सुल्तानपुर में आर्य समाज बाधमंडी के तत्वावधान में आयोजित तीन दिवसीय वार्षिकोत्सव का शुभारंभ वैदिक यज्ञ के साथ हुआ। इस खास अवसर पर बीती रात एक भव्य भजन व उपदेश कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसकी शुरुआत साहित्यकार और पूर्व विभागाध्यक्ष हिंदी, संत तुलसीदास पीजी कॉलेज कादीपुर, प्रोफेसर डॉ. ओंकारनाथ द्विवेदी द्वारा दीप प्रज्ज्वलन से हुई। इस अवसर पर उन्हें शाल ओढ़ाकर और स्मृति चिन्ह एवं सत्यार्थ प्रकाश देकर सम्मानित किया गया। साध्वी स्नेहा आर्या ने दिया महत्वपूर्ण उपदेश वार्षिकोत्सव में साध्वी स्नेहा आर्या ने उपदेश देते हुए कहा, “परमपिता परमेश्वर कण-कण में विद्यमान हैं, वह कहीं एक स्थान पर नहीं हैं। संपूर्ण जगत राम मय है। और मृत्यु ही संसार का अंतिम सत्य है। इसलिए परमात्मा की उपासना परोपकारी जीवन के साथ करनी चाहिए, ताकि हमारा मानव जीवन सार्थक हो सके। वेद कहता है, ‘मनु: भव’ अर्थात् मानव बनो।” यज्ञ से वायु प्रदूषण का नाश होता है कार्यक्रम में यज्ञ के ब्रह्मा महात्मा राजेंद्र मुनि ने यज्ञ के महत्व पर प्रकाश डाला और कहा, “यज्ञ द्वारा वायु का प्रदूषण दूर हो जाता है। यज्ञ में भेदक विभाजन सामर्थ उत्पन्न करता है।” वहीं, राम मगन आर्य ने बताया कि ‘सारे विश्व का कल्याण यज्ञ से ही संभव है।’ कार्यक्रम में प्रमुख रूप से जमुना प्रसाद पांडेय, सौरभ त्रिपाठी, संदीप श्रीवास्तव, राजेश आर्य, उदय राज प्रजापति, वीरेंद्र मिश्रा, अजित द्विवेदी, मनीष मिश्रा, विवेकानंद, रजनीकांत जायसवाल, जयसिंह, त्रियुगी, ओम प्रकाश, रमाशंकर तिवारी समेत कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।