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डिजिटल क्लॉस में पढ़ेंगे महाकुंभ में लगे श्रमिकों के बच्चे:प्रयागराज के महाकुंभनगर में शुरू हो गए 2 विद्यालय, निश्शुल्क मिलेंगी सभी सुविधाएं

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प्रयागराज के महाकुंभ को स्वच्छ बनाने में श्रमिकों व सफाई कर्मचारियों का अहम रोल होता है। 15 हजार से ज्यादा सफाईकर्मी महाकुंभ क्षेत्र में आ गए हैं। इनके साथ इनका पूरा परिवार 2 महीने तक यहीं रहेगा। इनके बच्चों की पढ़ाई के लिए मेला क्षेत्र में ही विशेष इंतजाम किए गए हैं ताकि इनकी पढ़ाई प्रभावित न होने पाए। ‘विद्या कुंभ’ पहल के तहत महाकुंभ क्षेत्र में 2 प्राथमिक विद्यालय बनकर तैयार हैं, इसके अलावा अभी 3 और विद्यालय और बनने हैं। इसमें डिजिटल क्लॉस भी बनाया गया है, यानी श्रमिक के इन बच्चों को डिजिटल क्लाॅस में पढ़ाया जाएगा। इन बच्चों को स्कूल बैग, किताबें, ड्रेस आदि सभी सुविधाएं निश्शुल्क उपलब्ध कराई जा रही हैं। धर्म-आध्यात्म के बीच ‘सरस्वती’ का प्रवाह महाकुंभ मेले में 2 विद्यालय बनकर तैयार हैं इसमें बच्चों का एडमिशन भी हो रहा है। श्रमिकों के ये बच्चे इस स्कूल में काफी खुश भी नजर आते हैं। यहां संगम की रेती पर जहां करोड़ों श्रद्धालु 2 माह तक धर्म और आध्यात्म में लीन होंगे, वहीं इन सबके बीच ‘सरस्वती’ का भी प्रवाह होगा। इसमें तमाम ऐसे बच्चे हैं जो अपने गांव में रहकर वहां के स्कूलों में पढ़ाई करते थे लेकिन अब मां-बाप के साथ वह मेला क्षेत्र में रहेंगे, उनकी पढ़ाई बाधित न हो इसके लिए अनूठा प्रयास किया गया है। 26 फरवरी तक संचालित होंगे यह विद्यालय BSA ने बताया कि यह अस्थायी विद्यालय तैयार किए हैं जो 26 फरवरी तक संचालित होंगे। इसमें जिन छात्र-छात्राओं का एडमिशन लिया जा रहा है वह इस अवधि के बाद अपने पुराने विद्यालय में चले जाएंगे। अभी तक सेक्टर-1 व सेक्टर-2 में 2 विद्यालय बनकर तैयार हो गए हैं। सेक्टर-1 में 148 छात्र व सेक्टर 2 के विद्यालय में 178 बच्चों का दाखिला हो चुका है। अभी अलग अलग सेक्टरों में 3 और विद्यालय बनाए जाने हैं। 11 शिक्षक व शिक्षिकाओं को तैनात किए गए हैं। दोनों विद्यालयों में गौरी मिश्रा व दिलीप मिश्रा को प्रधानाध्यापक के पद पर नियुक्त किया गया है। इन बच्चों को शिक्षा से जोड़ने की पहल : BSA BSA प्रवीण कुमार तिवारी ने कहा, “ इस पहल से हम शिक्षा को बढ़ावा देने और बच्चों को बुनियादी शिक्षा से जोड़कर उनके भविष्य को बेहतर बनाने का प्रयास कर रहे हैं। यह पहल महाकुंभ मेले में सफल साबित होगी। यह बिल्कुल सरकारी स्कूलों की तर्ज पर ही संचालित होंगे। ज्यादातर बच्चों को यूनिफॉर्म, उमंग किट, ज्ञान का पिटारा आदि दिया जा चुका है। इनके लिए शिक्षक भी नियुक्त किए जा चुके हैं।” एमडीएम के DC राजीव त्रिपाठी ने कहा, “बेसिक शिक्षा विभाग की यह पहल बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से की गई है। विभिन्न संस्थाओं द्वारा वितरित शैक्षणिक किट बच्चों के सीखने की प्रक्रिया को और प्रभावी बनाने में सहायक साबित होंगी। यह विद्यालय एजुकेटर गर्ल्स, बैंक ऑफ बड़ौदा व शिवनडार संस्था के सहयोग से संचालित हो रहे हैं। ‘महाकुंभ में ड्यूटी करना मेरे लिए सौभाग्य’ प्रधानाध्यापक दिलीप मिश्रा कहते हैं कि सभी शिक्षक अपनी सेवाएं परी उर्जा के साथ दे रहे हैं। बतौर शिक्षिका तैनात शुभांगी सिंह, कहती हैं इतने बड़े महाकुंभ में ड्यूटी करना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। यहां पूरे महाकुंभ की अवधि में बच्चों को ना सिर्फ पुस्तकीय ज्ञान दूंगी बल्कि इस महाकुंभ जैसे आयोजन से भी रूबरू करारूंगी। यह बच्चे इस महाकुंभ के साक्षी बनेंगे।

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