योगी सरकार द्वारा बरेली में नाथ नगरी कॉरिडोर का निर्माण किया जा रहा है, जिसमें भगवान भोलेनाथ के प्रतीक चिन्ह त्रिशूल और डमरू लगाए जा रहे हैं। इसे लेकर शहर में विरोध शुरू हो गया है। ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा कि त्रिशूल लगाने से शहर की छवि धूमिल हो रही है और यह केवल एक धर्म को बढ़ावा देने जैसा है। उन्होंने मांग की है कि यदि नाथ नगरी कॉरिडोर बनाया जा रहा है, तो आला हजरत कॉरिडोर भी बनाया जाए। साथ ही, शहर के ऐतिहासिक स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के नाम पर सड़कों और पार्कों का नामकरण हो। नाथ नगरी में त्रिशूल लगाए जाने का विरोध बरेली में योगी सरकार नाथ नगरी कॉरिडोर बना रही है, जिसके तहत बरेली में भगवान भोलेनाथ के प्रतीक चिन्ह लगाकर नाथ नगरी कॉरिडोर को सजाया-संवारा जा रहा है। कहीं डमरू तो कहीं त्रिशूल लगाया जा रहा है। बरेली में बिजली के पोल पर त्रिशूल लगाए जा रहे हैं। लेकिन अब इसका विरोध भी शुरू हो गया है। बरेली के मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने इसका विरोध शुरू कर दिया है। त्रिशूल लगाकर एक खास धर्म को बढ़ावा दिया जा रहा है ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने अपने जारी किए गए बयान में कहा कि शहर की सफाई, सुथराई और सुंदरीकरण करने की जिम्मेदारी नगर निगम की है। नगर निगम इस दिशा में अच्छा काम कर रहा है, मगर बिजली के खम्भों और डिवाइडरों आदि जगहों पर त्रिशूल लगाकर एक खास धर्म को बढ़ावा देने और प्रचार करने से हमारे शहर की छवि धूमिल हो रही है। नगर निगम खास मजहब के प्रचार के लिए काम न करे, इससे टूटेगा मुसलमानों का भरोसा त्रिशूल के साथ दूसरे धर्मों की पहचान के तौर पर कुछ चीजें लगाई जाएं तो मुसलमानों को कोई आपत्ति नहीं होगी। लेकिन अगर सिर्फ एक धर्म की पहचान को सरकारी सम्पत्तियों पर लगाया जाएगा, तो हर व्यक्ति को आपत्ति होगी। मौलाना ने कहा कि हमारा देश जम्हूरी मुल्क है। यह किसी खास धर्म के मानने वालों का देश नहीं है। संविधान सभी धर्मों को सम्मान देने की बात करता है। अगर सिर्फ एक धर्म को नगर निगम बढ़ावा देगा तो यह सभी लोगों के दिलों को आहत करने वाली बात होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास का नारा देते हैं; उसे अमलीजामा पहनाना चाहिए मौलाना ने कहा कि नगर निगम हो या दूसरी सरकारी सम्पत्तियां, उन पर सभी धर्मों के मानने वालों का अधिकार है। नगर निगम के महापौर डॉ. उमेश गैतम को मुसलमान पसंद करते हैं। वे भाजपा के पहले ऐसे व्यक्ति हैं, जिन्हें मुसलमान भी वोट देते हैं। उन्हें पक्षपात का रवैया नहीं अपनाना चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास का नारा देते हैं। उसे अमलीजामा पहनाना चाहिए। अगर एक खास धर्म के प्रचार की बात होगी तो मेयर उमेश गैतम से दूसरे धर्म के मानने वालों का भरोसा टूटेगा। हजरत शाह शराफत मियां, हाफिज रहमत खां, खान बहादुर खां के नाम से रखे जाएं पार्कों और सड़कों के नाम मौलाना ने आगे कहा कि नाथ कॉरिडोर के साथ ही आला हजरत कॉरिडोर बनाया जाए। क्योंकि आला हजरत विश्व प्रसिद्ध शख्सियत का नाम है। उनकी वजह से पूरी दुनिया में “बरेली शरीफ” को जाना और पहचाना जाता है। नगर निगम से हमारी मांग है कि हजरत शाह नियाज अहमद चिश्ती, हजरत शहदाना वली, हजरत शाह शराफत मियां, हाफिज रहमत खां, खान बहादुर खां और मौलाना रजा अली खां बरेलवी आदि स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के नाम से पार्कों और सड़कों के नाम रखे जाएं।