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बेतिया एस्टेट की जमीन का जल्द तय होगा भविष्य:बिहार सरकार बना रही नियमावली, शासन से बात कर कार्रवाई पर होगा निर्णय

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बिहार राज्य के बेतिया एस्टेट की जमीन को लेकर सरगर्मी बढ़ती जा रही है। बिहार सरकार के प्रतिनिधि गोरखपुर में डेरा जमा चुके हैं। खाली जमीनों की पैमाइश भी शुरू हो गई है। जहां निर्माण हो चुका है, उसको लेकर भी फैसला होने वाला है। बेतिया राज की संपत्ति पर जिनके कब्जे हैं, उनका भविष्य भी जल्द ही तय किया जाएगा। बिहार सरकार की ओर से इसको लेकर गजट प्रकाशित किया जा चुका है। नियमावली भी तैयार की जा रही है। इसके बाद यह तय होगा कि कब्जाधारियों से कैसे निपटना है। गोरखपुर में लगभग 51 एकड़ ऐसी जमीन है।
बेतिया एस्टेट की जमीन गोरखपुर, बस्ती, कुशीनगर व महराजगंज जिलों में है। सर्वाधिक क्षेत्रफल गोरखपुर में चिह्नित किया गया है। लेकिन इनमें से अधिकतर हिस्से में या तो सरकारी आवास बने हैं या फिर निजी लोगों का कब्जा है। बिहार सरकार ने बेतिया एस्टेट की संपत्तियों की निगरानी अपने हाथ में ली है। उसी के बाद से लगातार यहां के जमीनों की समीक्षा की जा रही है। बिहार सरकार की ओर से यहां राजस्व अधिकारी की तैनाती भी की गई है। उनकी देखरेख में खाली जमीनों की पैमाइश भी हो रही है। इस बीच जो लोग बेतियाराज की संपत्ति के दायरे में आ रहे हैं, उनकी चिंता बढ़ गई है सरकारी आवास, स्कूल, सड़क, धार्मिक स्थल का हुआ है निर्माण
बेतियाराज की जमीन शहर की वीआइपी कालोनी बेतियाहाता में है। इस मोहल्ले का नाम ही बेतिया के नाम पर पड़ा है। गोखपुर का कमिश्नर आवास, सीईओ गीडा का आवास एवं अन्य प्रशासनिक अधिकारियों के आवास उसी जमीन पर बने हैं। कुछ जमीन खाली भी है। आवास विकास परिषद ने भी बेतिया एस्टेट की जमीन का अधिग्रहण कर अपनी कालोनी बसायी है। आसान नहीं होगा कब्जा खाली कराना
सरकार के लिए बेतिया एस्टेट की जमीन से कब्जा हटवाना आसान नहीं है। अधिकतर जमीन पर आवास बने हैं। लोग वर्षाों से यहां रह रहे हैं। आवास विकास परिषद से आवास लेने वाले लोग नामांतरण भी करा चुके हैं। यहां रह रहे लोगों से कब्जा खाली कराना बहुत मुश्किल है। ऐसी स्थिति में उन्हें जमीन बेचने के विकल्प पर भी सहमति बन सकती है। अभी तक लगभग 2 एकड़ भूमि का सत्यापन हो चुका है। पैसा लेकर नियमित करने का भी विकल्प
बिहार सरकार के अधिकारियों को स्थानीय प्रशासन की ओर से सुझाव भी दिए गए हैं। उनसे कहा गया है कि जिन लोगों के मकान बन चुके हें। उन्हें नोटिस जारी कर सर्किल रेट से दोगुणा के बराबर कीमत देकर जमीन उन्हीं को दी जा सकती है। इन बिन्दुओं को लेकर बिहार व उत्तर प्रदेश सरकारों के बीच बैठक होगी। ———-
गोरखपुर में यह है बेतिया राज की संपत्तियां (हेक्टेयर में) कमिश्नर आवास परिसर- 4.799 सड़क- 4.649 आफिस आवास, कालोनी व पेड़-पौधे- 3.501
मकान- 2.237 आवास विकास कालोनी- 1.433 तुलसीदास इंटर कालेज- 1.526 पक्का मकान- 1.259
पानी की टंकी व स्कूल- 0.060 कब्रिस्तान- 0.080 नाली- 0.016 खंदक- 0.101
रास्ता- 0.380

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