पुरुषों से ज्यादा महिलाएं सुसाइड करने का प्रयास करती हैं, लेकिन महिलाओं से ज्यादा पुरुष जान देने में आगे हैं। इंडियन सोसाइटी में ऐसा ट्रेंड लगातार कई सालों से देखा जा रहा है। यह कहना है KGMU के साईकेट्री डिपार्टमेंट के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. सुजीत कर का। न्यूरोसाइकियाट्री और आत्महत्या की रोकथाम के विशेषज्ञ डॉ. सुजीत कहते हैं कि आमतौर पर सुसाइड को 2 कैटेगरी में बांटा गया है। पहला इम्पल्सिव सुसाइड। ये मोमेंट बेस होते हैं। रिजल्ट में फेल होने वाले सुसाइड इस कैटेगरी में आते हैं। AI इंजीनियर का सुसाइड केस एक प्लान सुसाइड केस है। प्रोजेक्ट की तरह टास्क को पूरा किया गया है। कैंपस@लखनऊ सीरीज के 67वें एपिसोड में KGMU लखनऊ के साईकेट्री डिपार्टमेंट के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. सुजीत कुमार कर से खास बातचीत…
डॉ. सुजीत कहते हैं कि एक शोध के अनुसार देश मे कुल सुसाइड के मामलों में उत्तर प्रदेश की 4.8% की हिस्सेदारी है। यूपी में होने वाले सुसाइड के मामलों में फैमिली प्रॉब्लम सबसे बड़ी वजह है। सुसाइड के 38.7% मामलों में यही समस्या मिलती है। ऐसे मामलों को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है। देखें वीडियो…