राज्य की कृषि,पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने पलामू दौरे के क्रम में कहा कि वह झारखंड में लैंड रिकॉर्ड डिजिटलाइजेशन के खिलाफ हैं। इसके कारण किसानों को योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है। केंद्र की सभी योजनाओं को आंख बंद कर इस राज्य में लागू नहीं किया जा सकता है। लैंड रिकॉर्ड डिजिटलाइजेशन के लिए खतियान की जरूरत है। यहां खतियान जिस हाल में हैं उससे लैंड डिजिटलाइजेशन नहीं हो पा रहा। इस कारण जमीन का रसीद नहीं कट पा रहा है। जिससे कृषि संबंधित योजनाओं से लोग वंचित हो रहे हैं। जमीन का रसीद ऑफ लाइन करना चाहिए। इसके लिए उन्होंने विधानसभा में भी आवाज उठाया था। गड़बड़ी करने वाले पैक्स को भंग करें कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने पलामू में विभाग के अधिकारियों संग बैठक की और कहा कि सप्ताह में दो दिन अधिकारी फील्ड में जाकर योजनाओं की हकीकत जानें और मुख्यालय को रिपोर्ट करें। उन्होंने कहा कि योजना छोटे किसानों को ध्यान में रखकर बनाएं। पैक्स का निरीक्षण करें। किसान हित में काम नहीं करने वाले, बीज वितरण और फसल खरीदी में गड़बड़ी करने वाले पैक्स पर कार्रवाई करें। जहां भी पांच साल में चुनाव नहीं हुए हैं। वहां पैक्स का चुनाव कराएं। किसानों तक बीज पहुंचे इसकी होगी निगरानी मंत्री तिर्की ने कहा कि सरकार द्वारा विभिन्न फसलों के लिए दिए जा रहे बीज किसानों तक पहुंचे इसकी मॉनिटरिंग होगी। ब्लॉक चेन मैकेनिज्म डेवलप कर सही किसानों को इसका लाभ दिया जाएगा। मंत्री ने कहा कि मछली उत्पादन को बढ़ाना है। इसमें काफी संभावनाएं हैं। नील गाय की समस्या को दूर करने पर भी विचार किया जाएगा।