कुशीनगर में एथेनॉल प्लांट लगाए जाने को लेकर किसान और प्रशासन 1 दिसंबर को ही आमने-सामने आ गए थे। वहीं समाजवादी पार्टी ने हाटा तहसील का घेराव करने का ऐलान किया था। जिसका नेतृत्व पूर्व कैबिनेट मंत्री राधेश्याम सिंह कर रहे थे लेकिन प्रशासन ने पहले पूर्व मंत्री राधेश्याम सिंह को धरना प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं दी। सोमवार को सुबह ही हाटा स्थित उनके आवास पर कई स्थानों की फोर्स लगा दी गई हाउस अरेस्ट में रखा। जिसके बाद पूर्व मंत्री ने अपने घर पर ही धरना शुरू किया। सुबह 10 बजे से शुरू हुई समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं के साथ धरना शाम 2 बजे तक चलती रही। इसके बाद हाटा एसडीएम प्रभाकर सिंह मौके पर पहुंचे पूर्व मंत्री के आवास पर ही उनसे ज्ञापन लिया। पूर्व मंत्री राधेश्याम सिंह ने कहा कि हम उत्तर प्रदेश सरकार से किसानों के हित में यह मांग कर रहे हैं की एथेनॉल प्लांट लगाने को लेकर जमीन अधिग्रहण में किसानों को सर्किल रेट के चार गुना मुआवजा मिले। प्रशासन ने जो मुकदमे किसानों पर कर रखे हैं उन्हें वापस लिया जाए। भूमि अधिग्रहण में जो किसान भूमिहीन हो जाएंगे उन्हें एक नौकरी दी जाए। जिन अधिकारियों के कहने पर किसानों को लाठी से पीटा गया। उन पर कार्रवाई की जाए। फसल का दाम बढ़ाने की मांग इसी जिले में भाजपा के लोग रोज कार्यक्रम और मीटिंग करते हैं। जिसके लिए उनको अनुमति की जरूरत नहीं पड़ती। कुशीनगर महोत्सव चल रहा है। जिसमें रोज नाचने गाने वाले लोग आ रहे हैं। लेकिन उसके लिए भी अनुमति की जरूरत नहीं है। लेकिन धरती के सीने को चीर अनाज उत्पादन करने वाला किसान अपने फसल का दाम बढ़ाने की मांग करें। अपना मुआवजा मांगे तो उसे अनुमति नहीं दी जाती है। किसान अपनी बात कहे तो अनुमति नहीं मिलती है। जब जिले में अन्याय के खिलाफ आवाज उठाता हूं। मेरे ही ऊपर मुकदमे क्यों किए जाते हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बताएं क्या हम विपक्ष में रहकर गरीब, मजदूर, किसान व मजलूम की आवाज नहीं उठा सकते। मोदी जी संसद में रहते हैं। पूर्व की सरकार है किसानों पर लाठी चलवाती थी। उनकी आवाज को दबाती थी। मोदी जी कुशीनगर का जिला प्रशासन किसने की आवाज अपने लाठियां के दम पर दबा रहा। मुझे अनुमति नहीं दी गई। मेरे ही घर में मुझे नजर बंद किया गया है। मुझे जेल में भी भेजा गया, तो मैं किसानों की आवाज दबने नही दूंगा।