इंदौर कांग्रेस के कार्यकारी शहर अध्यक्ष विशाल गोलू अग्निहोत्री के यहां प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई का आज दूसरा दिन है। दुबई से लौट रहे गोलू को ईडी टीम ने रविवार रात दिल्ली एयरपोर्ट पर हिरासत में लिया था। इसके बाद सोमवार सुबह गोलू के घर पर छापा मारा गया। बताया जा रहा है कि कांग्रेस नेता क्रिकेट सट्टा और डब्बा कारोबार के साथ मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में जांच के घेरे में है। गोलू अग्निहोत्री के इंदौर स्थित घर पर कल से ही सर्चिंग चल रही है। सर्चिंग के दौरान अधिकारियों ने लैपटॉप, मोबाइल के साथ ही कुछ दस्तावेज भी जब्त किए हैं। ईडी टीम ने इस कार्रवाई की स्थानीय पुलिस को भनक तक नहीं लगने दी। जांच के दौरान कांग्रेस नेता के घर पर सुरक्षा के लिए सीआरपीएफ के जवान तैनात किए गए। बताया जा रहा है कि वह बीते कुछ महीनों से दुबई में ही ज्यादा समय बिता रहे थे। दुबई में संपत्ति खरीदने से लेकर कुछ शैल कंपनियां बनाने की जानकारी भी ईडी के हाथ लगी है। ईडी इन्हीं सब मामलों को लेकर पूछताछ कर रही है। सर्चिंग के दौरान ईडी को प्रारंभिक तौर पर ऑनलाइन डब्बा कारोबार संचालित करने की जानकारी हाथ लगी है। इसके लिए गोलू द्वारा अपने कुछ करीबियों के नाम पर शैल कंपनियां बनाने की जानकारी सामने आई है। इन कंपनियों के जरिए देश-विदेश से आने वाले धन का रोटेशन किया जाता था। कंपनियों के दस्तावेज भी ईडी के हाथ लगे हैं। सूत्रों के अनुसार, कुछ कर्मचारियों के साथ ही कांग्रेस के एक बड़े नेता के नाम से भी ऐसी ही एक कंपनी बनाने की जानकारी जांच एजेंसी के हाथ लगी है। कमल नाथ के करीबी विशाल अग्निहोत्री मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष कमल नाथ के करीबी विशाल अग्निहोत्री इंदौर नगर निगम में पार्षद भी रहे हैं। उनकी पत्नी भी पार्षद रह चुकी हैं। इससे पहले वर्ष 2018 के चुनाव में अग्निहोत्री को इंदौर विधानसभा क्षेत्र-एक से कांग्रेस का टिकट भी मिला थ। लेकिन नामांकन दाखिल करने से पहले ही पार्टी ने उनका नाम हटाकर संजय शुक्ला को फार्म-बी जारी कर दिया था। दो साल पहले उन्हें इंदौर शहर कांग्रेस का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया। सट्टे की कमाई विदेश भेजने की आशंका सूत्रों के अनुसार क्रिकेट सट्टे से प्राप्त आय को देश के बाहर भेजने की आशंका के चलते यह कार्रवाई की गई है। विदेश रुपए भेजने में आरोपियों द्वारा बिटकॉइन का उपयोग किए जाने की भी आशंका है। कार्रवाई में प्रारंभिक रूप से 1.5 करोड़ रुपए की अघोषित नकदी मिलने की सूचना है। जानकारों के अनुसार ईडी इस कार्रवाई के माध्यम से एक बड़े सट्टा रैकेट का खुलासा करने में जुटी है। इस कार्रवाई की शुरुआत गुजरात में आयकर विभाग के छापे से हुई। इसके बाद इंदौर, मनावर और राजगढ़ में आयकर का छापा पड़ा। जिसके तार गुजरात से जुड़े हुए थे। आयकर विभाग की इस दूसरी कार्रवाई में भी सट्टे की राशि होने के सबूत मिले थे। साथ ही बिटकॉइन की खरीदी बिक्री होने की भी जानकारी थी।