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मानव तस्करी मामले में कानपुर पुलिस का बिहार में डेरा:शहर में बच्चे बेचने के लिए बिहार से आते तस्कर, गरीब परिवार को टारगेट करते थे

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दिल्ली से पकड़े गए मानव तस्करी के आरोपी पप्पू यादव से पुलिस की पूछताछ के दौरान कई अहम बातें सामने आई हैं। पुलिस इस पूरे मामले में गंभीरता से जांच कर रही है। वहीं पुलिस को इस मामले में बिहार से भी कई तार जुड़े होने की बात पता चली है। इस लिए कानपुर पुलिस की एक टीम ने बिहार में भी डेरा डाल दिया है। पुलिस का कहना है कि जल्द ही बड़ी सफलता हाथ लगेगी। पुलिस को पता चला है कि बिहार से भी कुछ लोग यहां आकर मानव तस्करी करते थे। बच्चों के परिवार की आर्थिक स्थिति सुधारने की कहते थे बात पप्पू यादव का जाल यूपी ही नहीं बल्कि बिहार जिले तक फैला हुआ है। ये लोग एक गैंग बनाकर काम करते हैं। ये देखते है जिन लोगों के घर की स्थिति अच्छी नहीं होती है वह उन घरों को टारगेट करते थे। इसके बाद परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक होने की बात कहकर बच्चों को घर से ले जाते थे। इसके बाद ये लोग परिवार के लोगों से संपर्क करना कम कर देते हैं। कुछ दिनों के बाद उनका फोन भी नहीं उठाते हैं। इस तरह से इन लोगों ने यूपी के कई जिलों में मानव तस्करी की हैं। शहर में भी अन्य बच्चों की तलाश जारी पुलिस की एक टीम शहर में भी लगी हुई हैं, जोकि ये तलाश रही है कि शहर में और ऐसे कितने बच्चे है जो तस्करी कर के लाए गए हैं। पुलिस की पूछताछ में पप्पू यादव ने भी बताया था कि वह दो और युवतियों को इसी शहर में बेच चुका है। अब पुलिस सभी की तलाश कर रही है। वहीं, पप्पू को शुक्रवार को ही पुलिस ने जेल भेज दिया गया था। एडीसीपी साउथ महेश कुमार ने बताया कि मानव तस्करी के आरोपी पप्पू यादव ने बच्चों को जानने से इनकार किया था, लेकिन जब लखनऊ वाले बच्चे से आमना-सामना कराया गया तो बच्चे ने आरोपी को पहचान लिया। पढ़िए पूरा मामला गोविंद नगर बी-ब्लॉक निवासी कारोबारी सतीश आनंद के गोविंद नगर और गुमटी समेत शहर में चार फर्नीचर के बड़े शोरूम हैं। सतीश परिवार बेटे अंकित आनंद के साथ में रहते हैं। सतीश ने बताया कि बेटे अंकित की शादी लखनऊ में हुई है। अंकित के ससुर ने ही बिहार के दो बच्चों को गुड़गांव के एक एजेंट पप्पू यादव से खरीदा था। इसके बाद उन्होंने एक बच्चा अपने यहां रख दिया और दूसरा उनके घर पर काम के लिए भेज दिया था। अंकित ने अपने दोनों बच्चों की देखरेख के लिए इस 12 साल के बच्चे को मंगाया था। गोविंदनगर थाना प्रभारी प्रदीप सिंह ने बताया- सोमवार रात को डायल-112 पर सूचना मिली कि गोविंद नगर बी-ब्लॉक में फर्नीचर कारोबारी अंकित आनंद के घर में मेरे 12 साल के बच्चे को बंधक बनाकर मजदूरी करवाई जाती है। विरोध करने पर उसे बेरहमी से पीटते हैं। इसके बाद हमने गोविंद नगर बी-ब्लॉक के मकान नंबर 124/278 में रहने वाले फर्नीचर कारोबारी सतीश आनंद के बेटे अंकित के घर पर दबिश दी। बच्चे को अपने कब्जे में लिया। घर से 12 साल का बच्चा बरामद हुआ और गाल पर चोट के निशान थे। अंकित ने पुलिस को बताया – मेरे ससुर सुनील मलिक के घर से करीब 1 महीने पहले यह लड़का हमारे घर काम करने के लिए आया था। इसके लिए मेरी पत्नी ने पप्पू यादव को 30 हजार रुपए दिए थे। पप्पू यादव गुडगांव में रहता है। इसके बाद पुलिस ने अंकित आनंद को अरेस्ट कर जेल भेज दिया था। यह बच्चा बिहार के मोतिहारी चंपारण निवासी युवक का था। उन्होंने ही पुलिस से शिकायत की थी। बताया था कि वह पत्नी व बच्चों के साथ गुरुग्राम में रहकर एक घर में खाना बनाने का काम करता है। यहीं से उसके चचेरे भाई और पप्पू यादव बच्चे नौकरी कराने के नाम पर ले गए। मगर उन्होंने बेटे को बेच दिया।

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