यूनेस्को द्वारा घोषित सिटी ऑफ म्यूजिक ग्वालियर की फिजा अगले 5 दिनों तक सुर, ताल और राग की बारिश में सराबोर रहेगी। भारतीय शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में देश का सर्वाधिक प्रतिष्ठित महोत्सव ‘तानसेन संगीत समारोह’ संगीत की नगरी ग्वालियर में आज से (15 दिसम्बर) शुरू हो रहा है, जो 19 दिसम्बर तक चलेगा। तानसेन समारोह का यह शताब्दी आयोजन है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के मुख्य आतिथ्य में तानसेन समाधि के समीप ऐतिहासिक महेश्वर किला की थीम पर बने भव्य एवं आकर्षक मंच पर शाम 6 बजे समारोह का शुभारंभ होगा। इसी मंच पर बैठकर देश और दुनिया के ब्रम्हनाद के शीर्षस्थ साधक संगीत सम्राट तानसेन को स्वरांजलि अर्पित करेंगे। उदघाटन समारोह में केन्द्रीय संचार एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया व मध्यप्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर बतौर विशिष्ट अतिथि शामिल होंगे। समारोह की अध्यक्षता संस्कृति, पर्यटन, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार धर्मेन्द्र सिंह लोधी करेंगे। समारोह में जिले के प्रभारी एवं जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, सामाजिक न्याय एवं उद्यानिकी मंत्री नारायण सिंह कुशवाह, सांसद भारत सिंह कुशवाह, विधायकगण डॉ. सतीश सिकरवार, साहब सिंह गुर्जर, सुरेश राजे व मोहन सिंह राठौर एवं महापौर डॉ. शोभा सिकरवार को बतौर अतिथि आमंत्रित किया गया है। तानसेन की समाधि पर शहनाई वादन से होगा शुभारंभ
शताब्दी वर्ष के तानसेन समारोह का आगाज आज होगा। इस दिन सुबह 10 बजे हजीरा स्थित सुर सम्राट तानसेन की समाधि पर शहनाई वादन, ढोलीबुआ महाराज की हरिकथा एवं मीलाद वाचन से समारोह का पारंपरिक शुभारंभ होगा। शाम 6 बजे समारोह की मुख्य सभाओं के लिए ऐतिहासिक महेश्वर किला की थीम पर बनाए गए भव्य मंच पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा औपचारिक शुभारंभ किया जाएगा। इसके बाद सांगीतिक सभाओं की शुरुआत होगी। मुख्य समारोह में 10 संगीत सभाएं होंगी
तानसेन संगीत समारोह में इस साल 10 संगीत सभाएं होंगी। पहली सभा 15 दिसंबर को शाम तानसेन समाधि परिसर में बनाए गए भव्य मंच पर सजेगी। इसके बाद हर दिन यहीं पर सुबह और शाम को सभाएं होंगी। समारोह के तहत 18 दिसम्बर को सुबह10 बजे से दो संगीत सभाएं समानांतर रूप से सजेंगीं। यह सभाएं तानसेन समाधि स्थल के मुख्य मंच और मुरैना जिले के सुप्रसिद्ध बटेश्वर मंदिर परिसर में संगीत सभा सजेगी। समारोह के आखिरी दिन यानि 19 दिसंबर को सुबह सभा संगीत शिरोमणि तानसेन की जन्मस्थली बेहट में और इस साल के समारोह की अंतिम संगीत सभा शाम को गूजरी महल परिसर में होगी। प्रख्यात तबला वादक पं. स्वपन चौधरी तानसेन अलंकरण से होंगे विभूषित
अलंकरण समारोह का आयोजन 18 दिसम्बर को शाम 6 बजे तानसेन समाधि परिसर में मुख्य समारोह के भव्य मंच पर आयोजित होगा। देश के ख्यातिनाम तबला वादक पं. स्वपन चौधरी कोलकाता को वर्ष 2023 के तानसेन सम्मान से विभूषित किया जाएगा। इसी तरह वर्ष 2023 के राजा मानसिंह तोमर सम्मान से सानंद न्यास इंदौर को अलंकृत किया जाएगा। आज ध्रुपद गायन से होगा शुभारंभ
सभा का शुभारंभ पारंपरिक रूप से 15 दिसंबर शाम 7 बजे शासकीय माधव संगीत महाविद्यालय ग्वालियर के ध्रुपद गायन से होगा। इस सभा में भारती प्रताप बेंगलुरू का गायन होगा। इस सभा में विश्व संगीत के तहत यूजी नाकागावा एवं शिगेरू मोरियामा जापान की प्रस्तुति होगी। इसी क्रम में पं. राहुल शर्मा मुम्बई का संतूर वादन एवं इसके बाद दिल्ली से पधार रहीं और ग्वालियर की मूलनिवासी शास्त्रीय संगीत की ख्यातिनाम गायिका मीता पण्डित का गायन होगा। 16 दिसंबर को प्रात:कालीन सभा
