पेड़ों के अवैध कटान को लेकर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। इस दौरान पेड़ों की गिनती और अवैध कटान पर जुर्माना धनराशि बढ़ाए जाने पर अहम आदेश की उम्मीद है। आगरा के पर्यावरणविद डा. शरद गुप्ता की याचिका पर सुनवाई होनी है।
बता दें कि आगरा के पर्यावरणविद डा. शरद गुप्ता ने मथुरा, छटीकरा स्थित डालमिया बाग में 454 पेड़ और दयालबाग के माथुर फार्म हाउस में करीब 100 पेड़ अवैध रूप से काटे जाने का मुद्दा उठाया था। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।
पिछले दिनों हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को सख्त आदेश दिए थे कि अनुमति के बाद भी शाम 6 से सुबह 8 बजे तक पेड़ों को न काटा जाए।
इसके साथ ही याचिकाकर्ता ने टीटीजेड में पेड़ों की गिनती की मांग की थी। उन्होंने अपनी याचिका में कहा था कि 700 जगहों पर अवैध रूप से पेड़ काटे गए हैं। जहां पेड़ों की संख्या 1-2 से लेकर 200-2500 तक थी। तब स्थानीय स्तर पर कुछ अधिकारियों ने इसे मामूली जुर्माना लगाकर छोड़ दिया।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कहा कि जबकि वास्तविकता में यह सुप्रीम कोर्ट की यह अवमानना थी। सुप्रीम कोर्ट दो बार आदेश दे चुका है, उसनमें उसका कहना है कि बिना उसकी अनुमति के एक भी पेड़ किसी भी स्थिति में न काटा जाए।
याचिका में पेड़ों के अवैध कटान से टीटीजेड में वनावरण व हरित क्षेत्र कम होने की बात कही गई है। याचिकाकर्ता ने कहा कि वन विभाग रऔर लोक अदालत पेड़ काटने के आरोपितों को मामूली जुर्माना कर छोड़ देती है, जिससे स्थिति बिगड़ रही है।
सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश सरकार को उत्तर प्रदेश वृक्ष संरक्षण अधिनियम की धारा 10 और 15 पर पुनर्विचार करने को कहा है। इन धाराओं में पेड़ काटने के आरोपित पर जुर्माना लगाने और सजा देने का अधिकार अधिकारियों को दिया गया है। माना जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब पेड़ काटने पर जुर्माना राशि बढ़ाई जा सकती है।
इसके साथ ही पेड़ों की गिनती को लेकर भी यूपी सरकार की ओर से कोई फाॅर्मूला प्रस्तुत किया जा सकता है। जिससे कि पेड़ों के अवैध कटान पर रोक लगाई जा सके।
सीईसी की भी आज होनी है बैठक
पेड़ों के अवैध कटान को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई के बीच सेंट्रल इम्पावरमेंट कमेटी (सीईसी) की भी बुधवार को दिल्ली में बैठक होनी है। 18 दिसंबर को दिल्ली स्थित सीईसी कार्यालय पर बैठक बुलाई है। इस बैठक में TTZ के चेयरमैन, प्रधान मुख्य वन संरक्षक, मुख्य वन संरक्षक, रेल भूमि विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष, डीएफओ आगरा और पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के प्रतिनिधि मौजूद रहेंगे। इसमें याचिकाकर्ता भी जाएंगे।
इस बैठक में रेलवे मालगोदाम पर अवैध रूप से काटे गए पेड़ों का भी मामला उठाया जाएगा।