कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सज्जन वर्मा मंगलवार शाम 4 बजे आष्टा में मनोज परमार के घर हरसपुर पहुंचे। पहले उन्होंने मनोज परमार और उनकी पत्नी को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद उनके बच्चों जिया परमार, यश परमार, जतिन परमार से मिले। उन्हें 5 लाख रुपयों से भरी एक बड़ी गुल्लक दी। इस दौरान वर्मा ने कहा- अब इन बच्चों के लालन-पालन और उनकी पूरी शिक्षा-दीक्षा की जवाबदारी कांग्रेस पार्टी की है। वर्मा ने कहा कि जिस प्रकार से इन बच्चों ने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान अपनी भावनाएं राहुल गांधी के साथ प्रकट की और अपनी गुल्लक भेंट की थी। आज इन बच्चों के सिर से माता-पिता का साया उठ गया। ऐसी स्थिति में राहुल गांधी की सोच के अनुरूप पूरी कांग्रेस परिवार की जिम्मेदारी बनती है कि हम इस परिवार और बच्चों के साथ खड़े रहें। सज्जन वर्मा ने कहा लोकसभा सत्र समाप्त होने के बाद राहुल गांधी भी मिलने आएंगे मुझे ही ईडी ने करीब 50 नोटिस दिए वर्मा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी और उनकी सरकार अब इस तरह प्रताड़ित कर रही है कि लोगों को अपनी जान देने पर विवश होना पड़ रहा है। मैं बच्चों से कहना चाहता हूं कि घबराना मत। मुझे भी पिछले 2 साल में ईडी ने कई नोटिस दिए। इनका काम डराना और प्रताड़ित करना है, पर हम सब इनके अत्याचार के खिलाफ लड़ेंगे। उन्होंने कहा- ऐसे समय में तो लोग अपने दुश्मन के घर भी शोक प्रकट करने जाते हैं, पर इस क्षेत्र के जनप्रतिनिधि मंत्री, कोई बीजेपी का प्रतिनिधि उनके यहां नहीं आया। इससे ज्यादा निकृष्टता क्या होगी। वर्मा के साथ पूर्व मंत्री मुकेश नायक, पवन वर्मा, मनोज राजानी, शैलेंद्र पटेल, राजीव गुजराती, हरपाल ठाकुर, बलवीर तोमर, सिद्धार्थ कुशवाहा, कैलाश परमार, बलवान पटेल, आसिफ जैकी, विक्रम मस्टल, जनपद अध्यक्ष सूरज सिंह ठाकुर, अरविंद सेमलीबारी, कमल सिंह चौहान, सुनील कटारा, खालिद पठान, जाहिद गुड्डू, मेहरबान सिंह मुंडीखेड़ी, खालिद पठान, राजकुमार मालवीय, सन्नवर खान, देवराज परमार आदि उपस्थित थे। 13 दिसंबर को मिले थे दंपती के शव बता दें कि सीहोर जिले के आष्टा में कारोबारी मनोज परमार और उनकी पत्नी नेहा का शव 13 दिसंबर की सुबह घर में फंदे पर लटका मिला था। 8 दिन पहले 5 दिसंबर को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने परमार के इंदौर और सीहोर स्थित चार ठिकानों पर छापा मारा था। मनोज ने 5 पेज का सुसाइड नोट छोड़ा था। 7 पॉइंट्स के इस नोट में ईडी के अफसरों पर प्रताड़ना के आरोप लगाए थे।