इस सभा का शुभारंभ प्रात: 10 बजे सारदा नाद मंदिर ग्वालियर के ध्रुपद गायन से होगा। इसके बाद हेमांग कोल्हटकर ग्वालियर का गायन, दिल्ली के भास्कर नाथ एवं साथियों द्वारा शहनाई वादन किया जाएगा। इसी क्रम में प्रयागराज के पं. प्रेमकुमार मलिक का ध्रुपद गायन होगा। 16 दिसंबर को सायंकालीन सभा
इस सभा का आरंभ शाम 6 बजे राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय ग्वालियर के ध्रुपद गायन से होगा। इस सभा में विश्व संगीत के तहत तावोर बेन दोर एवं तामार क्लोपर इजराइल की प्रस्तुति होगी। इसके बाद विवेक नवरे खैरागढ़ का सरोद वादन, वाराणसी के पं. रित्विक सान्याल के ध्रुपद गायन, पं. संतोष नाहर नई दिल्ली का वायोलिन वादन व पं. अजय चक्रवर्ती कोलकाता का गायन होगा। 17 दिसंबर को प्रात:कालीन सभा
सभा का आरंभ प्रात: 10 बजे तानसेन संगीत महाविद्यालय ग्वालियर के ध्रुपद गायन से होगा। इसके बाद भोपाल के महेश मलिक एवं अमित मलिक की वायोलिन जुगलबंदी, वाराणसी के पं. कमला शंकर का गिटार वादन, भव्या सारस्वत रतलाम का ध्रुपद गायन एवं जयपुर के अश्विन दलवी का सुर बहार वादन होगा। 17 दिसंबर को सायंकालीन सभा इस सभा की शुरुआत शाम 6 बजे भारतीय संगीत महाविद्यालय ग्वालियर के ध्रुपद गायन से होगी। इसके बाद विश्व संगीत के तहत फ्रांस के एटिने कैबरे व क्रिस्टोफ रोचर, निकोलस पॉइंटर्ड द्वारा रैप व संगीत बैंड की प्रस्तुत दी जाएगी। इसी क्रम में बेंगलुरू के सुविख्यात गायक नागराज राव हवलदार का गायन, रोनू मजूमदार मुम्बई का बांसुरी वादन और सभा के अंत में देश की ख्यातिनाम गायिका शुभा मुदगल दिल्ली का गायन होगा। 18 दिसंबर को प्रात:कालीन सभा इस सभा की शुरूआत प्रात:काल 10 बजे शंकर गंधर्व महाविद्यालय ग्वालियर के ध्रुपद गायन से होगी। इस सभा में रोहन पंडित ग्वालियर का गायन एवं उस्ताद दानिश असलम खां दिल्ली की रबाब प्रस्तुति होगी। इसके साथ ही प्रात: 10 बजे से एक सभा मुरैना के बटेश्वर मंदिर परिसर में सजेगी। इस संगीत सभा में मुरैना के मोहित खाँ का गायन, महालक्षमी शिनॉय उदयपुर का गायन, उस्ताद अमीर खाँ भोपाल का सरोद वादन एवं सभा के अंत में सुनंदा शर्मा दिल्ली का गायन होगा। 18 दिसंबर सायंकालीन सभा इस सभा की शुरुआत शाम 6 बजे साधना संगीत महाविद्यालय ग्वालियर के ध्रुपद गायन से होगी। इस सभा में विश्व संगीत के तहत रेमो स्केनो इटली के सितार वादन की प्रस्तुति होगी। इसके बाद तानसेन सम्मान से विभूषित कलाकार पं. स्वपन चौधरी कोलकाता का तबला वादन एवं आरती अंकलीकर टिकेकर मुम्बई का गायन होगा। 19 दिसंबर को बेहट में होगी प्रात:कालीन सभा इस सभा की शुरुआत प्रात: 10 बजे ध्रुपद केन्द्र बेहट के ध्रुपद गायन से होगी। इसके बाद अनूप एवं वैशाली मोघे ग्वालियर द्वारा गायन, अदिति शर्मा दिल्ली का ध्रुपद गायन एवं दीपांशु शर्मा ग्वालियर द्वारा सितार वादन की प्रस्तुति होगी।
सायंकालीन एवं अंतिम सभा 19 को दिसंबर गूजरी महल में होगी सभा की शुरुआत पारंपरिक रूप से सायंकाल 6 बजे ध्रुपद केन्द्र ग्वालियर के ध्रुपद गायन से होगी। इसके बाद सुकन्या रामगोपाल एवं साथी बेंगलुरू का घटम् वृंद वादन एवं मृत्तिका मुखर्जी कोलकाता का ध्रुपद गायन होगा। सभा का समापन त्रोइली एवं मौईशली दत्ता कोलकाता की सरोद जुगलबंदी के साथ होगा।