सुल्तानपुर में मंगलवार को पेंशनर दिवस मनाया जा रहा है। राज्य सरकार के निर्देश पर पेंशनरों की समस्याओं के त्वरित निस्तारण के लिए कलेक्ट्रेट सभागार में पेंशनर दिवस का आयोजन किया गया। इसमें राज्य सरकार के सभी विभागों के काफी संख्या में पेंशनर शामिल हुए। अपर जिलाधिकारी एस. सुधाकरन और वरिष्ठ कोषाधिकारी अरविंद कुमार सिंह की मौजूदगी में पेंशनर दिवस कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। इसमें आए हुए पेंशनरों ने अपनी समस्याओं को सामने रखीं, जिसका त्वरित निस्तारण किया गया। इस अवसर पर सुल्तानपुर के वरिष्ठ कोषाधिकारी अरविंद कुमार सिंह ने मीडिया से बताया कि आज पेंशनर दिवस को एक राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाया जा रहा है। उनकी समस्याओं का त्वरित निस्तारण किया जा रहा है। 17 दिसंबर 1982 को सुप्रीम कोर्ट ने दिया था फैसला
उन्होंने बताया कि सेवानिवृत्त पेंशनरों के सम्मान में हर साल 17 दिसंबर को पेंशनर दिवस मनाया जाता है। इस दिन को मनाने की वजह है कि 17 दिसंबर, 1982 को सुप्रीम कोर्ट ने पेंशनभोगियों को सम्मान और शालीनता की गारंटी देते हुए एक ऐतिहासिक फ़ैसला सुनाया था। इस फैसले के जरिए पेंशनभोगियों को सामाजिक-आर्थिक न्याय दिलाने की कोशिश की गई थी। इस दिन को मनाने की एक और वजह है कि स्व. डीएस नाकरा ने इस फैसले के लिए कई सालों तक संघर्ष किया था। उन्होंने समुदाय को सम्मान और शालीनता दिलाने के लिए बहुत मेहनत की थी। 17 दिसम्बर को इस दिन को हम लोग स्व. डीएस नाकरा साहब की याद में भी पेंशनर दिवस के रूप में मनाते हैं।