बिना डिग्री व लाइसेंस के प्रसव और गर्भपात कराने, इलाज करने पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने कई झोलाछाप पकड़े। दवाएं और उपकरण भी जब्त किए। नोटिस के बाद भी चिकित्सक होने का कोई प्रमाण नहीं दे सके। इस पर विभाग ने ऐसे 11 झोलाछापों के खिलाफ केस दर्ज गया है। कराया
सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि बीते दो महीने में 20 से अधिक झोलाछाप और उनके अवैध अस्पताल क्लीनिक संचालित होते पकड़े गए। गर्भपात प्रसव के उपकरण मिले। दवाएं भी जब्त की गई। नोटिस के बाद भी 11 ने चिकित्सकीय डिग्री, क्लीनिक अस्पताल का लाइसेंस और एनओसी का प्रमाण नहीं दिया। संबंधित थानों में केस दर्ज कराया गया है। इसकी रिपोर्ट शासन और पुलिस आयुक्त को भी भेज रहे हैं। बाकी के भी रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं कराने पर एफआईआर कराई जाएगी। इन पर हुई एफआईआर कसाव पॉली क्लीनिक किरावली, गणपति हॉस्पिटल शमसाबाद, प्रीति हॉस्पिटल जगनेर, न्यू राधिका हॉस्पिटल शमसाबाद, जीएस पैथोलॉजी लैब शमसाबाद, शन्नो क्लीनिक अछनेरा, राकेश क्लीनिक किरावली, स्नेहलता क्लीनिक ताजगंज, ज्योति हॉस्पिटल बाह, संगीता जादौन क्लीनिक पिनाहट, अमिता मसीह क्लीनिक शाहगंज।
रिकॉर्ड नहीं मिले कार्रवाई की तैयारी
सीएमओ ने बताया कि छापे में ट्रांस यमुना कॉलोनी स्थित जेपी हॉस्पिटल, महादेव हॉस्पिटल, लोकहितम हॉस्पिटल, शिवशक्ति हॉस्पिटल, ग्लोवल हॉस्पिटल, कमला नगर स्थित ओम अशोका हॉस्पिटल, भाटिया क्रिटिकल केयर यूनिट, हृदयम हॉस्पिटल में छापे के दौरान चिकित्सक नहीं मिले थे। ट्रांस यमुना कॉलोनी स्थित सूर्य उदय हॉस्पिटल में डॉक्टर नहीं थे और अवैध मेडिकल स्टोर मिला। लाइसेंस का नवीनीकरण भी नहीं था। इनको नोटिस देकर चिकित्सक-पैरामेडिकल स्टाफ की चिकित्सकीय डिग्री, लाइसेंस, विभिन्न विभाग से एनओसी मांगी, लेकिन उपलब्ध नहीं कराए हैं। इन पर कार्रवाई की तैयारी चल रही है।