भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल जल्द चीन के दौरे पर जाएंगे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक डोभाल का ये दौरा 18 नवंबर को होगा। इस दौरान वे चीन के विदेश मंत्री वांग यी के साथ सीमा विवाद से जुड़े मुद्दों के समाधान पर बातचीत करेंगे। भारत-चीन के बीच इस साल अक्टूबर में सीमा विवाद को सुलझाने के लिए सहमति बनी थी। इसके लिए दोनों देशों ने अजित डोभाल और वांग यी को स्पेशल प्रतिनिधि बनाया था। 23 अक्टूबर को रूस के कजान में BRICS समिट के दौरान भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय बातचीत की थी। भारत और चीन के बीच 2020 में गलवान में हुई झड़प के बाद मोदी और जिनपिंग के बीच ये पहली द्विपक्षीय बातचीत थी। 2019 के बाद ये पहला मौका है जब भारत के कोई सीनियर अधिकारी या नेता चीन का दौरा करेंगे। इससे पहले विदेश मंत्री जयशंकर ने अगस्त 2019 में चीन की यात्रा की थी। भारत और चीन ने 2 साल में 38 बैठकें की भारत-चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में चार साल से सीमा विवाद को लेकर तनाव था। दो साल की लंबी बातचीत के बाद 21 अक्टूबर को एक समझौता हुआ कि दोनों सेनाएं विवादित पॉइंट्स देपसांग और डेमचोक से पीछे हटेंगी। इसके बाद 25 अक्टूबर से दोनों देशों की सेनाओं ने विवादित पॉइंट्स से हटना शुरू कर दिया था। भारत-चीन के बीच LAC पर पेट्रोलिंग को लेकर हुए समझौते पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 27 अक्टूबर को कहा था कि सैनिकों की वापसी पहला कदम है। अगला कदम तनाव कम करना है। तनाव को कम करने के लिए दोनों देशों के बीच 2 साल में 38 बैठकें हुई थीं। समझौते के मुताबिक दोनों सेनाएं अप्रैल 2020 से पहली की स्थिति में वापस लौट गई हैं। सेनाएं अब उन्हीं क्षेत्रों में गश्त कर रही हैं, जहां अप्रैल 2020 से पहले किया करती थीं। इसके अलावा कमांडर लेवल मीटिंग अब भी जारी है। अब पढ़िए भारत-चीन सीमा विवाद की पूरी डिटेल… गलवान घाटी-गोगरा हॉट स्प्रिंग्स पर पेट्रोलिंग पर अभी फैसला नहीं समझौते में लद्दाख के देपसांग के तहत आने वाले 4 पॉइंट्स को लेकर सहमति बनी, लेकिन डेमचोक के गलवान घाटी और गोगरा हॉट स्प्रिंग्स में गश्त को लेकर कुछ नहीं कहा गया है। देपसांग: भारतीय सेना के मुताबिक, सैनिक अब गश्त के लिए देपसांग में पेट्रोलिंग पॉइंट 10, 11, 11-A, 12 और 13 तक जा सकेंगे। डेमचोक: पेट्रोलिंग पॉइंट-14 यानी गलवान घाटी, गोगरा हॉट स्प्रिंग्स यानी PP-15 और PP-17 बफर जोन हैं। बफर जोन यानी ऐसा इलाका जहां दोनों सेनाएं एक-दूसरे के आमने-सामने नहीं आ सकतीं। ये जोन विपक्षी सेनाओं को अलग करते हैं। गलवान में 15 जून 2020 को झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हुए थे 15 जून 2020 को चीन ने ईस्टर्न लद्दाख के सीमावर्ती इलाकों में एक्सरसाइज के बहाने सैनिकों को जमा किया था। इसके बाद कई जगहों पर घुसपैठ की घटनाएं हुई थीं। भारत सरकार ने भी इस इलाके में चीन के बराबर संख्या में सैनिक तैनात कर दिए थे। हालात इतने खराब हो गए कि LAC पर गोलियां चलीं। इसी दौरान 15 जून को गलवान घाटी में चीनी सेना के साथ हुई झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। बाद में भारत ने भी इसका मुंहतोड़ जवाब दिया था। इसमें करीब 60 चीनी जवान मारे गए थे। —————— भारत-चीन से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… जयशंकर बोले- भारत और चीन के रिश्तों में मामूली सुधार:पूर्वी लद्दाख में सेनाएं पीछे हटीं, लेकिन LAC के कई इलाकों में अभी भी विवाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को भारत-चीन सीमा विवाद पर संसद को जानकारी दी। विदेश मंत्री ने सदन में कहा कि भारत और चीन बातचीत और कूटनीति के जरिए सीमा विवाद सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं। पूरी खबर यहां पढ़ें…