उनके खाता से 1.60 लाख की निकासी कर ली। डिजिटल अरेस्ट कर 41 हजार वसूले : कुम्हरार के रहने वाले शत्रुघ्न ठाकुर के मोबाइल पर मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बनकर शातिर ने फोन किया। उसने शत्रुघ्न को बताया कि उनके आधार कार्ड से मोबाइल नंबर लिया गया। उक्त मोबाइल नंबर नरेश गोयल मनी लांड्रिंग केस में संदिग्ध है। केस में फंसा देने की धमकी देकर शातिर उन्हें कई घंटे तक डिजिटल अरेस्ट रखा और 41 हजार की वसूली कर ली।

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