इंदौर के रियल एस्टेट कारोबारी अनीस मोहम्मद को खाने में बेहोशी की दवाई देकर नौकर दीपेश थापा दोस्त के साथ मिलकर डेढ़ करोड़ का माल ले गया। आरोपी 75 लाख के जेवर, 19 लाख नकद, 10 लाख की घड़ियां और गाड़ी ले गया। ये इंदौर की सबसे बड़ी चोरी है। चोरी की सूचना के बाद से तेजाजी नगर पुलिस कारोबारी के घर के आसपास ही डटी हुई है। आरोपी की धरपकड़ के लिए टीम बनाई है। सभी नाकों और संभावित इलाकों में जानकारी भेजी है। कारोबारी ने पुलिस को बताया कि एक बिल्ला पाल रखा है। बिल्ला ज्यादा देर अकेला रहा तो डिप्रेशन में आ जाता है। उसकी देखभाल के लिए कारोबारी ने खास तौर पर एक नेपाली नौकर को रखा था। नौकर ने 14 दिन में कारोबारी की अलमारियां, लॉकर और तिजोरी की जानकारी निकाल ली थी, इसलिए मौका पाकर चोरी कर भाग गया। कारोबारी अनीस मोहम्मद ने पुलिस को बताया घर पर मैं अकेला रहता हूं। पत्नी महू और बेटा देहरादून में है। हमारे घर में एक बिल्ला है, जिसकी देखभाल, घर की साफ-सफाई और मेरे भोजन के लिए एक मेड की जरूरत थी। इसलिए नौकर दीपेश थापा को रखा था। आरोपी दीपेश 1 दिसंबर से ही काम कर रहा था। उन्होंने उसे महू स्थित सिक्योरिटी एजेंसी के हेमंत पंवार के माध्यम से नौकरी पर रखा था। चोरी के बाद आरोपी ने एजेंसी संचालक को खबर कर दी कि अब वहां काम नहीं करेगा। एजेंसी की टीम कारोबारी के घर पहुंची तो पूरा घर अस्त-व्यस्त और कारोबारी बेहोश मिले। नशा इतना तेज था कि वे करीब 24 घंटे तक बेहोश रहे। वैरिफिकेशन करवाने का बोला था बकौल कारोबारी सिक्योरिटी एजेंसी संचालक हेमंत पंवार ने नौकर दीपेश थापा को जिस दिन मेरे घर भेजा था, तभी मैंने उसके वैरिफिकेशन के लिए कह दिया था। एक-दो बार और याद दिलाई तो हेमंत ने कहा था जल्द वैरिफिकेशन करवा देंगे। अभी पता नहीं कि थाने में उसके दस्तावेज जमा हुए हैं या नहीं। आर्मी अफसरों को भी किया सूचित अनीस ने बताया कि उनका महू में फॉर्म हाउस और अन्य कारोबार है। इस वजह से उनकी सेना के अफसरों से जान-पहचान है। चोरी की जानकारी कई परिचित अफसरों को सोशल मीडिया के मार्फत पहुंचाई है। नेपाल बॉर्डर और अन्य बॉर्डरों पर भी इसकी जानकारी हमने भेज दी है, ताकि बदमाशों का पता चल सके। आरोपी दीपेश 4-5 दिन से दे रहा था दवा
आरोपी द्वारा नौकरी छोड़ने की खबर देने के बाद एजेंसी संचालक हेमंत ने शुक्रवार को सेल्स हेड को उनके घर भेजा। वे ही अनीस को अस्पताल ले गए। आरोपी उन्हें 4-5 दिन से दवाई दे रहा था। वे 24 घंटे बाद होश में आए। खाना खाते ही चक्कर आने लगे, दीपेश ने ही मुझे सुलाया कारोबारी ने बताया कि दीपेश ही घर के काम करता था। गुरुवार शाम खाने के बाद मुझे चक्कर आने लगे तो मुझे बेडरूम में सुला दिया। फिर एक दोस्त को बुलाया। दोनों ने अलमारियां खंगाली फिर गार्ड्स को चकमा देकर थार से भाग गए। इंदौर में नौकर पहले भी कई बड़ी वारदात कर चुके हैं यह पहला मौका नहीं है कि नौकर ने मालिक के साथ वारदात की हो। इसके पहले दर्जनों वारदातें शहर में हो चुकी हैं। इसमें से प्रमुख घटनाएं ये हैं- अग्रवाल दंपती हत्याकांड : करीब 12 साल पहले एबी रोड पर तेजपुर गड़बड़ी पुल के पास फॉर्म हाउसनुमा बंगले में रहने वाले शरद अग्रवाल और उनकी पत्नी ज्योति की नौकर सुखलाल ने हत्या की थी। उसे कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है। ठक्कर दंपती हत्याकांड: 4 दिसंबर 2012 को स्कीम-114 के एक बंगले में रहने वाले गुजराती परिवार के बुजुर्ग दंपती किरीट भाई ठक्कर और उनकी पत्नी वर्षा की नौकर ने ही नृशंस हत्या कर दी थी। आरोपी दो दोस्तों को काम दिलाने का बोलकर बंगले पर लेकर आया था। दोनों दोस्तों की मदद से उसने हत्या की। फिर घर से 6 लाख रुपए, गहने, मोबाइल लूटकर ले गए थे। अभी तक इसका खुलासा नहीं हो पाया। नौकर निकला चोर : इसी साल विजय नगर क्षेत्र में डॉ. हर्ष के सूने मकान में लाखों की चोरी हो गई। पुलिस ने नौकर शंकर व उसके दोस्तों को पकड़ा। फिर वह राजस्थान भाग गया था। 51 लाख की चोरी के मास्टरमाइंड थे चोर: चार साल पहले प्रगति विहार में रहने वाले विवेक चुघ के घर 51 लाख की चोरी हुई थी। मास्टरमाइंड उनका पुराना नौकर रामू और वहीं काम करने वाली युवती निकली थी।