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बंदूक अड़ाकर लूटी चार भैंसे बरामद, पुलिस बोली-चोरी थी:दो युवकों को डंडों से मारा, हाथ-पैर बांधकर 3 KM दूर छोड़ा; पुलिस पहुंचने के पहले आरोपी फरार

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मुरैना डोमपुरा गांव में 19 दिन पहले 27 नवंबर को 8 अज्ञात नकाबपोश बदमाशों ने बंदूक अड़ाकर चार भैसें और दो लोगों को बंधक बनाकर ले गए थे। हालांकि पुलिस ने लूट, डकैती या किडनैपिंग का मामला न मानते हुए साधारण चोरी का मामला दर्ज कर जांच में लिया था। पुलिस ने रविवार को इस मामले का खुलासा करते हुए कहा कि चोरी गईं चारों भैंसों को घुरैया बसई गांव की डांग से बरामद कर लिया गया है, लेकिन अज्ञात आरोपी फरार हो गए हैं। इस मामले में फरियादी पंजाब सिंह का कहना है कि हमें चारों भैंस मिल गई हैं, लेकिन आरोपियों का पता नहीं चल सका है। वह हमारे साथ कोई भी वारदात कर सकते हैं। पुलिस को चाहिए कि वह अज्ञात लुटेरों को पकड़ें, ताकि हम और जिन दो लोगों को बंधक बनाकर अज्ञात बदमाश ले गए थे वह सुरक्षित रह सकें। इस मामले में थाना प्रभारी दर्शन लाल शुक्ला का कहना है कि रविवार को सूचना मिली कि घुरैया बसई गांव की डांग में बदमाशों द्वारा चोरी गई भैंसें बंधी हुई हैं। सूचना पाकर थाना प्रभारी ने क्राइम ब्रांच की मदद से एक टीम गठित की और तत्काल घुरैया बसई की डांग में छापा मारा। मौके पर बंधी चारों भैंसों को सुरक्षित बरामद कर लिया गया। आरोपियों की तलाश की जा रही है। आइए पहले सुनते हैं भैंस मालिक पंजाब सिंह ने क्या कहा? भैंसों के चोरी हो जान के बाद भैंस मालिक पंजाब सिंह ने कहा कि 7-8 नकाबपोश लोग 27 नवंबर को बंदूक लेकर आए थे। पहले वह यहां सो रहे अरुण और अमर सिंह के अज्ञात नकाबपोश ने हाथ-पैर बांध दिया और तीन किलोमीटर दूर जाकर छोड़ आए। इसके बाद चार-पांच नकाबपोश वापस आए और चार भैंसों के साथ एक पढ़िया ले गए। हालांकि पढ़िया अपने आप ही वापस लौटकर आ गई थी। पंजाब सिंह का कहना है कि इस मामले में वह लगातार थाने और एसपी ऑफिस के चक्कर लगा रहे थे। एसपी ऑफिस में वह तीन बार आवेदन दे चुके थे। 15 दिसंबर को उनकी भैंसें तो मिल गई हैं, लेकिन अज्ञात नकाबपोश बदमाशों का पता नहीं चल सका है। उन्हें भी शीघ्र गिरफ्तार करना चाहिए, ताकि हम लोग सुरक्षित रह सकें। किडनैप होने वालों ने कहा-3 किमी दूर छोड़ा अज्ञात नकाबपोशों ने भैंसाें के ले जाने के पहले अमर सिंह और अरुण का कहना है कि अज्ञात नकाबपोश बंदूक लेकर आए थे। उन्होंने हमारे हाथ-पैर बांधकर ले गए थे। तीन किलोमीटर दूर ले जाने के बाद खेतों में ही पटक दिया। अमर सिंह का कहना है कि हम दोनों को हाथ-पैर बांधकर पटक देने के बाद चार-पांच बदमाश वापस आए थे और चारों भैंसों को ले गए थे। अमर और अरुण का कहना है कि बदमाशों ने हमें डंडों से भी बहुत मारा था। इस पूरे मामले को हमने पुलिस को भी बताया था। इस तरह की वारदात के बाद हम लोग काफी डरे हुए हैं। अभी तक अज्ञात नकाबपोश गिरफ्तार नहीं हुए हैं और न ही यह पता चल सका है कि वह लोग कौन है। ऐसे में वह कभी भी दोबारा हमला कर सकते हैं। मुखबिर की सूचना से मिली सफलता थाना प्रभारी दर्शन लाल शुक्ला का कहना है कि यह पूरा मामला साधारण चोरी का है। फरियादी अज्ञात नकाबपोश, बंदूक और किडनैपिंग की कहानी सुना रहे हैं। रविववार को हमें सूचना मिली थी कि घुरैया बसई गांव की डांग में बदमाशों द्वारा चुराई गई भैंसें बंधी हुई हैं। सूचना पाकर क्राइम ब्रांच की मदद से एक टीम गठित की और तत्काल घुरैया बसई की डांग में छापा मारा। मौके पर बंधी चारों भैंसों को सुरक्षित बरामद कर लिया गया। हालांकि चोर गिरफ्तार नहीं हो सके। शीघ्र ही उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा। भैंसों को थाने लाया गया, फरियादी को सौंपा गया बरामद भैंसों को लोडिंग वाहन में सिविल लाइन थाने लाया गया। थाने में जांच प्रक्रिया पूरी करने के बाद चारों भैंसों को उनके मालिक पंजाब सिंह को सुपुर्द कर दिया गया। थाना प्रभारी दर्शन लाल शुक्ला ने बताया कि आरोपियों की पहचान कर ली गई है, और उनकी गिरफ्तारी के लिए अलग-अलग टीमों को रवाना किया गया है। जल्द ही आरोपियों को पकड़ा जाएगा।

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