गोपालगंज के जादोपुर थाना क्षेत्र के राजवाही गांव के दो मजदूरों की मणिपुर के काकचिंग इलाके में गोली मारकर हत्या कर दी गई। मृतकों की पहचान वीरेंद्र मुखिया के बेटे सोना लाल(18 ) और दशरथ सहनी(17) के रूप में हुई है। घटना के बाद पूरे परिवार में शोक की लहर है, और परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। दोनों मृतक मजदूरों के परिवारों ने सरकार से मांग की है कि उनका शव पैतृक गांव भेजा जाएं ताकि उनका अंतिम संस्कार किया जा सके। एक बड़े भाई के साथ तो दूसरा पिता के साथ गया था परिजनों ने बताया कि दशरथ सहनी अपने बड़े भाई संतोष के साथ दीवाली के दूसरे दिन मणिपुर गया था, जहां वह मजदूरी का काम कर रहा था। एक साल पहले भी वह मणिपुर गया था, लेकिन तीन महीने बाद घर लौट आया था। वहीं सोना लाल अपने पिता के साथ मणिपुर गया था और काकचिंग में स्थित खुदजाई सीपीआई ऑफिस के पास एक किराए के मकान में रह कर मजदूरी कर रहा था। काम खत्म कर लौटने के दौरान मारी गोली बताया गया कि घटना के दिन दोनों काम खत्म करने के बाद साइकिल से अपने कमरे की ओर लौट रहे थे। तभी शाम करीब पांच बजे काकचिंग कैरेक इलाके में बाइक सवार दो बदमाशों ने उन्हें गोली मार दी। गोली लगते ही दोनों गिर पड़े, और उनके भाई, पिता और अन्य मजदूर जो करीब 500 मीटर की दूरी पर थे, शोर सुनकर मौके पर पहुंचे। शव सड़क पर पड़ा देखकर सभी ने शोर मचाया और पुलिस को घटना की सूचना दी। जिसके बाद पुलिस ने दोनों को अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। मृतकों के परिजनों ने बताया कि उन्हें हादसे की सूचना फोन के जरिए मिली थी। ठेकेदार से लेवी नहीं मिलने पर की हत्या मृतक सोना लाल की बुआ प्रेम शिला देवी ने बताया कि वह मणिपुर कमाने के लिए गया था, लेकिन वहां ठेकेदार से लेवी न देने के कारण उसकी हत्या कर दी गई। काम के लिए गए थे मृतक दशरथ सहनी के पिता मोहन सहनी ने कहा कि वह भी काम करने के लिए मणिपुर गए थे, लेकिन उनके बेटे को वहां मार दिया गया। सरकार से मुआवजे की मांग की स्थानीय पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि अजीत राय ने कहा कि दोनों मजदूर गरीब परिवार से थे और पेट पालने के लिए मणिपुर गए थे। वह सरकार से मांग करते हैं कि दोनों मजदूरों के शव उनके घर भेजे जाएं, ताकि अंतिम संस्कार किया जा सके। साथ ही, उन्होंने सरकार से यह भी मांग की है कि इन मजदूरों के आश्रितों को उचित मुआवजा दिया जाए।