मुजफ्फरपुर शहर के अखाड़ाघाट पुल के समानांतर एक और उच्चस्तरीय पुल का निर्माण होगा। अखाड़ाघाट पुल के बगल में स्लम बस्ती है, जिसमें 100 से अधिक घर हैं। बच्चे और बुजुर्ग मिलाकर करीब 8 सौ अधिक लोग रहते हैं। ये लोग यहां करीब 70 साल से रह रहे। नए पुल के निर्माण के लिए इन्हें दूसरे जगह शिफ्ट करने की प्लानिंग है। सरकार इन्हें रहने के लिए जगह देगी। पर स्लम बस्ती में रहने वालों के अनुसार सरकारी की तरफ से मिलने वाली रहने लायक नहीं है। उनका कहना है कि जहां जमीन मिल रही है, वहां रोजी-रोजगार नहीं चल पाए, भूखे मर जाएंगे। हमें यहीं रहने दें। शहर के बगल में जमीन की मांग स्लम बस्ती में रहने वाले गुड्डू कुमार ने कहा कि 70 साल से अधिक समय से इस बस्ती में रह रहे हैं। अब जिला प्रशासन कह रहा कि पुल निर्माण होगा। आप लोगों के लिए दूसरी जगह व्यवस्था की जा रही है। हमें अच्छी जगह दी जाए, जिससे आने वाली पीढ़ी के बच्चों को कोई दिक्कत नहीं हो। हमलोग शहर में मजदूरी करते हैं। वहां से हमलोग शहर में आकर मजदूरी नहीं कर सकते हैं। हमलोगों को शहर के आसपास कोई जमीन दी जाए। जिससे हमलोगों के रोजगार पर असर नहीं पड़े. बस्ती की महिला शहर में चौका-बर्तन का काम करतीं हैं। वहां रहने की वजह से उनका काम भी छूट जाएगा। शहर से 15 किमी दूर मिल रही जमीन लखींद्र पासवान ने बताया कि हमलोग यहां लगभग 70 से 80 साल से रह रहे हैं। मेरे दादा भी यही रहे हुए हैं। जिसके बाद मेरा बच्चा भी यहीं रहा, अब उसकी उम्र शादी की हो गई है। तीन पढ़ी के लोग यहीं रहे हुए हैं। अब जिला प्रशासन हमें यहां से हटा रहा है। जहां जिला प्रशासन जगह देर रहा है वहां न तो पीने के लिए पानी की व्यवस्था है और ना ही अन्य सुविधाएं। जो जगह हमें दी जा रही है वो शहर से 15 से 16 किलोमीटर दूर है। 600 मीटर लंबे पुल के निर्माण पर 42.77 करोड़ रुपए लगेंगे वहीं, केंद्रीय सड़क निधि योजना से बनने वाले पुल की मंजूरी मिलने के साथ राशि भी स्वीकृत दे दी गई है। 600 मीटर लंबे पुल के निर्माण पर 42.77 करोड़ रुपए लगेंगे। अखाड़ाघाट पुल पर हर दिन जाम लगता है। खास तौर पर लग्न और पर्व में इस पुल से गुजरना मुश्किल हो जाता है। वाहनों की लंबी कतार में स्कूली बस से लेकर एंबुलेंस तक फंसी रहती है। स्थिति यह हो जाती है। कि पुल पर पैदल निकलना भी मुश्किल हो जाता है। जीरोमाइल की ओर से आने वाले लोग तीन चार किमी घूमकर दादर पुल बैरिया होकर शहर में आते हैं। जिसको लेकर इस पुलिस का निर्माण हो रहा है। इसके अलावा उत्तर पूर्वी क्षेत्र से आने वाले लोगों के लिए यह पुल काफी सुविधाजनक हो जएगा। सरैयागंज टावर होकर शहर जाने वाले लोग अब आसानी से दो पुल होकर आ जा सकते है। वहीं, तीसरे पुल से बनारस बैंक चौक होकर आ-जा सकेंगे। तीसरे पुल का काम पहले से चल रहा है। मालवाहक वाहनों के लिए भी यह पुल काफी कारगर हो जायेगा। जमीन चिह्नित की जा रही है डीएम सुब्रत कुमार सेन ने बताया कि अखराघाट पुल के समानांतर पुल का निर्माण होना है। जिसको लेकर तैयारी चल रही है। कई लोग विस्थापित होंगे। जो वर्षों से वहां रह रहे हैं। ऐसे लोगों को दूसरे जगह रहने के लिए जमीन दी जाएगी। सभी लोगों से बातचीत हुई है। जमीन चिह्नित की जा रही है। उनके सहमति के बाद जमीन दे दी जाएगी। ।